प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: एक साधारण परिवार से उभरते नेता

मनीष असीजा का जन्म 20 अक्टूबर 1964 को फिरोजाबाद के कृष्णलाल असीजा के घर हुआ। एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे मनीष ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा फिरोजाबाद से पूरी की। उन्होंने एसआरके (पीजी) कॉलेज से कला स्नातक (बीए) की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई पूरी करने के बाद ही उन्होंने सामाजिक कार्यों में सक्रिय रुचि लेना शुरू कर दिया, जो आगे चलकर उनके राजनीतिक सफर का आधार बना।

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मनीष असीजा का राजनीति में प्रवेश: नगर पालिका चेयरमैन से विधायक तक का सफर

2005: नगर पालिका चेयरमैन के रूप में पहला राजनीतिक पद

मनीष असीजा का राजनीतिक सफर 2005 में शुरू हुआ जब वह फिरोजाबाद नगर पालिका के चेयरमैन चुने गए। इस पद पर रहते हुए उन्होंने शहर की बुनियादी समस्याओं जैसे सफाई, जल निकासी और सड़कों के रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया। उनकी लोकप्रियता का एक बड़ा कारण यह था कि वह स्वयं कीचड़ में उतरकर नालों की सफाई करते थे और कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते थे। यही जनसंपर्क और मेहनत की भावना आगे चलकर उनकी राजनीतिक पहचान बनी।

2012: पहली बार विधायक बनने का गौरव

मनीष असीजा ने 2012 में फिरोजाबाद सदर विधानसभा सीट से अपना पहला चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस जीत ने उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा में पहुंचा दिया। विधायक बनने के बाद उन्होंने जनता दरबार की परंपरा शुरू की, जिसमें वह रोजाना आम लोगों की समस्याएं सुनते थे और उनका निवारण करते थे। यह उनकी जनसेवा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

राजनीतिक संघर्ष और चुनौतियाँ: मुकदमों और हमलों का सामना

राजनीतिक विरोधियों के मुकदमे

मनीष के राजनीतिक सफर में कई चुनौतियाँ भी आईं। उन पर नौ आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए, जिनमें से पांच में वह बरी हो चुके हैं। उनका कहना है कि ये मुकदमे राजनीतिक द्वेष के कारण दर्ज किए गए थे। फिर भी, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास रखा।

जानलेवा हमले और जनता का साथ

2012 में विधायक बनने के बाद उन पर एक जानलेवा हमला हुआ, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। नगर पालिका चेयरमैन के कार्यकाल के दौरान भी उन पर हमला किया गया था, लेकिन वह बच गए। मनीष असीजा मानते हैं कि जनता के आशीर्वाद और उनकी मेहनत ने ही उन्हें हर संकट से उबारा है।

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2017: दूसरी बार विधानसभा में प्रवेश

2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मनीष ने एक बार फिर फिरोजाबाद सदर सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इस जीत ने साबित कर दिया कि जनता उन पर पूरा भरोसा रखती है। उन्होंने इस कार्यकाल में भी शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया।

2022: हैट्रिक जीत और भाजपा के लिए रिकॉर्ड

2022 के चुनाव में मनीष असीजा ने तीसरी बार फिरोजाबाद सदर से जीत हासिल कर हैट्रिक पूरी की। यह जीत न केवल उनके व्यक्तिगत राजनीतिक करियर के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि भाजपा के लिए भी एक रिकॉर्ड बन गई। उन्होंने इस चुनाव में कांटे की टक्कर में विपक्षी प्रत्याशियों को शिकस्त दी और साबित किया कि वह फिरोजाबाद की जनता के सबसे पसंदीदा नेता हैं।

व्यक्तिगत जीवन: परिवार और समाज सेवा

मनीष असीजा का विवाह किरण असीजा से हुआ है, जो एक गृहिणी हैं। उनका पूरा परिवार फिरोजाबाद में रहता है और सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेता है। मनीष असीजा न केवल एक कुशल राजनेता हैं, बल्कि एक सफल व्यवसायी भी हैं। उनकी सादगी और जनता से जुड़ाव उनकी सबसे बड़ी ताकत है।

जनसेवा के प्रति समर्पित एक नेता

मनीष असीजा का राजनीतिक सफर एक साधारण व्यक्ति से लेकर तीन बार के विधायक तक का सफर है। उन्होंने हमेशा जनहित को प्राथमिकता दी है और कठिन परिस्थितियों में भी जनता का साथ नहीं छोड़ा। फिरोजाबाद की जनता ने लगातार तीन बार उन पर भरोसा जताया है, जो उनकी लोकप्रियता और कार्यशैली का सबूत है। 

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विधानसभा सीटविजेता प्रत्याशीपार्टी
फ़िरोज़ाबादमनीष असीजाभाजपा
शिकोहाबादडॉ. मुकेश वर्मासपा
जसरानासचिन यादवसपा
टूंडलाप्रेमपाल धनगरभाजपा
सिरसागंजसर्वेश यादवसपा
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