जानिए कौन हैं उमर अली खान ?

उमर अली खान उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावशाली मुस्लिम नेता के रूप में उभरे हैं। उनका जन्म 23 अप्रैल 1977 को उत्तर प्रदेश के कंची गांव में हुआ। उनके पिता का नाम श्री सरफराज अली खान है। उनकापरिवार एक प्रतिष्ठित पृष्ठभूमि से आता है, उनके नाना नवाब नुरूल रहमान खान सहारनपुर क्षेत्र के प्रसिद्ध ज़मींदार थे और ‘पठेड़ के नवाब’ के नाम से जाने जाते हैं।

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उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सहारनपुर के महाराज सिंह डिग्री कॉलेज से प्राप्त की और 1999 में स्नातक की डिग्री ली। बाद में उन्होंने एस.आर.एम. इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, मोदीनगर से एमबीए की डिग्री 2001 में पूरी की। शिक्षा पूरी करने के बाद 2004 से 2007 तक वे दुबई पोर्ट प्राधिकरण में कार्यरत रहे। इसके बाद उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र की ओर रुख किया।

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उमर अली खान का जीवन परिचय

उमर अली खान के जीवन परिचय में उनका पारिवारिक, शैक्षणिक और सामाजिक पक्ष विशेष रूप से उल्लेखनीय है। वे पठान जाति से हैं और इस्लाम धर्म का पालन करते हैं। 24 दिसंबर 2005 को उनका विवाह श्रीमती हिना बुखारी से हुआ, जो दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी की पुत्री हैं। इस वैवाहिक संबंध ने उन्हें दिल्ली की मुस्लिम राजनीति से भी जोड़ दिया।

उनकी पत्नी हिना बुखारी का जन्म 23 अप्रैल 1984 को हुआ था। उनके चार बच्चे हैं—तीन पुत्र और एक पुत्री। कृषि इनका मुख्य व्यवसाय है और सामाजिक क्षेत्रों में भी वे सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

राजनीतिक सफर में उमर अली खान की भूमिका

राजनीतिक सफर की शुरुआत

उमर अली खान का राजनीतिक सफर वर्ष 2012 से शुरू होता है, जब वे उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य चुने गए। उस समय से लेकर 2018 तक वे लगातार एमएलसी रहे। इस अवधि में उन्होंने कई महत्वपूर्ण समितियों में कार्य किया। 2012 से 2014 तक वे याचिका समिति के सदस्य रहे, जबकि 2014 से 2016 तक विशेषाधिकार समिति में रहे। इसके बाद, 2016 से 2018 तक प्रश्न एवं संदर्भ समिति के सदस्य के रूप में भी उन्होंने योगदान दिया।

विधानसभा चुनाव और नई भूमिका

मार्च 2022 में हुए बेहट विधानसभा चुनाव में उमर अली खान ने पहली बार सीधे तौर पर चुनाव लड़ा और अठारहवीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। यह उनके राजनीतिक सफर का नया अध्याय था। पार्टी द्वारा उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम मतदाताओं के बीच एक सशक्त चेहरा बनाने की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण माना गया।

पार्टी और नेतृत्व के साथ संबंध

अपने राजनीतिक करियर में उमर अली खान ने समाजवादी पार्टी से जुड़कर अपनी पहचान मजबूत की। वे पार्टी की रणनीतिक समितियों में सक्रिय रहते हैं और मुस्लिम समुदाय के मुद्दों को जोरशोर से उठाते हैं। उनके विचार और कार्यशैली पार्टी लाइन के अनुरूप होती है, जिससे नेतृत्व के साथ उनका तालमेल बेहतर बना रहता है।

उमर अली खान का सामाजिक प्रभाव

उमर अली खान का प्रभाव सिर्फ राजनीतिक दायरे में सीमित नहीं है। वे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं, विशेषकर मुस्लिम युवाओं के बीच शिक्षा और स्वरोजगार को लेकर जागरूकता फैलाते हैं। पारिवारिक रूप से प्रतिष्ठित होने के कारण क्षेत्र में उनकी सामाजिक स्वीकार्यता अधिक है. उनका जीवन परिचय और राजनीतिक सफर इस बात का प्रमाण हैं कि वे एक गंभीर, शिक्षित और विचारशील नेता के रूप में उभरे हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनका नाम एक स्थिर और सक्रिय मुस्लिम नेतृत्व के रूप में उभर रहा है।

Saharanpur Assembly Election Results 2022

सहारनपुर जिले की सभी सात विधानसभा सीटों के विजेता

क्रम संख्याविधानसभा सीटविजेता उम्मीदवारपार्टी
1गंगोहकिरत सिंहभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
2देवबंदबृजेश सिंहभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
3नकुड़मुकेश चौधरीभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
4बेहटउमर अली खानसमाजवादी पार्टी (सपा)
5रामपुर मनिहारनदेवेंद्र कुमार निमभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
6सहारनपुरआशु मलिकसमाजवादी पार्टी (सपा)
7सहारनपुर नगरराजीव गुंबरभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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