अलीगढ़, उत्तर प्रदेश – राजनीति में विचारधारा और दलबदल का खेल हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। अलीगढ़ जिले के 7 विधायकों में से कुछ अपनी मूल विचारधारा पर अडिग हैं, तो कुछ ने समय-समय पर दल परिवर्तन कर राजनीतिक समीकरण बदले हैं। आइए, जानते हैं कि अलीगढ़ के कौन-से विधायक वफादार हैं और कौन “अवसरवादी” माने जाते हैं।
जानिए क्यों भारतीय नेता सिद्धांतों को छोड़कर सत्ता के लिए दलबदल करते हैं। चुनावी मौसम में अवसरवादी राजनीति की पोल !
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) May 20, 2025
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अलीगढ़ जिले के 7 विधानसभा सीटें हैं—अतरौली, खैर, बरौली, कोल, अलीगढ़, छर्रा और इगलास।
1. सुरेंद्र दिलेर (खैर विधानसभा)
- पार्टी: भारतीय जनता पार्टी
- राजनीतिक पृष्ठभूमि: दिलेर परिवार की तीसरी पीढ़ी के राजनेता। उनके दादा किशनलाल दिलेर जनसंघ से शुरुआत कर चार बार विधायक और चार बार सांसद रहे। पिता राजवीर दिलेर भी दो बार विधायक और एक बार सांसद रहे।
- राजनीतिक यात्रा: सुरेंद्र दिलेर 2024 के उपचुनाव में पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और 38,393 मतों के अंतर से जीत हासिल की।
- दलगत निष्ठा: पारिवारिक रूप से भाजपा से जुड़े रहे हैं; कोई दल परिवर्तन नहीं।
2. संदीप कुमार सिंह (अतरौली विधानसभा)
- पार्टी: भारतीय जनता पार्टी
- राजनीतिक पृष्ठभूमि: पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र।
- राजनीतिक यात्रा: 2017 में संदीप कुमार सिंह पहली बार विधायक बने और 2022 में पुनः निर्वाचित हुए। वर्तमान में बेसिक शिक्षा मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।
- दलगत निष्ठा: भाजपा के प्रति स्थिर; कोई दल परिवर्तन नहीं।
3. राजकुमार सहयोगी (इगलास विधानसभा)
- पार्टी: भारतीय जनता पार्टी
- राजनीतिक पृष्ठभूमि: लंबे समय से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहे हैं।
- राजनीतिक यात्रा: 2019 के उपचुनाव में राजकुमार सहयोगी पहली बार विधायक बने और 2022 में पुनः निर्वाचित हुए।
- दलगत निष्ठा: भाजपा के प्रति स्थिर; कोई दल परिवर्तन नहीं।
4. रवेंद्र पाल सिंह (छर्रा विधानसभा)
- पार्टी: भारतीय जनता पार्टी
- राजनीतिक पृष्ठभूमि: स्थानीय राजनीति में सक्रिय।
- राजनीतिक यात्रा: 2022 में रवेंद्र पाल सिंह पहली बार विधायक बने।
- दलगत निष्ठा: भाजपा के प्रति स्थिर; कोई दल परिवर्तन नहीं।
5. मुक्ता संजीव राजा (अलीगढ़ विधानसभा)
- पार्टी: भारतीय जनता पार्टी
- राजनीतिक पृष्ठभूमि: स्थानीय राजनीति में सक्रिय।
- राजनीतिक यात्रा: 2022 में मुक्ता संजीव राजा पहली बार विधायक बनीं।
- दलगत निष्ठा: भाजपा के प्रति स्थिर; कोई दल परिवर्तन नहीं।
6. जयवीर सिंह (बरौली विधानसभा)
- पार्टी: भारतीय जनता पार्टी
- राजनीतिक पृष्ठभूमि: स्थानीय राजनीति में सक्रिय।
- राजनीतिक यात्रा: 2002 में जयवीर सिंह पहली बार विधायक बने।
- विधानसभा सदस्य के रूप में:
- फरवरी 2002: पहली बार 14वीं उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित।
- अप्रैल 2007: 15वीं विधानसभा में दूसरी बार निर्वाचित।
- मार्च 2022: 18वीं विधानसभा में तीसरी बार सदस्य बने (वर्तमान में सदस्य)।
- मंत्री पदों पर योगदान:
- 2002-2003: वन मंत्री – मायावती (BSP) के पहले मंत्रिमंडल में।
- मई-अक्टूबर 2007: शिक्षा मंत्री – मायावती सरकार में।
- अक्टूबर 2007 से आगे: ग्रामीण अभियांत्रिकी, कृषि, विदेश व्यापार व कृषि निर्यात मंत्री।
- विधान परिषद सदस्य (2012-2022):
- दलगत निष्ठा: बसपा से भाजपा 2017 ; दल परिवर्तन ।
7. अनिल पाराशर (कोइल विधानसभा)
- पार्टी: भारतीय जनता पार्टी
- राजनीतिक पृष्ठभूमि: स्थानीय राजनीति में सक्रिय।
- राजनीतिक यात्रा: 2022 में पहली बार विधायक बने।
- दलगत निष्ठा: भाजपा के प्रति स्थिर; कोई दल परिवर्तन नहीं।
कौन हैं ‘मूल विचारधारा’ वाले और कौन ‘दलबदलू’ ?
विधायक का नाम | विधानसभा क्षेत्र | पार्टी | दल परिवर्तन |
---|---|---|---|
सुरेंद्र दिलेर | खैर | भाजपा | नहीं |
संदीप कुमार सिंह | अतरौली | भाजपा | नहीं |
राजकुमार सहयोगी | इगलास | भाजपा | नहीं |
रवेंद्र पाल सिंह | छर्रा | भाजपा | नहीं |
मुक्ता संजीव राजा | अलीगढ़ | भाजपा | नहीं |
जयवीर सिंह | बरौली | भाजपा | बसपा से भाजपा 2017 |
अनिल पाराशर | कोइल | भाजपा | नहीं |
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