श्रीराम चौहान का जीवन परिचय उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले से जुड़ा है। उनका जन्म 20 सितंबर 1953 को खलीलाबाद शहर में हुआ, जो पहले बस्ती जिले में आता था। उनके पिता का नाम राम नरेश और माता का नाम केशरी देवी था। श्रीराम चौहान ने किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बस्ती से स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की। वे एक कृषक (कृषि व्यवसायी) भी रहे हैं, जिससे उन्हें जमीनी स्तर पर समाज को समझने और किसानों की समस्याओं से जुड़ने का अनुभव मिला।
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1971 में उनका विवाह गैंदा देवी से हुआ, और उनके तीन संतानें हैं—दो बेटियाँ और एक पुत्र। श्रीराम चौहान का जीवन परिचय शिक्षा, पारिवारिक मूल्यों और ग्रामीण जीवन से गहराई से जुड़ा हुआ है।
श्रीराम चौहान : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सामाजिक जीवन की शुरुआत
श्रीराम चौहान के सामाजिक जीवन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से हुई। उच्च शिक्षा ग्रहण करने के दौरान ही वे संघ के सक्रिय स्वयंसेवक बन गए थे। संघ के अनुशासन और राष्ट्रवादी विचारधारा ने उनके व्यक्तित्व को दिशा दी और राजनीति की ओर प्रेरित किया। यही कारण रहा कि भारतीय जनता पार्टी ने भी उनके समर्पण और संगठनात्मक अनुभव को पहचानते हुए उन्हें कई बार प्रत्याशी बनाया।
श्रीराम चौहान : राजनीतिक सफर की शुरुआत और शुरुआती संघर्ष
श्रीराम चौहान का राजनीतिक सफर वर्ष 1984 में आरंभ हुआ जब उन्होंने पहली बार खलीलाबाद विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। हालांकि, उनका संघर्ष यहीं नहीं रुका।
1989 में उन्हें भाजपा ने हैंसर बाजार विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी गैंदा देवी को हराकर पहली बार विधानसभा में प्रवेश किया। इसके बाद 1991 में भी वे इसी सीट से दोबारा विधायक बने। श्रीराम चौहान के राजनीतिक सफर की यह शुरुआत संघर्ष, संगठन और सेवा की त्रयी पर आधारित थी।
1993 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इससे उनका उत्साह नहीं टूटा। 1996, 1998 और 1999 में वे बस्ती लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए और लगातार तीन बार लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया।
श्रीराम चौहान : केंद्रीय मंत्री पद और पार्टी में बढ़ती भूमिका
1999 में जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी, तो श्रीराम चौहान को खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया। यह पद उन्होंने 1999 से 2001 तक संभाला। श्रीराम चौहान के राजनीतिक सफर में यह एक अहम मोड़ था, जब उन्होंने केंद्र सरकार में प्रभावी भूमिका निभाई और नीतिगत निर्णयों में भाग लिया।
2004 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली और 2009 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। लेकिन राजनीति में निरंतरता उनकी पहचान रही और उन्होंने वापसी की।
विधानसभा में वापसी और मंत्री पद की जिम्मेदारी
2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कपिलवस्तु सीट (सिद्धार्थनगर) से चुनाव लड़ा, लेकिन सफल नहीं हो सके। हालांकि, 2017 में भाजपा ने उन्हें धनघटा विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत दर्ज की। उनके लंबे राजनीतिक अनुभव और संघ से जुड़ाव को देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन्हें राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल किया।
2022 के विधानसभा चुनाव में वे खजनी (सुरक्षित) सीट से भाजपा प्रत्याशी बने और समाजवादी पार्टी की रूपवती को हराकर चौथी बार विधायक बने। श्रीराम चौहान का राजनीतिक सफर विधायक के रूप में चार बार और सांसद के रूप में तीन बार चुने जाने तक विस्तारित है, जो उनके जनसेवा और अनुभव की गवाही देता है।
एक कर्मयोगी नेता की सादगी और संघर्ष से भरी यात्रा
श्रीराम चौहान का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रेरक अध्याय है। उन्होंने संघ की विचारधारा, जनसंवाद की शक्ति और सतत प्रयास के बल पर खुद को स्थापित किया। चाहे विधायक रहे हों या सांसद, मंत्री पद पर हों या संगठन में—हर भूमिका में उन्होंने प्रतिबद्धता और ईमानदारी से कार्य किया है।
आज भी वे संत कबीर नगर से लेकर लखनऊ तक, जनता के बीच एक मृदुभाषी, अनुभवी और सक्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में पहचाने जाते हैं।
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गोरखपुर ज़िले की विधानसभा सीटों का 2022 चुनाव परिणाम [ Gorakhpur Assembly Election Results 2022 ]
विधानसभा | विजेता (पार्टी) | दूसरे स्थान पर (पार्टी) | जीत का अंतर |
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कैम्पियरगंज | फतेह बहादुर (BJP) | काजल निषाद (SP) | 41,482 |
पिपराइच | महेन्द्र पाल सिंह (BJP) | अमरेन्द्र निषाद (SP) | 65,357 |
गोरखपुर शहर | योगी आदित्यनाथ (BJP) | सुभावती शुक्ला (SP) | 1,02,399 |
गोरखपुर ग्रामीण | बिपिन सिंह (BJP) | विजय बहादुर यादव (SP) | 24,070 |
सहजनवां | प्रदीप शुक्ला (BJP) | यशपाल रावत (SP) | 39,710 |
खजनी | श्रीराम चौहान (BJP) | रूपवती बेलदार (SP) | 37,271 |
चौरीचौरा | सरवन कुमार निषाद (BJP) | बृजेश चंद (SP) | 41,127 |
बांसगांव | डॉ. विमलेश पासवान (BJP) | डॉ. संजय कुमार (SP) | 26,591 |
चिल्लूपार | राजेश त्रिपाठी (BJP) | विनय शंकर तिवारी (SP) | 21,645 |
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व