अमरेश कुमार रावत का जन्म 7 सितम्बर, 1974 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ जनपद के ग्राम रायपुर, आई0आई0एम0 रोड पर हुआ था। उनके पिता का नाम स्वर्गीय राम प्रसाद था। हिन्दू धर्म के अनुसूचित जाति (पासी) समुदाय से आते हैं। उन्होंने स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की। 18 जून, 1996 को उनका विवाह श्रीमती वीरमती के साथ हुआ। श्रीमती वीरमती का जन्म 6 अप्रैल, 1977 को हुआ था। अमरेश कुमार के परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री हैं।
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व
व्यवसाय के क्षेत्र में कृषि से जुड़े रहे हैं। उनके जीवन परिचय में शिक्षा, संघर्ष और समाज सेवा को विशेष स्थान प्राप्त है।
शिक्षा और समाज सेवा का प्रारंभिक सफर
अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद, अमरेश कुमार रावत ने 1996 में राजनीति में कदम रखा। आरंभ में उन्होंने आईपीएस अधिकारी ईश्वरदीन रावत के साथ कार्य किया। उस समय उन्हें मात्र ₹100 प्रतिमाह वेतन मिलता था। शिक्षा के साथ-साथ उन्होंने समाज सेवा के कार्यों में भी रुचि ली। 2000 में उन्होंने लखनऊ के चिनहट क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा, जिसमें वे मात्र 135 वोटों से हार गए।
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हालांकि इस असफलता ने उनके उत्साह को कम नहीं किया। जीवन परिचय में यह संघर्ष उनके जुझारूपन का प्रमाण है, जिसने उन्हें आगे राजनीतिक सफर में नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया।
अमरेश कुमार रावत का राजनीतिक सफर
अमरेश कुमार रावत : राजनीति में आरंभिक योगदान
1996 में राजनीतिक यात्रा की शुरुआत करने वाले अमरेश कुमार रावत ने 2004 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आजीवन सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने भाजपा के सिद्धांतों और मूल्यों को अपनाते हुए कार्य किया। 2012 से वे पारख महासंघ के जिलाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं और 2007 से कबीर मिशन के सक्रिय सदस्य भी हैं।
राजनीतिक सफर में उनके योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 2017 के विधानसभा चुनाव में मोहनलालगंज सीट से टिकट की दावेदारी की, लेकिन पार्टी के निर्णय का सम्मान करते हुए कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रहे।
अट्ठारहवीं विधान सभा में सदस्यता
मार्च 2022 में आयोजित उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अमरेश कुमार रावत ने पहली बार अट्ठारहवीं विधान सभा के सदस्य के रूप में निर्वाचन प्राप्त किया। राजनीतिक सफर के इस महत्वपूर्ण पड़ाव ने उन्हें जनसेवा के लिए एक नया मंच प्रदान किया।
समाज सेवा और संगठनात्मक योगदान
अपने राजनीतिक सफर के समानांतर अमरेश कुमार रावत ने समाज सेवा को भी प्राथमिकता दी। उन्होंने “भारत महान संत सामाजिक संगठन” की स्थापना की, जिसका उद्देश्य समाज में शिक्षा, जागरूकता और नैतिक मूल्यों का प्रसार करना है।
भाजपा के पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने निष्ठापूर्वक कार्य किया। अमरेश कुमार रावत का मानना है कि राजनीति में विवेक और पारदर्शिता आवश्यक है। उनका जीवन परिचय समाज और राजनीति के संतुलन का उदाहरण प्रस्तुत करता है।
मोहनलालगंज विधानसभा क्षेत्र के विकास की योजना
अमरेश कुमार रावत मोहनलालगंज विधानसभा क्षेत्र के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका लक्ष्य क्षेत्र में डिग्री कॉलेज की स्थापना, सड़कों का आधुनिकीकरण और बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बेहतर बनाना है।
साथ ही, उन्होंने एक मंडी स्थापित करने की आवश्यकता भी बताई है, जिससे किसानों को अपने उत्पादों के बेहतर मूल्य मिल सकें। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए वे सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने का प्रयास कर रहे हैं। उनका यह दृष्टिकोण उनके राजनीतिक सफर को और भी सशक्त बनाता है।