भैया आप आईटीएम कॉलेज में पढ़ते हो? हां…। मुझे भी एडमिशन लेना है, पढ़ाई कैसी होती है? यहां एडमिशन बिल्कुल मत लेना…। क्यों, तो कहते हैं कि ‘यहां खड़े होकर ज्यादा बोलेंगे तो मार डालेगा ऐके पाठक’। इस कॉलेज में पढ़ाई कम विभिन्न मदो में वसूली ज्यादा होती है। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह दर्द उन सैकड़ों छात्रों का है जो लखनऊ के ITM कॉलेज में पढ़ते हैं।
लेट फीस के नाम पर होती है वसूली
- यहां पढ़ने वाले छात्रों का आरोप है कि अगर आप समय से कॉलेज आयें और उपस्थिति भी पूरी हो।
- इसके बावजूद आपको लेट फीस भरनी पड़ेगी।
- एक छात्र ने दबी जुबान में कहा कि कॉलेज प्रशासन एडमिट कार्ड देने के लिए भी हर 500 रुपये से 1000 रुपये तक वसूल रहा है।
- नाम ना छापने की शर्त पर एक छात्र ने कहा कि पिछली बार भी एडमिट कार्ड के लिए छात्रों से वसूली हुई थी।
- छात्रों ने बताया कि कॉलेज में पढ़ाई के नाम पर धन उगाही का खेल चल रहा है।
- कुछ छात्रों ने कहा कि यहां शिक्षक और छात्र के बीच पढ़ाई का संबंध नहीं बल्कि पैसों का संबंध होता है।
- कभी पूरी फीस जमा करने के बाद भी स्काउट के नाम पर पैसे लिया जाता है।
- कभी अनुस्थिति के नाम पर लेट फीस के तौर पर छात्रों से हजारों रुपये की वसूली करते हैं।
- इतना ही नहीं पूरे साल कॉलेज नहीं आना है तो 40,000 दो और उपस्थिति लो जैसा हाल है।
छात्रवृत्ति के नाम पर 8000 रुपये तक की वसूली का आरोप
- सूत्रों की मानें तो कॉलेज में छात्रवृत्ति मिलने के प्रावधान के तहत प्रति छात्र से शिक्षक 8000 की वसूली करते हैं। वहीं कुछ छात्रों ने भी इसका आरोप लगाया है।
- इतना ही नहीं अगर शिक्षक के इस वसूली के खिलाफ जाकर कोई छात्र या छात्रा शिकायत करे, तो ऐसे में उसे जमकर प्रताड़ना झेलनी पड़ती है (एक-दो छात्र-छात्राएं प्रताड़ना झेल चुके हैं)।
फेल करने की दी जाती है धमकी
- एक पूर्व विद्यार्थी ने बताया कि पूरा कॉलेज पाठक से डरता है, वह बात-बात पर इंटरनल में फेल करने की धमकी देते हैं।
- छात्रों का आरोप है कि अगर वह किसी के सामने कुछ बोलें तो उन्हें बंद कमरे में बुलाकर टॉर्चर किया जाता है।
- जब uttarpradesh.org की टीम ने छात्रों से मिल रही शिकायतों के बाद कॉलेज में जाकर कुछ छात्रों से हकीकत जानी तो उगाही निकलकर सामने आई।
- हालांकि छात्रों ने कैमरे के आगे आने और नाम छापने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि वह इस कॉलेज के छात्र हैं।
- यह बात केवल आईटीएम कॉलेज की नहीं है यह खेल तमाम निजी कॉलेजों में चल रहा है।
- हमारा उदेश्य है कि जो बच्चे इन कॉलेजों की मनमानी का शिकार हो रहे हैं वह लापरवाह कॉलेज प्रशासन के खिलाफ आवाज उठायें ताकि इन कॉलेजों में एडमिशन लेने वाला किसी गरीब या किसान का बेटा जो पढ़लिख कर कुछ बनने की चाह रखता हो वह वसूली का शिकार ना हो।
- बड़ा सवाल ये कि सालों से शिक्षा की आड़ में काली कमाई करने वाले शिक्षक पर कब होगी कार्रवाई, होगी भी या नहीं होगी?
- हालांकि जब इस पूरे मामले में कॉलेज प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तो परीक्षाएं चलने का हवाला देकर बात को टाल दिया गया।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.