गाजीपुर की गौशालाएं : उत्तर प्रदेश के गाजीपुर ज़िले में गौशालाओं की स्थिति लंबे समय से सार्वजनिक और प्रशासनिक चर्चा का विषय रही है। वर्ष 2022 के बाद से प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन ने गाजीपुर में गो-पालन और बेसहारा गौवंश की देखरेख को लेकर कई प्रयास किए हैं, जिनका उद्देश्य था — गायों के संरक्षण, उनके रहने, खाने और स्वास्थ्य देखभाल की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करना। हालांकि इन प्रयासों के बावजूद कई चुनौतियाँ अब भी बनी हुई हैं।
गाज़ीपुर जिले में गौ संरक्षण के क्षेत्र में वृहद गौ संरक्षण केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिले में वर्तमान में तीन प्रमुख वृहद केंद्र संचालित हैं, जिनमें कुल मिलाकर 1134 से अधिक गोवंश का संरक्षण किया जा रहा है। ये केंद्र गौशालाओं की योजना और संचालन में स्थायित्व का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
इसके अतिरिक्त, जिले में 60 से अधिक अस्थायी गौ आश्रय स्थल भी कार्यरत हैं। ये अस्थायी स्थल मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रहे हैं और उनमें भी सैकड़ों गोवंशों को सुरक्षित स्थान प्रदान किया गया है। इन स्थलों की स्थापना और संचालन में स्थानीय प्रशासन तथा जनभागीदारी का सहयोग सराहनीय रहा है।
2022 के बाद, गाज़ीपुर जिले में गौ संरक्षण को लेकर नवीन प्रयासों की शुरुआत हुई है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में संरक्षित स्थलों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इससे न केवल निराश्रित पशुओं को आसरा मिला, बल्कि पशु कल्याण के प्रति जन जागरूकता भी बढ़ी है।
हालाँकि, इन प्रयासों के बीच कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। कई केंद्रों में क्षमता से अधिक गोवंश मौजूद हैं, जिससे उनके लिए चारा, पानी, चिकित्सा और देखभाल की व्यवस्था सुनिश्चित करना कठिन हो जाता है। संसाधनों की कमी, बजट की सीमाएं और प्रशिक्षित कर्मियों की अनुपलब्धता जैसे मुद्दे अभी भी गौ संरक्षण के क्षेत्र में बड़ी बाधा बने हुए हैं।
गाजीपुर की गौशालाएं : संरक्षण के प्रयास
2022 के बाद गाजीपुर ज़िले में निम्नलिखित प्रमुख संरक्षण उपाय लागू किए गए:
- गौ आश्रय स्थलों की संख्या में वृद्धि: जिला प्रशासन ने कई नए अस्थायी व स्थायी गोशाला केंद्रों को मंज़ूरी दी।
- वित्तीय सहायता: प्रदेश सरकार की ओर से प्रति गौवंश के लिए ₹30 प्रतिदिन की दर से धनराशि उपलब्ध कराई गई।
- स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन: पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा नियमित टीकाकरण और चेकअप की व्यवस्था की गई।
- स्थानीय निकायों की भागीदारी: पंचायत और नगर निकायों को गोशालाओं के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई।
गाजीपुर की गौशालाएं : मुख्य चुनौतियाँ
इन प्रयासों के बावजूद गाजीपुर की गोशालाओं में कई समस्याएं बनी हुई हैं:
- भोजन और चारे की कमी: कई गौशालाओं में चारे की नियमित आपूर्ति बाधित रहती है, जिससे गोवंश कुपोषण का शिकार होते हैं।
- स्थान और देखभाल की कमी: कई स्थानों पर आश्रय स्थल संकीर्ण और ओवरकैपेसिटी में हैं, जिससे गोवंश को खुला वातावरण नहीं मिल पाता।
- मानव संसाधन की कमी: प्रशिक्षित कर्मियों और पशु चिकित्सकों की संख्या आवश्यकतानुसार नहीं है।
