हापुड़ की गौशालाएं : हापुड़ जिले में कुल 36 गौ आश्रय स्थल (अस्थायी, कान्जी हाउस, वृहद केंद्र) संचालित हैं, जिनमें कुल 3686 गोवंश आश्रय प्राप्त कर रहे हैं जबकि इन केंद्रों की संयुक्त क्षमता 3150 है।
जिले हापुड़ की गौशालाएं की स्थिति
क्रम | तहसील | विकासखंड | ग्राम / स्थान | गौशाला प्रकार | कुल गोवंश | क्षमता |
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1 | हापुड़ | हापुड़ | हिमायूनपुर सामी | अस्थायी आश्रय स्थल | 33 | 30 |
2 | हापुड़ | हापुड़ | डाढरी | अस्थायी आश्रय स्थल | 34 | 30 |
3 | हापुड़ | हापुड़ | जसूप नगर | अस्थायी आश्रय स्थल | 80 | 60 |
4 | हापुड़ | हापुड़ | उपेड़ा | अस्थायी आश्रय स्थल | 61 | 60 |
5 | हापुड़ | हापुड़ | बांखंड़ा | अस्थायी आश्रय स्थल | 93 | 60 |
6 | हापुड़ | हापुड़ | असौधा | अस्थायी आश्रय स्थल | 48 | 40 |
7 | हापुड़ | हापुड़ | रघुनाथपुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 88 | 50 |
8 | हापुड़ | हापुड़ | मलकपुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 226 | 240 |
9 | हापुड़ | हापुड़ शहरी | हापुड़ | अस्थायी आश्रय स्थल (UP AGRO) | 221 | 150 |
10 | हापुड़ | हापुड़ | भटैल (ध्यान फाउंडेशन) | वृहद गौ संरक्षण केंद्र | 424 | 420 |
11 | हापुड़ | हापुड़ | शेखपुर | कान्जी हाउस | 35 | 35 |
12 | धौलाना | धौलाना | काकराना | अस्थायी आश्रय स्थल | 29 | 30 |
13 | धौलाना | धौलाना | हसनपुर लोढ़ा | अस्थायी आश्रय स्थल | 29 | 30 |
14 | धौलाना | धौलाना | बजहेड़ा खुर्द | अस्थायी आश्रय स्थल | 33 | 30 |
15 | धौलाना | धौलाना | हिन्दालपुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 31 | 30 |
16 | धौलाना | धौलाना | नंदपुर | वृहद गौ संरक्षण केंद्र | 580 | 420 |
17 | धौलाना | धौलाना शहरी | पिलखुवा | अस्थायी आश्रय स्थल | 190 | 130 |
18 | धौलाना | धौलाना | समाना | अस्थायी आश्रय स्थल | 84 | 120 |
19 | सिम्भावली | सिम्भावली | जखेड़ा रहमतपुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 39 | 40 |
20 | सिम्भावली | सिम्भावली | बगड़पुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 41 | 40 |
21 | सिम्भावली | सिम्भावली | गोहरा आलमगीरपुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 59 | 40 |
22 | सिम्भावली | सिम्भावली | आरिफपुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 15 | 20 |
23 | सिम्भावली | सिम्भावली | हवासपुर बिगस | अस्थायी आश्रय स्थल | 30 | 25 |
24 | सिम्भावली | सिम्भावली | मुहम्मदपुर आजमपुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 21 | 40 |
25 | सिम्भावली | सिम्भावली | मुरादपुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 40 | 50 |
26 | सिम्भावली | सिम्भावली | भरना | कान्जी हाउस | 36 | 35 |
27 | गढ़ मुक्तेश्वर | गढ़ | बगड़पुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 38 | 35 |
28 | गढ़ मुक्तेश्वर | गढ़ | रसूलाबाद ननपुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 52 | 40 |
29 | गढ़ मुक्तेश्वर | गढ़ | शेरपुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 38 | 50 |
30 | गढ़ मुक्तेश्वर | गढ़ | आलमनगर | अस्थायी आश्रय स्थल | 44 | 50 |
31 | गढ़ मुक्तेश्वर | गढ़ | चित्तौड़ा | अस्थायी आश्रय स्थल | 31 | 30 |
32 | गढ़ मुक्तेश्वर | गढ़ | मोहम्मदपुर रुस्तमपुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 46 | 50 |
