उत्तर प्रदेश के एटा में हुए हादसे में 21 बच्चे मारे गए जिनका ग़म भुलाए नही भूलता है. लेकिन इसके बावजूद भी स्कूल संचालकों की आँख नही खुली है. बता दें कि स्कूल द्वारा वाहन चलवाने के लिए भी कुछ नियम हैं. इन नियमों का पालन करना सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य है.
स्कूल वाहन के लिए कुछ नियम
- स्कूल वाहन पंजीकरण के दौरान ड्राइवर का पंजीकरण जरूरी है.
- ड्राइवर के पास पांच वर्ष पुराना ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए.
- ड्राइवर और सहायक दोनों के पास ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य है.
- ड्राइवर की आपराधिक इतिहास की पुलिस जांच होनी चाहिए.
- कोई आपराधिक इतिहास वाला स्कूल बस का चालक नहीं बनेगा.
- सुरक्षा के लिए वाहन में अनुभवी पुरुष और महिला सहायक साथ होंगे.
- बस के कर्मचारियों को निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करना होगा.
- सभी स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर के साथ अलार्म अनिवार्य होगा.
- चालक निर्धारित गति सीमा से अधिक रफ्तार नहीं बढ़ाएंगे.
- वाहन से स्कूल आने-जाने वाले बच्चों की सूची चस्पा होगी.
- सूची में नाम, कक्षा, पता और ब्लड ग्रुप भी लिखा होगा.
- स्कूल बसों में दो इमरजेंसी गेट की व्यवस्था करानी होगी.
- इन नियमों का पालन करने से काफी हद्द तक दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है.
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Mohammad Zahid
मैं @uttarpradesh.org का पत्रकार हूँ। तथ्यों को लिखने से मुझे कोई रोक नहीं सकता।नवाबों के शहर लखनऊ का हूँ इसलिए बुलंद आवाज़ भी उठाता हूँ तो बड़े एहतराम से....