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गौशाला Gaushala

उत्तर प्रदेश : 25,000 से 30,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाओं का अध्ययन

उत्तर प्रदेश : 25,000 से 30,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ Upto 30000 Cows Capacity Gaushala

उत्तर प्रदेश : 25,000 से 30,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ Upto 30000 Cows Capacity Gaushala

30000 Cows Capacity Gaushala : गौशालाएँ भारतीय संस्कृति और समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये केवल बेसहारा और परित्यक्त गायों के संरक्षण का कार्य नहीं करतीं, बल्कि जैविक खेती, पर्यावरण संतुलन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी सहायक होती हैं।

गौशाला: उत्तर प्रदेश की सभी गौशालाओं (UP Gaushala) का विवरण

उत्तर प्रदेश में कई जिलों में बड़ी गौशालाएँ संचालित की जा रही हैं, जिनमें 25,000 से 30,000 गौवंश का संरक्षण किया जा रहा है। Upto 30000 Cows Capacity Gaushala


1. प्रयागराज: 25,063 गौवंश क्षमता Upto 30000 Cows

प्रयागराज धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ की गौशालाएँ प्राचीन परंपराओं के अनुरूप आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं।

मुख्य विशेषताएँ:

प्रमुख गौशालाएँ:

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें :: गौशाला: उत्तर प्रदेश के जिलों में 5000 से कम गौवंश


2. बदायूं: 25,776 गौवंश क्षमता Upto 30000 Cows

बदायूं जिले की गौशालाएँ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यहाँ के किसान गौशालाओं से प्राकृतिक खाद और जैविक उत्पाद प्राप्त कर खेती में सुधार कर रहे हैं।

मुख्य विशेषताएँ:

प्रमुख गौशालाएँ:

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें ::  उत्तर प्रदेश में 5000-10,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ


3. रायबरेली: 25,879 गौवंश क्षमता Upto 30000 Cows

रायबरेली में गौशालाएँ न केवल पशुपालन के लिए जानी जाती हैं, बल्कि यहाँ जैविक खेती और पशु चिकित्सा के क्षेत्र में भी नवाचार किए जा रहे हैं।

मुख्य विशेषताएँ:

प्रमुख गौशालाएँ:

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें ::  उत्तर प्रदेश में 10,000-15,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ


4. मथुरा: 28,040 गौवंश क्षमता Upto 30000 Cows

मथुरा, जो भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के रूप में प्रसिद्ध है, यहाँ की गौशालाएँ देशभर में विशेष पहचान रखती हैं। मथुरा में गौसेवा को आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

मुख्य विशेषताएँ:

प्रमुख गौशालाएँ:

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5. बाराबंकी: 28,902 गौवंश क्षमता Upto 30000 Cows

बाराबंकी जिले की गौशालाएँ विशेष रूप से जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे रही हैं। यहाँ पर गोवंश संरक्षण के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग पर भी जोर दिया जाता है।

मुख्य विशेषताएँ:

प्रमुख गौशालाएँ:

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें :: उत्तर प्रदेश की गौशाला : 20,000 से 25,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ


उत्तर प्रदेश में 25,000 से 30,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ केवल गोधन संरक्षण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे सतत कृषि, ग्रामीण विकास, और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

सरकार और सामाजिक संगठनों के सहयोग से इन गौशालाओं का भविष्य उज्ज्वल है। यदि इन्हें और अधिक तकनीकी सहायता, वित्तीय सहयोग और जनभागीदारी मिलती है, तो ये न केवल गौवंश संरक्षण में बल्कि सतत कृषि और पर्यावरण सुधार में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

उत्तर प्रदेश में गौशाला
गौशाला: उत्तर प्रदेश की सभी गौशालाओं (UP Gaushala) का विवरण
गौशाला: उत्तर प्रदेश के जिलों में 5000 से कम गौवंश
उत्तर प्रदेश में 5000-10,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ
उत्तर प्रदेश में 10,000-15,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ
उत्तर प्रदेश : 15,000 से 20,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ
उत्तर प्रदेश की गौशाला : 20,000 से 25,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ
उत्तर प्रदेश : 25,000 से 30,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाओं का अध्ययन
उत्तर प्रदेश : 30,000 से 40,000 क्षमता वाली गौशालाएं: उन्नाव, लखीमपुर खीरी, ललितपुर और महोबा
40,000 से अधिक क्षमता वाली गौशालाएं: हमीरपुर, जालौन (ओरई), झांसी, चित्रकूट, हरदोई, सीतापुर और बांदा

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