भले ही उत्तर प्रदेश पुलिस में कुछ दागदार वर्दीधारी अपनी करतूतों से महकमें को बदनाम कर रहे हों लेकिन कुछ पुलिसकर्मी बेहतर काम करके पूरे विभाग की इज्जत बचा रहे हैं। यह हम नहीं बल्कि ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए एक इंदिरानगर के परिवार का कहना है।

  • पीड़ित परिवार के खाते से साइबर ठगों ने उनके खाते से रकम उड़ा दी थी।
  • इसकी शिकायत उन्होंने साइबर क्राइम सेल में की थी।
  • साइबर क्राइम सेल की टीम ने बेहतरीन काम करके पीड़ित के खाते में रकम वापस करवा दी।
  • बैंक खाते में पैसे पहुंचने का जब मैसेज पीड़ितों को मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
  • पीड़ित परिवार मंगलवार को साइबर क्राइम सेल के हजरतगंज कोतवाली स्थित कार्यालय पहुंचा और पूरी टीम को धन्यवाद देकर प्रशंसा की।

एसबीआई बैंककर्मी बनकर की बात

  • गाजीपुर थाना क्षेत्र के समृद्धि हॉउस इंदिरानगर में रहने वाले राकेश सिंघल ने बताया कि पिछली 4 मई 2017 को उनके मोबाईल पर एक कॉल आई।
  • कॉलर ने खुद को एसबीआई अधिकारी बताते हुए कहा कि आप का डेबिट कार्ड ब्लॉक हो रहा है।
  • इसको आधार कार्ड से लिंक किया जा रहा है कार्ड को सुचारु रूप से चलाने के लिए मोबाईल पर भेजे जा रहे ओटीपी (वन टाइम पॉसवर्ड) को बता दें।
  • यह बात सुनकर उन्होंने अपनी बेटी पंखुड़ी सिंघल को फोन पकड़ा दिया।
  • बेटी जालसाज को समझ नहीं पाई और ओटीपी बता दिया।
  • इसके बाद जालसाज ने 10 बार उनके मोबाईल पर OTP भेजे।
  • हर बार ओटीपी बताने के बाद रकम उनके खाते से जालसाज उड़ाता रहा।
  • जब उन्होंने कॉल डिस्कनेक्ट की तो बैंक खाते से 22000 हजार रुपये डेबिट होने का मैसेज मिलते ही उनके होश उड़ गए।
  • इसकी शिकायत उन्होंने स्थानीय थाने पर की तो पुलिस ने साइबर क्राइम सेल में रिपोर्ट दर्ज करवाने की सलाह दी।
  • पीड़ित भरी दोपहरी में साइबर क्राइम सेल पहुंचा और जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।

टीम ने किया बेहतर काम

  • साइबर क्राइम सेल हजरतगंज के प्रभारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित की शिकायत के बाद खाता संख्या लेकर साइबर क्राइम सेल की टीम में उप निरीक्षक विजयवीर सिंह सिरोही, कांस्टेबल अखिलेश कुमार, फिरोज बदर, सरीफ खान, प्रनीश की टीम ने ट्रांजेक्शन ट्रैस करके पीड़ित के खाते में पैसे क्रेडिट करवा दिए।
  • पैसे खाते में पहुंचते ही परिवार कोतवाली पहुंचा और पूरी टीम को धन्यवाद दिया।

खुशी का नहीं रहा ठिकाना

  • राकेश ने बताया कि साइबर क्राइम सेल की टीम ने उनके खाते में 17900 रुपये वापस करा दिए।
  • पैसे वापस होने का जब उन्हें मैसेज मिला तो उन्होंने यह बात अपने घर में बताई तो सभी का ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।
  • उन्होंने अपने परिवार में पत्नी रजनी सिंघल, बेटी पंखुड़ी सिंघल, समृद्धि सिंघल और बेटा अनूप सिंघल को साइबर सेल के कार्यालय भेजा। जहां परिवार के सदस्यों ने बेहतर काम करने वाली टीम की प्रशंसा की है।

ऐसे साइबर अपराधी कर रहे ठगी, ऐसे बचें

  • साइबर एक्सपर्टों की मानें तो साइबर अपराधी बैंक अकाउंट बंद होने क्रेडिट/डेबिट कार्ड बंद होने की बात कहकर कॉल के जरिये खुद को बैंक अधिकारी बताकर बैंक डिटेल मांग रहे हैं उन्हें अपनी गोपनीय जानकारी ना बताएं।
  • ईमेल से जुड़ी सूचनाओं को भी बेहद गोपनीय रखें।
  • जालसाज फोन पर लॉटरी जीतने और बीमा पॉलिसी के नवीनीकरण के संबंध में सूचनाएं दे रहे हैं इन सूचनाओं को नजरंदाज कर कॉल डिस्कनेक्ट करें।
  • साइबर ठग काॅल स्पूफिंग के जरिये भी ठगी कर रहे हैं। फोन पर बहुत ही आकर्षक और वीआईपी नंबर आने पर भी इसे अनदेखा करें।
  • वर्तमान समय में तकनीक बढऩे के साथ ही साइबर क्राइम भी तेजी से बढ़ रहा है।
  • अपराधी सोशल वेबसाइट का पासवर्ड हैक कर भी परेशान कर रहे हैं।
  • इन अपराधियों की चिकनी बातों में आकर पढ़े लिखे लोग भी आ जाते हैं इन ठगों से खुद जागरूक होकर बचें।
  • ठगी की आशंका होते ही पुलिस से संपर्क करें।
  • किसी अजनबी को आपना नंबर ना दें और सोशल नेटवर्किंग साइट पर लॉक कोड का प्रयोग करें।
    अपने बैंक खाते की डिटेल और एटीएम का पासवर्ड किसी को ना बताएं।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें