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गौशाला Gaushala

गौशाला की स्थिति: अम्बेडकर नगर में जानें Gaushala in Ambedkar Nagar

अम्बेडकर नगर में गौशाला की स्थिति - Gaushala in Ambedkar Nagar की पूरी जानकारी

अम्बेडकर नगर में गौशाला की स्थिति - Gaushala in Ambedkar Nagar की पूरी जानकारी

गौशालाएँ भारतीय संस्कृति और परंपरा का अभिन्न अंग हैं। यह न केवल बेसहारा गायों को आश्रय प्रदान करती हैं, बल्कि भारतीय कृषि और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देती हैं। उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में गौशालाओं की स्थिति ( Gaushala in Ambedkar Nagar ) पर नजर डालें तो यहाँ कई सरकारी और गैर-सरकारी गौशालाएँ कार्यरत हैं, जो गोवंश संरक्षण के महत्वपूर्ण केंद्र बन चुकी हैं।

गौशालाओं का महत्व

गौशालाएँ पशुधन संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। ये केंद्र उन गायों के लिए बनाए गए हैं, जो सड़कों पर बेसहारा घूमती हैं या जिन्हें उनके मालिकों ने छोड़ दिया है। गौशालाओं में इन पशुओं को चारा, पानी, चिकित्सा और सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जाता है। साथ ही, जैविक खेती और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी गौशालाएँ सहायक होती हैं।

अंबेडकर नगर में गौशालाओं की स्थिति Gaushala in Ambedkar Nagar

अंबेडकर नगर जिले में कई गौशालाएँ स्थित हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। यहाँ अस्थायी और स्थायी गौशालाएँ स्थापित की गई हैं, जिनका संचालन सरकार और स्थानीय समाजसेवी संस्थाएँ कर रही हैं।

1. अस्थायी गौशालाएँ

अस्थायी गौशालाओं को विशेष रूप से उन गौवंश के लिए विकसित किया गया है, जो सड़कों पर बेसहारा घूम रहे हैं। इन केंद्रों में उनके भोजन और सुरक्षा की उचित व्यवस्था की जाती है। इन गौशालाओं में सीमित संसाधन होते हैं, लेकिन प्रशासन समय-समय पर उनकी देखरेख करता है।

2. स्थायी गौशालाएँ

स्थायी गौशालाओं में अधिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। इनमें पशु चिकित्सकों की व्यवस्था होती है, जो बीमार और घायल गौवंश का इलाज करते हैं। साथ ही, यहाँ हरे चारे और स्वच्छ पानी की समुचित व्यवस्था होती है। कई स्थायी गौशालाएँ गोबर और गौमूत्र से जैविक खाद बनाने का कार्य भी करती हैं, जिससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलता है।

गौशालाओं में आने वाली समस्याएँ ( Gaushala in Ambedkar Nagar )

हालांकि, अंबेडकर नगर में गौशालाएँ कार्यरत हैं, लेकिन कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित समस्याएँ देखी गई हैं:

  1. भोजन और चारे की कमी: कई गौशालाओं में चारे की आपूर्ति अनियमित रहती है, जिससे गोवंश को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता।
  2. स्वास्थ्य सेवाओं की कमी: पशु चिकित्सकों की संख्या कम होने के कारण बीमार और घायल गायों का इलाज समय पर नहीं हो पाता।
  3. आर्थिक सहायता की कमी: सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों से मिलने वाली सहायता सीमित होती है, जिससे गौशालाओं का संचालन कठिन हो जाता है।
  4. स्थान की समस्या: कुछ गौशालाएँ छोटी जगहों पर संचालित हो रही हैं, जिससे अधिक संख्या में गायों को आश्रय देना मुश्किल हो जाता है।

गौशालाओं के संचालन में सामाजिक योगदान

गौशालाओं के सफल संचालन के लिए समाज का सहयोग आवश्यक है। अंबेडकर नगर में स्थानीय लोग और समाजसेवी संस्थाएँ गौशालाओं को सहयोग प्रदान कर रही हैं। कुछ प्रमुख योगदान इस प्रकार हैं:

सरकार की भूमिका और योजनाएँ

उत्तर प्रदेश सरकार गौशालाओं के विकास और संचालन के लिए कई योजनाएँ चला रही है। इनमें प्रमुख योजनाएँ इस प्रकार हैं:

अंबेडकर नगर जिले में गौशालाओं की सूची Gaushala in Ambedkar Nagar

अकबरपुर तहसील

सैदपुर भितारी ग्राम

अंबेडकर नगर जिले के अकबरपुर तहसील के सैदपुर भितारी ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 100 गोवंशों की क्षमता है।

सिसवा ग्राम

सिसवा ग्राम में भी एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 237 गोवंशों को रखा जा सकता है।

प्रतापपुर चमरखा ग्राम

प्रतापपुर चमरखा ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 96 गोवंशों की क्षमता है।

रुकनुद्दीनपुर ग्राम

रुकनुद्दीनपुर ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 135 गोवंशों को रखा जा सकता है।

टिक्रे ग्राम

टिक्रे ग्राम में एक विराट गौ संरक्षण केंद्र है, जिसमें 127 गोवंशों की क्षमता है।

भीटी तहसील

जैतपुर खास ग्राम

भीटी तहसील के जैतपुर खास ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 152 गोवंशों की क्षमता है।

