सुरेन्द्र कुशवाहा का जन्म 01 मई 1971 को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद के नरायनपुर गांव में हुआ। वे हिन्दू धर्म में विश्वास रखते हैं और पिछड़ी जाति वर्ग के कोइरी समुदाय से आते हैं। उनके पिता गंगा सिंह कुशवाहा एक अनुभवी राजनेता रहे हैं, जो 2012 से 2022 तक फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे।
सुरेन्द्र कुशवाहा ने अपनी शिक्षा में विशेष रुचि ली और स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद बी.एड. की डिग्री प्राप्त की। वे एक शिक्षित और विचारशील व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं। 6 जून 1987 को उनका विवाह श्रीमती सुनीता सिंह से हुआ, जिनका जन्म 5 जुलाई 1973 को हुआ था। दंपति के चार बच्चे हैं – तीन पुत्र और एक पुत्री।
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अध्यापन जीवन: एक समर्पित शिक्षक
शिक्षक के रूप में सुरेन्द्र कुशवाहा का जीवन परिचय उन्हें एक ईमानदार, मेहनती और छात्रों के प्रति समर्पित शिक्षक के रूप में पहचान दिलाता है। उन्होंने वर्ष 1999 से 2022 तक श्री गांधी इंटर कॉलेज, हरपुर बुदहट, गोरखपुर में भूगोल विषय के शिक्षक के रूप में सेवाएं दीं। वर्ष 2022 से वे कुशीनगर जनपद के फाजिलनगर स्थित पावानगर महावीर इंटर कॉलेज में सामाजिक विज्ञान पढ़ा रहे हैं।
भले ही अब वे एक निर्वाचित विधायक हैं, लेकिन वे आज भी नियमित रूप से कॉलेज जाते हैं और बच्चों को पढ़ाना जारी रखते हैं। उनका मानना है कि राजनीति सेवा का माध्यम है लेकिन शिक्षा जीवन का धर्म है, और इसी आदर्श के साथ वे वेतन नहीं लेते और विद्यालय में शिक्षण कार्य करते हैं।
राजनीतिक सफर: सुरेन्द्र कुशवाहा का पहला कदम और ऐतिहासिक जीत
राजनीतिक सफर का आरंभ उस समय हुआ जब उनके पिता और फाजिलनगर के दो बार के विधायक गंगा सिंह कुशवाहा ने उम्र के कारण चुनावी राजनीति से विराम लेने की घोषणा की। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सुरेन्द्र कुशवाहा को फाजिलनगर से उम्मीदवार घोषित किया।
यह उनका पहला चुनाव था, लेकिन उन्होंने चुनाव में बड़ी जीत हासिल की। खास बात यह रही कि उन्होंने सपा के बड़े नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को सीधे मुकाबले में हराया। इस जीत ने सुरेन्द्र कुशवाहा को प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत पहचान दिलाई।
2022 में निर्वाचित विधायक के रूप में योगदान देते हुए सुरेन्द्र कुशवाहा अठारहवीं विधानसभा के सदस्य बने। वे न केवल सदन में जनता के मुद्दे उठाते हैं, बल्कि अपने शिक्षण कार्य को भी प्राथमिकता देते हुए जनता के बीच सहजता से उपलब्ध रहते हैं।
सुरेन्द्र कुशवाहा : पारिवारिक विरासत और राजनीतिक मूल्य
राजनीतिक जीवन परिचय से स्पष्ट है कि सुरेन्द्र कुशवाहा को राजनीति की प्रेरणा अपने पिता गंगा सिंह कुशवाहा से मिली, जिन्होंने लगातार दो बार विधायक रहते हुए क्षेत्र में सड़कों, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास कार्य कराए। इस पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए सुरेन्द्र कुशवाहा जनसेवा और शैक्षिक सुधारों को अपनी प्राथमिकता बना रहे हैं।
सुरेन्द्र कुशवाहा का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर इस बात का प्रमाण है कि सेवा, शिक्षा और ईमानदारी के मूल्यों पर टिके व्यक्ति को जनता का समर्थन सहजता से प्राप्त होता है। वे एक साथ शिक्षक और विधायक की भूमिका में पूरी निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं, जो उन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक अलग स्थान दिलाता है।
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व
Kushinagar Assembly Election Results 2022
विधानसभा सीट | विजयी प्रत्याशी | पार्टी |
---|---|---|
फाजिलनगर | सुरेंद्र कुशवाहा | भाजपा |
खड्डा | विवेकानंद पांडेय | निषाद पार्टी |
रामकोला | विनय प्रकाश गौड़ | भाजपा |
हाटा | मोहन वर्मा | भाजपा |
कुशीनगर | पंचानंद पाठक | भाजपा |
पडरौना | मनीष जायसवाल | भाजपा |
तमकुहीराज | डॉ. असीम कुमार | भाजपा |