कौन हैं राजपाल बालियान ?
राजपाल बालियान पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रमुख नाम हैं। इनका जन्म 1 जुलाई 1951 को मुज़फ्फरनगर जनपद के ग्राम गढ़ी नौआबाद में हुआ। इनका परिवार खेती-बाड़ी से जुड़ा रहा है। पिता का नाम स्वर्गीय चौधरी राम सिंह था। राजपाल बालियान ने इंटरमीडिएट तक शिक्षा प्राप्त की और 4 अप्रैल 1972 को श्रीमती बाला देवी से विवाह किया। इनके परिवार में एक पुत्र हैं। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले उनका राजनीतिक और सामाजिक जीवन हमेशा किसान और ग्रामीण मुद्दों के इर्द-गिर्द केंद्रित रहा है।
मेरे जैसे साधारण किसान को,जो आज भी गॉव में रहता है,खेती करता हूँ,विधायक बनाने का काम सिर्फ मेरे धरती के भगवान चौ अजित सिंह जी जैसी महान शख्शियत के कारण ही सम्भव हो पाया 🙏🙏
— RAJPAL BALIYAN (@Rajpalbalyan) October 18, 2021
चौ जयंत सिंह जी का संबोधन स्पष्ट संदेश है कि रालोद अपने उसूलो पर ही चलेगा!@jayantrld@RLDparty pic.twitter.com/gdCtJnILku
राजपाल बालियान का जीवन परिचय
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
राजपाल बालियान का प्रारंभिक जीवन पूरी तरह कृषि आधारित था। इन्होंने इंटरमीडिएट तक शिक्षा ग्रहण की और फिर खेती को अपना व्यवसाय चुना। उनका जुड़ाव शुरू से ही किसान आंदोलन और ग्रामीण समाज के साथ रहा।
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सामाजिक और संगठनात्मक भूमिका
1986 से 1996 तक इन्होंने भारतीय किसान यूनियन में सक्रिय भूमिका निभाई और राष्ट्रीय सचिव तक के पद पर कार्य किया। इसके बाद वे राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) से जुड़ गए और विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया — जैसे जिला अध्यक्ष, मण्डल अध्यक्ष, प्रदेश उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय सचिव।
राजपाल बालियान का राजनीतिक सफर
पहली बार विधायक बनने तक
उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1996 में भारतीय किसान कामगार पार्टी से खतौली विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर की। यह उनकी तेरहवीं विधानसभा में पहली जीत थी। उस समय से ही वे किसान और ग्रामीण वर्ग की आवाज़ बनकर उभरे।
दूसरी बार विधायक और रालोद में सक्रिय भूमिका
2002 में खतौली विधानसभा से राजपाल बालियान ने रालोद के टिकट पर समाजवादी पार्टी के प्रमोद त्यागी को हराकर दूसरी बार विधायक बने। इस कार्यकाल में वे प्राक्कलन समिति के सदस्य भी रहे और पार्टी के सचेतक की भूमिका निभाई।
बुढ़ाना विधानसभा से चुनावी यात्रा
2012 चुनाव और पराजय
2012 में खतौली के परिसीमन के बाद बनी बुढ़ाना विधानसभा सीट से उन्होंने रालोद से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें सपा के नवाजिश आलम से हार का सामना करना पड़ा।
तीसरी बार विधायक बनने की सफलता
2022 में एक बार फिर रालोद ने गठबंधन के तहत राजपाल बालियान को बुढ़ाना से टिकट दिया। इस बार उन्होंने भाजपा के उमेश मलिक को हराकर अट्ठारहवीं विधानसभा में तीसरी बार विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया। सिसौली गांव सहित कई जाट बहुल क्षेत्रों से उन्हें जबरदस्त समर्थन मिला।
राजपाल बालियान का संगठनात्मक अनुभव
उन्होंने रालोद के साथ लंबे समय तक संगठनात्मक कार्यों में भाग लिया है:
- 2008–2012: जिला अध्यक्ष, रालोद
- 2012–2016: प्रदेश उपाध्यक्ष, रालोद
- 2016–2020: मण्डल अध्यक्ष, रालोद (सहारनपुर मंडल)
- 2020–2022: राष्ट्रीय सचिव, रालोद
इन जिम्मेदारियों ने उन्हें संगठन के हर स्तर का अनुभव दिलाया।
राजपाल बालियान का राजनीतिक सफर और जीवन परिचय ग्रामीण भारत की राजनीति में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करता है। उन्होंने किसान हितों की लड़ाई को राजनीति का आधार बनाया और तीन बार विधानसभा में पहुंचकर अपने क्षेत्र की प्रभावी आवाज़ बने। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय और किसान वर्ग के बीच उनकी पकड़ मजबूत है।
Muzaffarnagar Assembly Election Results
विधानसभा सीट | विजेता प्रत्याशी | दल |
---|---|---|
मुजफ्फरनगर | कपिल देव अग्रवाल | भाजपा |
खतौली ( 2022 उपचुनाव ) | मदन भैया | भाजपा |
पुरकाजी | अनिल कुमार | रालोद |
बुढ़ाना | राजपाल बालियान | रालोद |
मीरापुर ( 2024 उपचुनाव ) | मिथलेश पाल | रालोद |
चरथावल | पंकज मलिक | सपा |