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MLA Political Journey

हरदोई जिले के बालामऊ (सुरक्षित) विधायक रामपाल वर्मा का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर

रामपाल वर्मा का जीवन परिचय उनके संघर्ष, मेहनत और जनसेवा के लंबे इतिहास को दर्शाता है। उनका जन्म 2 अगस्त 1959 को उत्तर प्रदेश के एक रसूखदार दलित परिवार में हुआ था। उनके पिता अंगनेलाल एक साधारण किसान थे, जिनके संस्कारों ने रामपाल वर्मा को जमीन से जुड़े रहना सिखाया।

UP Election Results 2022: यूपी के वोटों के अंतर से जीत का Margin Meter

शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं। लखनऊ विश्वविद्यालय से उन्होंने एमए और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की, जो उनके सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण को परिपक्वता प्रदान करती है।

वह पेशे से कृषक हैं, और उनकी जीवनशैली में आज भी सादगी झलकती है। उनकी पत्नी सरोजनी वर्मा हमेशा उनके साथ खड़ी रही हैं और निजी जीवन में वे एक पुत्रवत पिता और जिम्मेदार नागरिक के रूप में पहचाने जाते हैं।

https://twitter.com/Rampalverma160/status/1911711135683797239

रामपाल वर्मा का राजनीतिक सफर: नौ बार विधायक बनने वाले अनुभवी नेता की यात्रा

रामपाल वर्मा का राजनीतिक सफर एक गांव के प्रधान से लेकर नौ बार विधायक बनने तक का रहा है, जो अपने आप में एक मिसाल है। उन्होंने कोथावां ब्लॉक के शाहपुर गांव के प्रधान के रूप में राजनीति की शुरुआत की। इसके बाद वे कोथावां के ब्लॉक प्रमुख भी बने और वहीं से उनकी राजनीतिक सक्रियता तेज हो गई।

उनकी विधानसभा में पहली एंट्री 1980 में हुई जब वे कांग्रेस पार्टी के टिकट पर बालामऊ सुरक्षित विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने। लेकिन 1985 में जब कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कर दूसरी बार विधायक बने।

इसके बाद उन्होंने 1989 और 1991 में फिर कांग्रेस से चुनाव जीता। खासकर 1991 में कांग्रेस से चुनाव लड़ते हुए उन्होंने बीजेपी के बद्धालाल को महज 1328 वोटों से हराकर चौथी बार विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

रामपाल वर्मा का राजनीतिक जीवन परिचय दर्शाता है कि उन्होंने लगभग हर प्रमुख राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व किया है। 1996 में समाजवादी पार्टी (सपा) से जुड़े और उन्होंने भाजपा की सुशीला सरोज को 14122 वोटों के अंतर से हराया। इसके बाद 2002 में उन्हें बसपा के सत्यनारायण संतू से हार का सामना करना पड़ा।

लेकिन 2004 के उपचुनाव में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर फिर से जीत दर्ज की और 2007 में भी बसपा से चुनाव जीतकर सातवीं बार विधानसभा पहुँचे। इसी कार्यकाल में उन्हें बसपा सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया।

रामपाल वर्मा : 2017 से भाजपा में सक्रिय भूमिका

2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें समाजवादी पार्टी के अनिल वर्मा से सिर्फ 173 वोटों के मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 2017 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होकर फिर से वापसी की। इस बार उन्होंने 74917 वोट हासिल किए और बसपा की नीलू सत्यार्थी को 22888 वोटों के बड़े अंतर से हराया।

2022 के चुनाव में भी भाजपा के टिकट पर उन्होंने शानदार जीत दर्ज की और समाजवादी पार्टी के रामबली को लगभग 26 हजार वोटों से हराकर नवीं बार विधायक बने। रामपाल वर्मा का राजनीतिक सफर बताता है कि वे चुनावी रणनीति, जनसंपर्क और क्षेत्रीय प्रभाव में कितने दक्ष हैं।

जनसेवा और सादगी की मिसाल

रामपाल वर्मा का जीवन परिचय यह भी बताता है कि वे सादगी, कर्तव्यनिष्ठा और जनसेवा के प्रतीक हैं। वे आज भी आमजन के साथ जुड़े रहते हैं और अपने क्षेत्र में विकास कार्यों को प्राथमिकता देते हैं। शिक्षा, सड़कों का निर्माण, जल आपूर्ति, रोजगार योजनाओं को लेकर उन्होंने लगातार सक्रियता दिखाई है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति का अनुभवी चेहरा

रामपाल वर्मा का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनके अद्वितीय योगदान की कहानी है। नौ बार विधायक बनने वाले इस नेता ने हर दौर में जनहित को प्राथमिकता दी है। उनका बहुआयामी अनुभव और दलित समाज में उनकी स्वीकार्यता उन्हें एक विशेष स्थान प्रदान करती है।

वे उन गिने-चुने नेताओं में हैं, जो कांग्रेस, सपा, बसपा और भाजपा—चारों प्रमुख दलों से विधायक रह चुके हैं।

रामपाल वर्मा द्वारा अब तक जीते गए विधानसभा चुनाव

क्रम संख्यावर्षपार्टी का नामविवरण
11980कांग्रेसपहली बार विधायक निर्वाचित
21985निर्दलीयदूसरी बार विधायक बने
31989कांग्रेसतीसरी बार विधायक बने
41991कांग्रेसचौथी बार विधायक बने
51996समाजवादी पार्टी (सपा)पाँचवीं बार विधायक बने
62004बहुजन समाज पार्टी (बसपा) (उपचुनाव)छठी बार विधायक बने
72007बहुजन समाज पार्टी (बसपा)सातवीं बार विधायक बने
82017भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)आठवीं बार विधायक बने
92022भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)नवीं बार विधायक बने

उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व

हरदोई जिले के विजेता (विधानसभा चुनाव 2022) Hardoi Assembly Election Results 2022

विधानसभा सीटविजेता प्रत्याशीपार्टी (दल)
हरदोई सदरनितिन अग्रवालभारतीय जनता पार्टी (BJP)
सवायजपुरमाधवेंद्र प्रताप सिंहभारतीय जनता पार्टी (BJP)
शाहाबादरजनी तिवारीभारतीय जनता पार्टी (BJP)
गोपामऊ (सुरक्षित)श्याम प्रकाशभारतीय जनता पार्टी (BJP)
सांडी (सुरक्षित)प्रभाष कुमार वर्माभारतीय जनता पार्टी (BJP)
बिलग्राम मल्लावांआशीष कुमार सिंह ‘आशू’भारतीय जनता पार्टी (BJP)
बालामऊ (सुरक्षित)रामपाल वर्माभारतीय जनता पार्टी (BJP)
संडीलाअलका सिंहभारतीय जनता पार्टी (BJP)

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