उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के बिलग्राम कस्बे में जन्मी रजनी तिवारी का जीवन परिचय बताता है कि कैसे एक सामान्य परिवार की बेटी प्रदेश की राजनीति में एक सशक्त स्त्री नेतृत्व का उदाहरण बन सकती है। उनका जन्म 21 जुलाई 1973 को कृष्ण प्रसाद अग्निहोत्री के घर हुआ था। उन्होंने आर्य कन्या डिग्री कॉलेज, हरदोई से कानपुर विश्वविद्यालय के अंतर्गत बीए (स्नातक) की डिग्री प्राप्त की।
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रजनी तिवारी कृषक और व्यवसायी के रूप में भी सक्रिय रही हैं। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि सीधे तौर पर सामाजिक सेवा और राजनीति से जुड़ी रही है। उन्होंने स्वर्गीय उपेंद्र तिवारी से विवाह किया था, जो पूर्व में बिलग्राम विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। उनके एक पुत्र और एक पुत्री हैं।
अपने विधानसभा क्षेत्र शाहाबाद के भ्रमण कार्यक्रम में ग्राम खानूपुर में नत्थूलाल जी, शंकरपुर में प्रेममूर्ति जी एवं बैजूपुर में शेष अवस्थी जी, रालमखन अग्निहोत्री जी व जुगलकिशोर जी आदि शुभचिन्तकों एवं कार्यकर्ताओं के घर पहुंचकर कुशलक्षेम जाना।@BJP4India @narendramodi @AmitShah pic.twitter.com/bdtWqExCrx
— Rajni Tiwari (@RajniTiwari_) April 20, 2025
रजनी तिवारी का राजनीतिक सफर : उपचुनाव से मंत्रिमंडल तक का मार्ग
रजनी तिवारी का राजनीतिक सफर वर्ष 2008 में उस समय आरंभ हुआ, जब उन्होंने बिलग्राम विधानसभा सीट से हुए उपचुनाव में भाग लिया और पहली बार विधायक बनीं। यह उपचुनाव उनके पति उपेंद्र तिवारी के निधन के पश्चात हुआ था, और रजनी तिवारी ने अपने पति की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया।
वर्ष 2012 में परिसीमन के चलते बिलग्राम सीट समाप्त हो गई, तो उन्होंने सवायजपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और सफलता प्राप्त की। इसके बाद 2017 में शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर जीत दर्ज करते हुए अपनी राजनीतिक हैट्रिक पूरी की।
2017 के चुनाव में रजनी तिवारी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) छोड़कर भाजपा का दामन थामा और शाहाबाद से चुनाव जीत कर बसपा के वरिष्ठ नेता आसिफ खां बब्बू को पराजित किया। फिर 2022 के चुनाव में भी उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आसिफ खां बब्बू को हराकर चौथी बार विधायक बनने का कीर्तिमान स्थापित किया।
रजनी तिवारी : मंत्रिमंडल में भूमिका: उच्च शिक्षा विभाग की कमान
चौथी बार विधायक बनने के बाद, रजनी तिवारी को योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में उच्च शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। यह न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि एक महिला नेता के रूप में उनकी भूमिका को और अधिक प्रभावशाली बनाता है।
नारी सशक्तिकरण की प्रतीक
रजनी तिवारी का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर दोनों ही यह दर्शाते हैं कि अगर संकल्प और सेवा का भाव हो, तो कोई भी बाधा राह में रोड़ा नहीं बन सकती। उन्होंने जिस तरह अपने पति की राजनीतिक विरासत को आत्मसात करते हुए खुद को एक स्वतंत्र और प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया, वह आज की महिला राजनीति के लिए प्रेरणास्रोत है।
विकास की पक्षधर नेता
अपने कार्यकाल में रजनी तिवारी ने शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण, महिला सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। वे जनता से सीधे संवाद रखती हैं और स्थानीय समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल कराना उनका मूल उद्देश्य रहा है।
रजनी तिवारी का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर इस बात का जीवंत प्रमाण है कि राजनीति में महिलाओं की भूमिका सीमित नहीं है। वे नेतृत्व कर सकती हैं, निर्णय ले सकती हैं, और जनहित के मुद्दों पर ठोस काम कर सकती हैं। एक विधायक, एक मंत्री, एक मां, और एक समाज सेविका के रूप में रजनी तिवारी आज उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत स्तंभ बन चुकी हैं।
हरदोई जिले के विजेता (विधानसभा चुनाव 2022) Hardoi Assembly Election Results 2022
विधानसभा सीट | विजेता प्रत्याशी | पार्टी (दल) |
---|---|---|
हरदोई सदर | नितिन अग्रवाल | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
सवायजपुर | माधवेंद्र प्रताप सिंह | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
शाहाबाद | रजनी तिवारी | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
गोपामऊ (सुरक्षित) | श्याम प्रकाश | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
सांडी (सुरक्षित) | प्रभाष कुमार वर्मा | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
बिलग्राम मल्लावां | आशीष कुमार सिंह ‘आशू’ | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
बालामऊ (सुरक्षित) | रामपाल वर्मा | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
संडीला | अलका सिंह | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |