अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी 100 की दूसरी वर्षगांठ पर डीजीपी सहित तमाम पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा था कि अगर थाना स्तर पर पुलिस पीड़ितों के साथ शालीनता से पेश आये तो काफी मात्रा में अपराधों में कमी आ सकती है। पुलिसकर्मियों को जनता से बेहतर तरीके से तालमेल करने की जरूरत है। इससे पहले डीजीपी के निर्देश पर पुलिसकर्मियों को रिफ्रेशर कोर्स भी कराया गया। बावजूद इसके थाना स्तर पर पुलिसकर्मी पीड़ितों से शालीनता से पेश आने के बजाय उन्हें गंभीर मामलों में भी गाली देकर भगा रहे हैं।

ताजा मामला राजधानी लखनऊ के बंथरा थाना क्षेत्र का है। यहां एक नशेड़ी ने घर में घुसकर एक अनुसूचित जाति (दलित) गर्भवती महिला से छेड़छाड़ कर दुष्कर्म करने का प्रयास किया। पीड़िता ने शोर मचाया तो उसकी सास आ गई। इतने में आरोपी धमकी देते हुए भाग गया। मजदूरी करके घर वापस आये पति को पीड़िता ने घटना बताई तो उसके होश उड़ गए। वह इसकी शिकायत लेकर आरोपी के घर पहुंचा। आरोप है कि यहां आरोपी के भाई और उसकी माँ ने पीड़िता के पति पर जानलेवा हमला कर लाठियों से पीट दिया। पीड़ित ने इसकी सूचना 100 नंबर डॉयल कर पुलिस को दी।

आरोप है कि सूचना के बाद भी पुलिस मौके पर झांकने तक नहीं गई। पीड़ित ने जब थाने जाकर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखित शिकायत की पुलिस ने उसे थाने से भगा दिया। आरोप है कि थाना में मौजूद दरोगा और दीवान ने पति-पत्नी को अपमान जनक शब्द कहे। थाना स्तर पर न्याय न मिलने और पुलिस के इस रवैये से क्षुब्ध होकर पीड़ित मोहनलालगंज से भाजपा संसद कौशल किशोर के घर पहुंचा। यहां पीड़ित दंपत्ति ने आरोपियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की। सांसद ने क्षेत्राधिकारी से बात करके कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

भाजपा सांसद कौशल किशोर को दिए गए प्रार्थना पत्र में पीड़िता ने कहा है कि ‘वह बंथरा थाना के एक गांव में रहने वाली अनुसूचित जाति की महिला है। उसके गांव का रहने वाला शेरा और शमशेर पुत्र स्व. काशीराम लोधी पिछली 6 जनवरी को शाम करीब 5:30 बजे नशे में धुत होकर मेरे घर में घुस आया और मेरे साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया। मेरी सास कांडा पाथने गई थी। उसके शोर मचने पर वह घर आ गई। शोर मचाने से शेरा वहां से भाग गया। थोड़ी देर में उसका पति मजदूरी करके वापस आया। पीड़िता ने पति को पूरी बात बताई। पति जब उलाहना लेकर गया तो शेरा के भाई शिवराम तथा उनकी मां ने मेरे पति के ऊपर लाठी डंडों से हमला कर दिया। इस पर पीड़िता ने 100 नंबर डायल किया। शिकायत के बाद भी अगले दिन 7 तारीख को भी पुलिस नहीं आई। पीड़ित दंपत्ति अगले दिन थाने में प्रार्थना पत्र देकर रिपोर्ट दर्ज करवाने गया। लेकिन पुलिस ने थाने से भगा दिया। आरोप है कि 4 दिनों तक रिपोर्ट नहीं लिखी गई तो थाने पर जाकर उसके पति ने रिपोर्ट की कॉपी मांगी। थाने में मौजूद उपनिरीक्षक प्रमोद दुबे, नागेंद्र सिंह एवं दीवाने पति-पत्नी को गालियां देकर कहा- “तुम्हारे साथ ऐसा क्या खास हो गया यह तो होता ही रहता है।तुम्हें जो करना है कर लो, थाने में दिखाई देना। थाना के भीतर मत आना।” आरोप है कि पुलिस अपराधियों के साथ खड़ी है इसलिए दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है। पीड़ित ने अपने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि आजादी के 7 दशक बाद भी दलित महिला की दशा ज्यों की त्यों है। इसलिए पीड़िता ने सांसद से न्याय की गुहार लगाई है।

इनपुट – ज्ञानेंद्र

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