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गौशाला Gaushala

हमीरपुर गौशाला : यूपी के हमीरपुर में गौशालाओं की हालत 2025

हमीरपुर की गौशालाएं - Hamirpur Gaushala हमीरपुर गौशाला

हमीरपुर की गौशालाएं - Hamirpur Gaushala हमीरपुर गौशाला

हमीरपुर गौशाला : हमीरपुर जिले के सुमेरपुर, कुरारा, मौदहा, मुस्करा, राठ, सरीला और गोहांड आदि विकास खंड क्षेत्रों के 330 ग्राम पंचायतों में गोशालाएं गोवंश के संरक्षण के लिए बनाई जा चुकी हैं। इन गोशालाओं में 40 हजार से अधिक गोवंश बंद हैं। गोशालाओं की देखरेख के लिए ग्राम पंचायत स्तर से रखवालों की तैनाती है.

हमीरपुर जनपद की 28 संचालित गोशालाओं में अब सुविधाओं की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। जिला प्रशासन ने पशुपालन विभाग के सहयोग से एनजीओ द्वारा संचालित गोशालाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस उद्देश्य से सभी गोशाला संचालकों के साथ एक बैठक भी आयोजित की गई है।

बैठक में यह तय किया गया कि गोशालाओं में चारा और पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ-साथ उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाया जाएगा। इसके लिए पशुपालन विभाग को एक समग्र परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में जिले की इन 28 गोशालाओं में लगभग 2200 गोवंश मौजूद हैं, जिनमें से अधिकांश में चारे की भारी कमी देखी जा रही है, जिससे पशुओं की बुनियादी आवश्यकताएं भी पूरी नहीं हो पा रही हैं।

डीसी अमरजीत सिंह की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि एक व्यापक रिपोर्ट बनाकर सभी आवश्यकताओं और संभावनाओं की पहचान की जाएगी। जिले की केवल 3-4 गोशालाएं ही ऐसी हैं जिन्हें एनजीओ और स्वयंसेवी संस्थाएं बेहतर तरीके से चला रही हैं। इन गोशालाओं ने लोगों को रोजगार भी दिया है और पशुओं की देखभाल में भी उत्कृष्टता दिखाई है।

इन सफल गोशालाओं को मॉडल बनाकर अन्य सभी केंद्रों में इन व्यवस्थाओं को लागू करने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए फंडिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु पशुपालन विभाग एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है। यदि यह पहल सफल होती है तो न केवल पशुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि गोशालाएं आत्मनिर्भर बनकर स्वरोजगार का भी माध्यम बनेंगी।

हमीरपुर गौशाला :

हमीरपुर जिले की प्रमुख गौशालाओं ( हमीरपुर गौशाला )

क्रम संख्याविकासखंडग्राम/स्थानगौशाला का नामप्रकारकुल गोवंश
1सुमेरपुरअतरियाअतरिया अस्थायी आश्रय स्थलअस्थायी268
2सुमेरपुरचाँदपुरवा बुज़ुर्गचाँदपुरवा बुज़ुर्ग अस्थायी आश्रय स्थलअस्थायी298
3सुमेरपुरअमिर्ताअमिर्ता अस्थायी आश्रय स्थलअस्थायी54
4सुमेरपुरबँकबँक अस्थायी आश्रय स्थलअस्थायी48
5राठगलीहयागलीहया आश्रय स्थलअस्थायी75
6कुरारामिष्रीपुरमिष्रीपुर आश्रय स्थलअस्थायी148
7मौदहासिलौलीसिलौली आश्रय स्थलअस्थायी134
8मुस्कराचिल्ली (मुस्करा)चिल्ली मुस्करा आश्रय स्थलअस्थायी257
9मुस्करामुस्करामुस्करा आश्रय स्थलअस्थायी363
10मुस्कराचन्नी (बांध)वृहद गौ संरक्षण केंद्रवृहद451
11मुस्करागहरौली (पर मुस्करा)गहरौली आश्रय स्थलअस्थायी408
12गोहांडगोहांड कन्या गौ आश्रय स्थलकन्या उपवनस्थायी184
13सरीलासारिला कन्या गौ आश्रय स्थलकन्या उपवनस्थायी0
14मौदहापरछा मौजावृहद गौ संरक्षण केंद्रवृहद75
15मुस्कराबसवारी दमुपुरवृहद गौ संरक्षण केंद्रवृहद197

🔹 कुल गौशालाओं की संख्या: लगभग 250+

🔹 प्रमुख श्रेणियाँ:

उत्तर प्रदेश में गौशालाओं की स्थिति पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि राज्य में विभिन्न क्षमताओं वाली गौशालाएं मौजूद हैं। कुछ जिलों में तो गौशालाओं में 5,000 से भी कम गोवंश के रखरखाव की व्यवस्था है, जबकि कई गौशालाएं 5,000 से 10,000 गोवंश की क्षमता वाली हैं। कुछ बड़ी गौशालाओं में 15,000 से 20,000 गोवंश के रखरखाव की सुविधा उपलब्ध है। राज्य में कुछ विशालकायगौशालाएं भी हैं जहां 20,000 से 25,000 और यहां तक कि 25,000 से 30,000 गोवंश को आश्रय दिया जा सकता है। उन्नाव, लखीमपुर खीरी, ललितपुर और महोबा जैसे जिलों में तो 30,000 से 40,000 गोवंश की क्षमता वाली विशाल गौशालाएं स्थित हैं। सबसे बड़ी गौशालाएं हमीरपुर, जालौन (ओराई), झांसी, चित्रकूट, हरदोई, सीतापुर और बांदा जिलों में हैं जहां 40,000 से अधिक गोवंशके रखरखाव की व्यवस्था है। यह आंकड़े उत्तर प्रदेश में गौ संरक्षण के प्रति सरकार और समाज की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

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