चित्रकूट जिले में गौवंश के संरक्षण और देखभाल के लिए विभिन्न स्थायी और अस्थायी गौशालाएँ (Gaushala in Chitrakoot) संचालित की जा रही हैं। जिले में कुल 120+ गौशालाएँ हैं, जिनमें 5,000+ से अधिक गोवंश संरक्षित हैं। प्रशासन द्वारा इन गौशालाओं में चारे, चिकित्सा सुविधा और सुरक्षा का समुचित प्रबंधन किया जाता है।
1. चित्रकूट जिले की प्रमुख गौशालाएँ (Gaushala in Chitrakoot)
➤ अस्थायी आश्रय स्थल (Asthayi Ashray Sthal)
चित्रकूट जिले में विभिन्न स्थानों पर स्थित अस्थायी आश्रय स्थलों में हजारों गोवंशों को रखा गया है। प्रमुख गौशालाएँ निम्नलिखित हैं:
- औदहा, पहाड़ी – 141 गोवंश
- कलवारा खुर्द, पहाड़ी – 120 गोवंश
- ममसी बुजुर्ग, पहाड़ी – 311 गोवंश
- अर्चा बरेठी, पहाड़ी – 116 गोवंश
- बनकट, पहाड़ी – 126 गोवंश
- बांधुइन, करवी – 233 गोवंश
- सागरवारा, पहाड़ी – 107 गोवंश
- मंडौर, मऊ – 200 गोवंश
- लोहाड़ा, राजापुर – 170 गोवंश
- बागलई, मऊ – 99 गोवंश
➤ वृहद गौसंरक्षण केंद्र (Vrihad Gau Sanrakshan Kendra)
चित्रकूट जिले में कुछ वृहद गौसंरक्षण केंद्र भी स्थित हैं, जो बड़ी संख्या में गौवंश के संरक्षण के लिए बनाए गए हैं।
- रसिन गौसंरक्षण केंद्र, करवी – 243 गोवंश
- भदेड़ू गौसंरक्षण केंद्र, पहाड़ी – 483 गोवंश
- खंडेहा गौसंरक्षण केंद्र, मऊ – 348 गोवंश
- चित्रकूटधाम करवी नगर पालिका गौशाला – 447 गोवंश
2. कुल आंकड़े (Gaushala in Chitrakoot)
✔ कुल गौशालाएँ: 120+
✔ कुल गोवंश की संख्या: 5,000+
✔ सबसे बड़ी गौशाला: भदेड़ू गौसंरक्षण केंद्र (483 गोवंश)
✔ सबसे छोटी गौशाला: औदहा, पहाड़ी (141 गोवंश)
3. चित्रकूट की गौशालाओं में हुई प्रमुख घटनाएँ (2022 से अब तक) (Gaushala in Chitrakoot)
➤ अगस्त 2022 – बाढ़ से कई गौशालाओं में जलभराव
- भारी बारिश के कारण लोहाड़ा, राजापुर और रसिन गौसंरक्षण केंद्र, करवी में जलभराव हो गया।
- 50 से अधिक गोवंश बीमार हुए। प्रशासन ने तत्काल जल निकासी का कार्य किया।
➤ दिसंबर 2022 – औदहा गौशाला में चारे की कमी
- 100 से अधिक गोवंशों को चारे की कमी से जूझना पड़ा।
- स्थानीय प्रशासन ने तुरंत राहत सामग्री भेजी और चारे की आपूर्ति बढ़ाई।
➤ मार्च 2023 – भदेड़ू गौसंरक्षण केंद्र में आगजनी की घटना
- शॉर्ट सर्किट से लगी आग में 15 गोवंश झुलस गए, जिनमें से 5 की मौत हो गई।
- दमकल विभाग ने राहत कार्य किया।
➤ जून 2023 – करवी क्षेत्र की गौशालाओं में संक्रमण फैला
- 200 से अधिक गोवंश बीमार हुए, 25 की मौत।
- पशु चिकित्सकों की टीम को तैनात किया गया।
➤ अक्टूबर 2023 – गोवंश चोरी की घटनाएँ बढ़ीं
- चित्रकूटधाम करवी नगर पालिका गौशाला से 10 गोवंश चोरी हुए।
- पुलिस जांच में जुटी और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई।
4. अब तक हुई कुल मौतें और बीमार गोवंश (2022-2024) (Gaushala in Chitrakoot)
✔ कुल मृत गोवंश: 150+
✔ बीमार हुए गोवंश: 600+
5. प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम
✔ गौशालाओं में चारे और पानी की आपूर्ति बढ़ाई गई।
✔ बीमार पशुओं के इलाज हेतु पशु चिकित्सकों की टीम तैनात की गई।
✔ स्थानीय निकायों द्वारा गौशाला प्रबंधन की निगरानी बढ़ाई गई।
✔ जलभराव और आगजनी जैसी समस्याओं के समाधान के लिए विशेष फंड जारी किया गया।
चित्रकूट जिले की गौशालाओं (Gaushala in Chitrakoot) में गोवंश की सुरक्षा और उचित प्रबंधन के लिए प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ गौशालाओं में संसाधनों की कमी और प्रबंधन में लापरवाही के कारण मौतों और बीमारियों की घटनाएँ बढ़ रही हैं, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है।
यदि आपको किसी विशेष गौशाला के बारे में जानकारी चाहिए, तो कृपया बताएं। 🚩
उत्तर प्रदेश में 10,000-15,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ |
उत्तर प्रदेश : 15,000 से 20,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ |
उत्तर प्रदेश की गौशाला : 20,000 से 25,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ |
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