केवारी परमानंद ग्राम

केवारी परमानंद ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 178 गोवंशों को रखा जा सकता है।

चाचिकपुर ग्राम

चाचिकपुर ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 77 गोवंशों की क्षमता है।

खंदरा ग्राम

खंदरा ग्राम में एक विराट गौ संरक्षण केंद्र है, जहां 292 गोवंशों को रखा जा सकता है।

वरमदपुर लोहारा ग्राम

वरमदपुर लोहारा ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 170 गोवंशों की क्षमता है।

रानीपुर मोहन ग्राम

रानीपुर मोहन ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 177 गोवंशों को रखा जा सकता है।

बिलोलपुर ग्राम

बिलोलपुर ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 180 गोवंशों की क्षमता है।

टेरिया ग्राम

टेरिया ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 105 गोवंशों को रखा जा सकता है।

टांडा तहसील

भदसारी ग्राम

टांडा तहसील के भदसारी ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 185 गोवंशों की क्षमता है।

उमरापुर मीनापुर ग्राम

उमरापुर मीनापुर ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 108 गोवंशों को रखा जा सकता है।

मकोइया ग्राम

मकोइया ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 54 गोवंशों की क्षमता है।

बसहिया ग्राम

बसहिया ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 54 गोवंशों को रखा जा सकता है।

डंडी ग्राम

डंडी ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 86 गोवंशों की क्षमता है।

टांडा शहर

टांडा शहर में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 40 गोवंशों को रखा जा सकता है।

इल्तिफ़तगंज शहर

इल्तिफ़तगंज शहर में एक आश्रय स्थल है, जिसमें 57 गोवंशों की क्षमता है।

अलापुर तहसील

अखलासपुर ग्राम

अलापुर तहसील के अखलासपुर ग्राम में एक विराट गौ संरक्षण केंद्र है, जहां 314 गोवंशों को रखा जा सकता है।

तेंदुई खुर्द ग्राम

तेंदुई खुर्द ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 162 गोवंशों की क्षमता है।

लालमनपुर ग्राम

लालमनपुर ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 121 गोवंशों को रखा जा सकता है।

केद्रुपुर ग्राम

केद्रुपुर ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 155 गोवंशों की क्षमता है।

कसदहा ग्राम

कसदहा ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 251 गोवंशों को रखा जा सकता है।

जलालपुर तहसील ( Gaushala in Ambedkar Nagar )

पतोहा गनेपुर ग्राम

जलालपुर तहसील के पतोहा गनेपुर ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 190 गोवंशों की क्षमता है।

मलिपुर ग्राम

मलिपुर ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 54 गोवंशों को रखा जा सकता है।

कल्याणपुर ग्राम

कल्याणपुर ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 141 गोवंशों की क्षमता है।

रत्ना ग्राम

रत्ना ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 178 गोवंशों को रखा जा सकता है।

असताबाद ग्राम

असताबाद ग्राम में एक विराट गौ संरक्षण केंद्र है, जिसमें 92 गोवंशों की क्षमता है।

पखानपुर ग्राम

पखानपुर ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 92 गोवंशों को रखा जा सकता है।

गोबिंदपुर ग्राम

गोबिंदपुर ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 99 गोवंशों की क्षमता है।

शेखपुरा राजकुमारी ग्राम

शेखपुरा राजकुमारी ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 125 गोवंशों को रखा जा सकता है।

जलालपुर शहर

जलालपुर शहर में एक आश्रय स्थल है, जिसमें 43 गोवंशों की क्षमता है।

अकबरपुर शहर

मिर्जापुर नगर पालिका अकबरपुर

अकबरपुर शहर में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 118 गोवंशों को रखा जा सकता है।

हरखपुर ग्राम

हरखपुर ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जिसमें 122 गोवंशों की क्षमता है।

वांगांव ग्राम

वांगांव ग्राम में एक अस्थायी आश्रय स्थल है, जहां 115 गोवंशों को रखा जा सकता है।

कुल गोवंश संख्या Gaushala in Ambedkar Nagar

अंबेडकर नगर जिले में कुल 4982 गोवंशों की क्षमता वाले आश्रय स्थल और गौ संरक्षण केंद्र हैं।

उत्तर प्रदेश में गौशाला
गौशाला: उत्तर प्रदेश की सभी गौशालाओं (UP Gaushala) का विवरण
गौशाला: उत्तर प्रदेश के जिलों में 5000 से कम गौवंश
उत्तर प्रदेश में 5000-10,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ
उत्तर प्रदेश में 10,000-15,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ
उत्तर प्रदेश : 15,000 से 20,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ
उत्तर प्रदेश की गौशाला : 20,000 से 25,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ
उत्तर प्रदेश : 25,000 से 30,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाओं का अध्ययन
उत्तर प्रदेश : 30,000 से 40,000 क्षमता वाली गौशालाएं: उन्नाव, लखीमपुर खीरी, ललितपुर और महोबा
40,000 से अधिक क्षमता वाली गौशालाएं: हमीरपुर, जालौन (ओरई), झांसी, चित्रकूट, हरदोई, सीतापुर और बांदा

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