जानिए कौन हैं त्रिभुवन राम ?
त्रिभुवन राम उत्तर प्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक सेवा का एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उनका जन्म 15 जनवरी 1949 को जौनपुर जिले में हुआ। अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले त्रिभुवन राम ने सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनका विवाह 28 नवम्बर 1978 को श्रीमती स्नेह लता से हुआ, और उनके दो पुत्र हैं। फरवरी 2025 में उनके बड़े पुत्र रौमिल का आकस्मिक निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ, जिससे पूरा परिवार दुख में डूब गया।
इंजीनियरिंग पेशे में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया, विशेषकर लोक निर्माण विभाग (PWD) में। वे उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता और विभागाध्यक्ष रहे। इसके अतिरिक्त उन्होंने सेतु निगम और उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक जैसे उच्च पदों पर भी कार्य किया।
बाबा श्री विश्वनाथ जी की पावन नगरी काशी में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।#ModiJiKiKashi pic.twitter.com/dL3McT5uxc
— त्रिभुवन राम (@Tribhuwanrambjp) December 17, 2023
त्रिभुवन राम का जीवन परिचय
त्रिभुवन राम का जीवन परिचय उनके अद्भुत प्रशासनिक कौशल, तकनीकी दक्षता और सामाजिक योगदान से समृद्ध रहा है। वे 2000 से 2011 के बीच उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष रहे। इसके अलावा उन्होंने इंडियन रोड्स कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर रहते हुए सड़क निर्माण की गुणवत्ता में नए मानक स्थापित किए।
उनका अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी समृद्ध रहा है। उन्होंने अमेरिका में रोड फेडरेशन की कार्यशाला, लंदन में वर्ल्ड ओलंपिक 2012, और स्वीडन में भारतीय हैंडबॉल टीम के पदाधिकारी के रूप में भाग लिया। नेपाल में वी. पी. कोईराला मेडिकल इंस्टीट्यूट के निर्माण के लिए उन्होंने प्रबंध निदेशक के तौर पर अहम भूमिका निभाई।
त्रिभुवन राम का राजनीतिक सफर : बसपा से विधायक बनने तक
त्रिभुवन राम का राजनीतिक सफर उनकी प्रशासनिक सेवानिवृत्ति के बाद प्रारंभ हुआ। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जॉइन की और 2012 में वाराणसी की अजगरा विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए। यह उनकी पहली बार विधानसभा में एंट्री थी। उस समय वे सोलहवीं विधान सभा के सदस्य बने।
2015 से 2017 तक वे उत्तर प्रदेश विधानसभा की लोकलेखा समिति के सदस्य भी रहे। इसके बाद, मार्च 2022 में वे दोबारा अजगरा सीट से अट्ठारहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
2019 में उन्होंने मछलीशहर लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर संसद का चुनाव लड़ा, जिससे स्पष्ट होता है कि त्रिभुवन राम का राजनीतिक सफर केवल विधान सभा तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी खुद को स्थापित करने का प्रयास किया।
राजनीति में टी राम : भूमिका और सामाजिक योगदान
त्रिभुवन राम ने केवल राजनीति तक ही अपनी सेवाएं सीमित नहीं रखीं, बल्कि वे सामाजिक संगठनों में भी सक्रिय रहे। वे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष रहे और पं. मदन मोहन मालवीय मिशन लखनऊ के भी अध्यक्ष रह चुके हैं।
वह 2004 से 2014 तक भारतीय दिव्यांग क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहे, जो उनके समाज के प्रति समर्पण को दर्शाता है। इसके अलावा वे उत्तर प्रदेश हैंडबाल एसोसिएशन और ओलंपिक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
त्रिभुवन राम का जीवन परिचय न केवल एक सक्षम इंजीनियर का परिचय देता है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि प्रशासनिक सेवाओं में लंबे समय तक कार्यरत रहने के बाद भी एक व्यक्ति समाज की सेवा राजनीति के माध्यम से कर सकता है।
उनकी फेलोशिप और सदस्यताएँ – जैसे कि एफआईई (इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स) और इंडियन काउंसिल ऑफ आर्बिट्रेटर्स – उनके पेशेवर कौशल का प्रमाण हैं।
Varanasi Assembly Election Results 2022
विधानसभा सीट | विजेता प्रत्याशी | पार्टी | पड़ोसी प्रत्याशी को मतों का अंतर |
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पिंडरा | डॉ. अवधेश सिंह | भाजपा | राजेश पटेल (अपना दल-क) को हराया |
अजगरा (SC) | त्रिभुवन राम | भाजपा | सुनील सोनकर (सपा) को 9,245 वोटों से हराया |
शिवपुर | अनिल राजभर | भाजपा | अरविंद राजभर (सपा) को 27,831 वोटों से हराया |
रोहनिया | सुनील पटेल | अपना दल (सोनेलाल) | अभय पटेल (अपना दल-क) को 46,601 वोटों से हराया |
वाराणसी उत्तर | रवींद्र जायसवाल | भाजपा | अशफाक अहमद (सपा) को 42,549 वोटों से हराया |
वाराणसी दक्षिण | डॉ. नीलकंठ तिवारी | भाजपा | किशन दीक्षित (सपा) को 10,722 वोटों से हराया |
वाराणसी कैंट | सौरभ श्रीवास्तव | भाजपा | पूजा यादव (सपा) को 86,677 वोटों से हराया |
सेवापुरी | नीलरतन पटेल ‘नीलू’ | भाजपा | सुरेंद्र सिंह पटेल (सपा) को 22,679 वोटों से हराया |