- बजट का पूर्ण उपयोग न होना: कुछ ब्लॉकों में बजट होते हुए भी योजनाओं का क्रियान्वयन धीमा है।
गाजीपुर की गौशालाएं वर्तमान स्थिति (2025 तक)
गाजीपुर जिले की कई प्रमुख गौशालाओं जैसे—
- गौ आश्रय स्थल – जमानिया
- गौ संरक्षण केंद्र – सैदपुर
- गौशाला केंद्र – बिरनो
- गौशाला – करंडा व भदौरा
— में स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है। जिलाधिकारी द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किए जा रहे हैं और डिजिटल निगरानी प्रणाली भी कुछ स्थानों पर लागू की गई है।
गाज़ीपुर जिले की गौशालाओं की सूची (2022 के बाद)
क्रम संख्या | तहसील | विकासखंड/नगर | ग्राम/स्थान | गौशाला का नाम | प्रकार | कुल गौवंश |
---|---|---|---|---|---|---|
1 | कासिमाबाद | ग्रामीण | परजीपाह | वृहद गौ संरक्षण केंद्र | वृहद | 336 |
2 | मोहम्मदाबाद | नगर पंचायत | सुखा | कांजी हाउस | अस्थायी | 22 |
3 | कासिमाबाद | ग्रामीण | बड़ौरा सुतामिल | अस्थायी आश्रय स्थल | अस्थायी | 285 |
4 | जमानिया | ग्रामीण | रेवतीपुर पशु चिकित्सालय परिसर | अस्थायी | 75 | |
5 | गाज़ीपुर | ग्रामीण | सरैया | अस्थायी | 93 | |
6 | गाज़ीपुर | ग्रामीण | अगुस्ता सलामतपुर | अस्थायी | 40 | |
7 | करंडा | ग्रामीण | बर्सारा | अस्थायी | 12 | |
8 | देवकली | ग्रामीण | गोड़ा कला | अस्थायी | 74 | |
9 | देवकली | ग्रामीण | बसुपुर | अस्थायी | 35 | |
10 | बराचवर | ग्रामीण | करीमुद्दीनपुर | वृहद गौ संरक्षण केंद्र | वृहद | 380 |
… | … | … | … | … | … | … |
56 | सादात | ग्रामीण | पिपनार | वृहद गौ संरक्षण केंद्र | वृहद | 418 |
57 | जमानिया | ग्रामीण | देवा बैरनपुर | अस्थायी | 70 | |
58 | मनिहारी | ग्रामीण | कैठवाली | अस्थायी | 140 | |
59 | सादात | ग्रामीण | नदेपुर | अस्थायी | 60 | |
60 | देवकली | ग्रामीण | कमलपुर | अस्थायी | 108 | |
61 | मोहम्मदाबाद | ग्रामीण | कथौत | अस्थायी | 146 | |
62 | बाराचवर | ग्रामीण | नसीराबाद | अस्थायी | 37 | |
63 | सैदपुर | ग्रामीण | फरदीहा | अस्थायी | 59 |
कुल गौवंश: 6535
आगे की दिशा
- सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि ग्रामीण स्वयं भी बेसहारा गोवंश को सहयोग दें।
- प्रौद्योगिकी का प्रयोग जैसे QR कोड से गायों का पंजीकरण और फीड मैनेजमेंट सिस्टम को लागू करना।
- स्थायी बजट योजना के तहत प्रत्येक ब्लॉक में न्यूनतम एक पूर्ण सुसज्जित गौशाला बनाना।
गाजीपुर में 2022 के बाद गौशालाओं को लेकर सकारात्मक प्रयास हुए हैं लेकिन ज़मीनी हकीकत में कई समस्याएं अब भी बनी हुई हैं। यदि प्रशासनिक इच्छाशक्ति और स्थानीय सहभागिता को मज़बूती दी जाए, तो गाजीपुर की गौशालाएं एक मॉडल बन सकती हैं अन्य ज़िलों के लिए भी।
Disclaimer : The information provided on this page about the Gaushala is sourced from various publicly available platforms including https://up.goashray.in/ . The “GoAshray Sthal” is the authoritative source for shelters-related data in Uttar Pradesh and we rely on their official records for the content presented here. Data is sourced upto the date of publication of this Article.
However, if you find any occasional inaccuracies or omissions in the information provided kindly message us at https://x.com/WeUttarPradesh