33 | गढ़ मुक्तेश्वर | गढ़ | अल्लाबख्शपुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 35 | 30 |
34 | गढ़ मुक्तेश्वर | गढ़ शहरी | गढ़ मुक्तेश्वर | कान्हा उपवन | 407 | 250 |
35 | गढ़ मुक्तेश्वर | सिम्भावली | दरियापुर | अस्थायी आश्रय स्थल | 80 | 100 |
36 | गढ़ मुक्तेश्वर | गढ़ | आलम भगवंतपुर | वृहद गौ संरक्षण केंद्र | 315 | 260 |
कुल गोवंश: 3686
कुल क्षमता: 3150
हापुड़ की गौशालाएं : मोहम्मदपुर रूस्तमपुर गोशालाओं में चारे की कमी से दो गोवंशों की मौत, कई अन्य बीमार
Jun 2025 : हापुड़ जनपद के बहादुरगढ़ क्षेत्र अंतर्गत मोहम्मदपुर रूस्तमपुर गांव की गोशालाओं की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। चारे और पानी की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण दो गोवंशों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य पशुओं की हालत गंभीर बताई जा रही है। इससे पूरे क्षेत्र में दुर्गंध फैल रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, निजी और सरकारी दोनों प्रकार की गोशालाओं में पशुओं की देखभाल में भारी लापरवाही सामने आई है। ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी गोशाला की दीवार पर ‘अस्थाई गोशाला ग्राम पंचायत मोहम्मदपुर रूस्तमपुर’ लिखा है, लेकिन व्यवस्थाएं नाम मात्र की हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम ने जांच के आदेश देते हुए सख्त कार्रवाई की बात कही है।
नंदपुर गौशाला, हापुड़: गौ माता के लिए आश्रय नहीं, मौत का घर बनती गोशाला
July 2024 : हापुड़ जिले की धौलाना तहसील स्थित नंदपुर गौशाला इन दिनों गौ माता की दुर्दशा को लेकर सुर्खियों में है। यहां की हालात इतनी भयावह हो चुकी है कि गौशाला अब आश्रय स्थल नहीं, बल्कि ‘मौत का घर’ बनती जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों और जागरूक नागरिकों का आरोप है कि यहां हर दिन दर्जनों गायें भूख-प्यास से दम तोड़ रही हैं, जबकि सरकार द्वारा पोषक चारा और देखरेख के लिए भरपूर बजट जारी किया जाता है।
आरोप है कि मृत गायों को बिना किसी संवेदना के गौशाला परिसर में ही गड्ढे में दफना दिया जाता है। ग्रामीणों ने गौशाला संचालकों पर गौ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यह मामला प्रशासन की लचर निगरानी व्यवस्था और जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता को भी उजागर करता है।
उत्तर प्रदेश में गौशालाओं की स्थिति
उत्तर प्रदेश में गौशालाओं की स्थिति पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि राज्य में विभिन्न क्षमताओं वाली गौशालाएं मौजूद हैं। कुछ जिलों में तो गौशालाओं में 5,000 से भी कम गोवंश के रखरखाव की व्यवस्था है, जबकि कई गौशालाएं 5,000 से 10,000 गोवंश की क्षमता वाली हैं। कुछ बड़ी गौशालाओं में 15,000 से 20,000 गोवंश के रखरखाव की सुविधा उपलब्ध है। राज्य में कुछ विशालकायगौशालाएं भी हैं जहां 20,000 से 25,000 और यहां तक कि 25,000 से 30,000 गोवंश को आश्रय दिया जा सकता है।
उन्नाव, लखीमपुर खीरी, ललितपुर और महोबा जैसे जिलों में तो 30,000 से 40,000 गोवंश की क्षमता वाली विशाल गौशालाएं स्थित हैं। सबसे बड़ी गौशालाएं हमीरपुर, जालौन (ओराई), झांसी, चित्रकूट, हरदोई, सीतापुर और बांदा जिलों में हैं जहां 40,000 से अधिक गोवंशके रखरखाव की व्यवस्था है। यह आंकड़े उत्तर प्रदेश में गौ संरक्षण के प्रति सरकार और समाज की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
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