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MLA Political Journey

कासगंज जिले के पटियाली विधानसभा से विधायक नादिरा सुल्तान का राजनीतिक सफर

पटियाली विधानसभा से विधायक नादिरा सुल्तान का राजनीतिक सफर

पटियाली विधानसभा से विधायक नादिरा सुल्तान का राजनीतिक सफर

नादिरा सुल्तान उर्फ बिटिया का जन्म 11 नवंबर 1956 को साहवार (उत्तर प्रदेश) में एक प्रतिष्ठित पठान परिवार में हुआ था। उनके पिता स्वर्गीय मुशीर अहमद खान एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता और दो बार सांसद रह चुके हैं। नादिरा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूलों से पूरी की और इंटरमीडिएट (12वीं) तक की पढ़ाई की। उनका परिवार एटा-कासगंज और बदायूं क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय रहा है।

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वैवाहिक जीवन और व्यक्तिगत विवरण

नादिरा सुल्तान ने 24 सितंबर 1979 को डॉ. अब्दुल हाफीज खान (जन्म: 1 जुलाई 1945) से विवाह किया। इस दंपति के एक पुत्र और एक पुत्री हैं। 1978 में हुए उनके विवाह समारोह में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शिरकत की थी, जो उनके परिवार के कांग्रेस से गहरे संबंधों को दर्शाता है।

नादिरा सुल्तान : राजनीतिक सफर की शुरुआत

नादिरा सुल्तान का राजनीतिक सफर उनके पारिवारिक राजनीतिक विरासत का विस्तार है। उनके चाचा जामीर अहमद खान दो बार पटियाली से विधायक रहे हैं, जबकि अन्य चाचा अहमद लूट खान अलीगढ़ से विधायक और मंत्री रह चुके हैं।

नादिरा सुल्तान : 2007: कांग्रेस से पहली चुनावी कोशिश

2007 में नादिरा सुल्तान ने पहली बार कांग्रेस के टिकट पर पटियाली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। हालांकि वे 19,203 मत प्राप्त करके तीसरे स्थान पर रहीं, लेकिन इससे उन्हें राजनीतिक अनुभव प्राप्त हुआ।

2019: समाजवादी पार्टी में प्रवेश

2019 में नादिरा ने कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं। इस निर्णय के पीछे आजम खान के परिवार से उनके नजदीकी संबंध माने जाते हैं।

नादिरा सुल्तान : 2022 का ऐतिहासिक चुनाव

2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने नादिरा सुल्तान को पटियाली विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में उन्होंने केवल 4,001 वोटों के अंतर से जीत हासिल करते हुए पहली बार विधायक का पद प्राप्त किया। यह जीत विशेष रूप से महत्वपूर्ण थी क्योंकि:

  1. उन्होंने अपने पारिवारिक गढ़ में वापसी की
  2. मुस्लिम मतदाताओं का भारी समर्थन प्राप्त किया
  3. सपा-कांग्रेस गठबंधन के बावजूद स्वतंत्र रूप से जीत हासिल की

राजनीतिक विशेषताएं और प्रभाव

  1. साफ छवि वाली नेता: नादिरा सुल्तान को उनकी साफ-सुथरी छवि के लिए जाना जाता है।
  2. मुस्लिम मतदाताओं में पकड़: आसपास के जिलों में मुस्लिम मतदाताओं पर उनकी मजबूत पकड़ है।
  3. कृषि क्षेत्र में रुचि: कृषि पृष्ठभूमि से होने के कारण वे किसान मुद्दों को प्राथमिकता देती हैं।
  4. महिला सशक्तिकरण: एक महिला नेता के रूप में वे महिला उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा हैं।

नादिरा सुल्तान उर्फ बिटिया का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर एक ऐसी महिला नेता की कहानी है जिसने पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कांग्रेस से शुरुआत करके समाजवादी पार्टी में सफलता पाने तक का उनका सफर उत्तर प्रदेश की जटिल राजनीति को समझने का अवसर प्रदान करता है। उनकी 2022 में मिली जीत न केवल उनके लिए बल्कि समाजवादी पार्टी के लिए भी महत्वपूर्ण है, खासकर पूर्वांचल क्षेत्र में जहां मुस्लिम मतदाताओं का बड़ा प्रभाव है।

कासगंज जिले की विधानसभा सीटों का चुनावी प्रदर्शन [ Kasganj Assembly Election Results 2022 ]

विधानसभा सीट2022 विजेता (पार्टी)
कासगंजदेवेंद्र सिंह राजपूत (भाजपा)
अमांपुरहरिओम वर्मा (भाजपा)
पटियालीनादिरा सुल्तान (सपा)

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