उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रमुख युवा चेहरा बनकर उभरे पंकज सिंह का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर उदाहरण है कि कैसे अनुभव, शिक्षा और सामाजिक सेवा की भावना किसी व्यक्ति को जननेता बना सकती है। नोएडा से भाजपा विधायक और उत्तर प्रदेश भाजपा के महासचिव के रूप में उनकी पहचान अब पूरे राज्य में स्थापित हो चुकी है। उनके जीवन और करियर की यात्रा प्रेरणास्पद है, खासकर उन युवाओं के लिए जो राजनीति को सेवा का माध्यम मानते हैं।
नोएडा, सेक्टर-128 स्थित जे.पी. विश टाउन में जैन समाज द्वारा आयोजित “भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव” में सहभागिता की।
— Pankaj Singh (@PankajSinghBJP) April 13, 2025
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“अहिंसा परमो धर्मः”—भगवान महावीर का यह वचन आज भी मानवता का पथ प्रदर्शक है। pic.twitter.com/snwKHyjxPA
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: नेतृत्व की नींव
पंकज सिंह का जन्म 12 दिसंबर 1978 को झारखंड के डालटनगंज (पालामू जिला) में हुआ था। उनका पारिवारिक जीवन परिचय राजनीति से गहराई से जुड़ा है। उनके पिता श्री राजनाथ सिंह भारत सरकार में वर्तमान में गृह मंत्री हैं और भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। माता श्रीमती सवित्री सिंह एक घरेलू महिला हैं। पंकज सिंह की पत्नी श्रीमती सुषमा सिंह (राणा) एक प्रसिद्ध शूटर हैं, जिन्होंने 2006 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। यह परिवार राजनीतिक और खेल, दोनों क्षेत्रों में प्रतिष्ठा रखता है।
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उन्होंने 1996 में लखनऊ के महानगर बॉयज़ इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली आए और डायल सिंह कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.कॉम किया। इसके बाद उन्होंने नोएडा की एमिटी यूनिवर्सिटी से प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा (PGDM) किया। उनका शैक्षणिक जीवन परिचय इस बात को दर्शाता है कि उन्होंने राजनीति में कदम रखने से पहले व्यावसायिक शिक्षा को प्राथमिकता दी।
पंकज सिंह का राजनीति में प्रवेश: सेवा की भावना से शुरुआत
पंकज सिंह का राजनीतिक सफर कॉलेज के समय से ही सामाजिक कार्यों और जनहित की गतिविधियों के ज़रिए शुरू हुआ। हालांकि शुरुआत में उन्होंने राजनीति में आने की कोई योजना नहीं बनाई थी, लेकिन जब वह अपने पिता के साथ चुनाव क्षेत्रों में जाते थे, तो लोगों की समस्याओं को समझने और उनके समाधान की दिशा में काम करने का विचार उनके मन में घर करने लगा।
2004 में वह भाजपा युवा मोर्चा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने। 2007 में भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई की राज्य कार्यकारिणी में शामिल हुए। इसी साल उनका नाम वाराणसी की चिरईगांव विधानसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी के रूप में घोषित किया गया, लेकिन उनके पिता के सुझाव पर उन्होंने पहले पार्टी संगठन में कार्य करने का निर्णय लिया।
2010 में वह भाजपा के उत्तर प्रदेश संगठन में सचिव बने और बाद में महासचिव के पद तक पहुंचे। यह उनका इस पद पर चौथा कार्यकाल है, जो उनके संगठनात्मक कौशल और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।
विधायकी की शुरुआत: जनता का मजबूत विश्वास
पंकज सिंह का राजनीतिक सफर 2017 में नया मुकाम तब पहुंचा जब वह पहली बार नोएडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज की। 2022 में उन्होंने दूसरी बार नोएडा सीट से जीत दर्ज की और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुनील चौधरी को 1,81,513 मतों के भारी अंतर से हराया। यह उनकी जनप्रियता और जनसमर्थन का प्रमाण है।
वह 17वीं और अब 18वीं उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य हैं। उन्होंने 2017-2022 के दौरान लोक लेखा समिति के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। पंकज सिंह का यह राजनीतिक सफर इस बात का संकेत है कि उन्होंने राजनीति को सेवा और विकास का माध्यम बनाया है।
जनसेवा और जनसंवाद की मिसाल
पंकज सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन में किसानों, युवाओं और आम नागरिकों के मुद्दों को उठाया है। उनका फोकस हमेशा विकासपरक राजनीति और पारदर्शी शासन प्रणाली पर रहा है। नोएडा क्षेत्र में अधोसंरचना विकास, सुरक्षा व्यवस्था और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में उनकी भूमिका सराहनीय रही है।
उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है। यही कारण है कि उनका राजनीतिक सफर न सिर्फ चुनावी जीत का प्रमाण है, बल्कि जनता से गहरे जुड़ाव का परिचायक भी है।
पंकज सिंह का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर एक ऐसे नेता की कहानी है, जिसने अपनी पारिवारिक विरासत को सिर्फ पहचान नहीं, बल्कि जनसेवा के लिए एक ज़िम्मेदारी के रूप में अपनाया। संगठनात्मक मजबूती, नीति-निर्धारण में सक्रियता और जनता के साथ संवाद ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व
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सीट | विजेता (पार्टी) | कुल वोट (विजेता) | निकटतम प्रतिद्वंदी (पार्टी) | कुल वोट (द्वितीय) | जीत का अंतर |
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नोएडा | पंकज सिंह (BJP) | 2,44,319 | सुनील चौधरी (सपा-रालोद) | 62,806 | 1,81,513 |
दादरी | तेजपाल नागर (BJP) | 2,18,068 | राजकुमार भाटी (सपा-रालोद) | 79,850 | 1,38,218 |
जेवर | धीरेंद्र सिंह (BJP) | 1,17,205 | अवतार भड़ाना (सपा-रालोद) | 60,890 | 56,315 |