शिवपाल सिंह यादव: जन्म और प्रारंभिक जीवन
शिवपाल सिंह यादव का जन्म 6 अप्रैल 1955 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ। उनके पिता सुधर सिंह एक साधारण किसान थे और माता मूर्ति देवी एक गृहिणी थीं। पांच भाई-बहनों में वे सबसे छोटे हैं और उनके बड़े भाई मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे। शिवपाल यादव का बचपन ग्रामीण परिवेश में बीता, जहां उन्हें समाज और लोगों की सेवा करने का भाव बहुत कम उम्र में ही मिल गया।
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शुरुआती शिक्षा उन्होंने गांव की प्राथमिक पाठशाला से ली। फिर उन्होंने जैन इंटर कॉलेज, करहल, मैनपुरी से 1972 में हाईस्कूल और 1974 में इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने 1976 में केके डिग्री कॉलेज, इटावा से स्नातक किया और 1977 में लखनऊ विश्वविद्यालय से बीपीएड की डिग्री प्राप्त की।
परिवारिक जीवन
23 मई 1981 को शिवपाल यादव का विवाह सरला यादव से हुआ। उनके दो संतानें हैं — बेटी डॉ. अनुभा यादव और बेटा आदित्य यादव, जो खुद भी सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं।
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जी का जीवन मर्यादा, समता और जन सेवा की मिसाल है। राम नवमी पर आइए हम उनके आदर्शों को अपनाकर एक ऐसा समाज बनाएं, जहाँ हर वर्ग को सम्मान और न्याय मिले। राम नवमी की शुभकामनाएं।#RamNavami2025
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) April 6, 2025
शिवपाल सिंह यादव: सामाजिक कार्यों से राजनीति तक का सफर
शिवपाल यादव का झुकाव प्रारंभ से ही सामाजिक कार्यों की ओर था। गांव में किसी मरीज को अस्पताल पहुंचाना हो या किसी गरीब को न्याय दिलवाना, वे हमेशा सबसे आगे रहते थे। यही जज्बा उन्हें सोशलिस्ट पार्टी के कार्यक्रमों में खींच ले जाता था, और वहीं से उनके राजनीतिक जीवन की नींव पड़ी।
सहकारिता से राजनीति की मुख्यधारा में प्रवेश
शिवपाल यादव ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत सहकारिता आंदोलन से की।
- 1988–1991 और 1993 में वे इटावा जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष बने।
- 1994–1998 के बीच उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक के अध्यक्ष रहे।
- 1995–1996 में वे इटावा जिला पंचायत के अध्यक्ष रहे।
1996 में पहला चुनाव और लगातार जीत का सिलसिला
1996 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक चुने गए।
- 1996: कांग्रेस के दर्शन सिंह को हराकर 68,377 वोटों से जीते।
- 2002: बसपा के रमेश चंद्र शाक्य को हराकर 80,544 वोट मिले।
- 2007: बसपा के बाबा हरनारायण यादव को हराकर तीसरी बार विजयी।
- 2012: सपा की बहुमत वाली सरकार में मंत्री बने।
- 2017: लगातार पांचवीं बार विधायक बने।
- 2022: छठवीं बार जसवंतनगर सीट से जीत दर्ज की।
संगठनात्मक भूमिका और पार्टी में बढ़ता कद
1996 में विधायक बनने के बाद शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी का प्रदेश महासचिव बनाया गया। संगठन को मजबूत करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
- 1 नवंबर 2007 को सपा के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष बने।
- 6 जनवरी 2009 को पूर्णकालिक प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए।
- मायावती सरकार के समय नेता प्रतिपक्ष रहे और विपक्ष की आक्रामक भूमिका निभाई।
- 2012 में सपा सरकार बनने पर उन्हें लोक निर्माण, सिंचाई और सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी गई।
परिवारिक विवाद और अलग राह
समाजवादी पार्टी के भीतर अखिलेश यादव से मतभेद गहराने लगे। संगठन में शिवपाल यादव की भूमिका को सीमित किया जाने लगा, जिससे नाराज होकर उन्होंने 29 अगस्त 2018 को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया। हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने फिर से समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया और अखिलेश यादव के साथ मंच साझा करते नजर आए।
राजनीतिक पहचान
शिवपाल यादव को उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक जुझारू, जमीनी और संगठनकर्ता नेता के रूप में जाना जाता है। वे न केवल एक कुशल रणनीतिकार हैं बल्कि कार्यकर्ताओं के बीच भी उनकी मजबूत पकड़ है। अपने भाई मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में लंबे समय तक देखे गए शिवपाल यादव ने अपने मेहनत और समर्पण से अपनी अलग पहचान बनाई है।
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इटावा जिला – 2022 विधानसभा चुनाव परिणाम [ Etawah Assembly Election Results 2022 ]
सीट का नाम | विजेता उम्मीदवार | पार्टी |
---|---|---|
इटावा सदर | सरिता भदौरिया | भाजपा |
भरथना | राघवेंद्र कुमार सिंह | सपा |
जसवंतनगर | शिवपाल सिंह यादव | सपा |
- भाजपा ने इटावा सदर से एकमात्र सीट जीतकर अपनी मौजूदगी का प्रमाण दिया।
- सपा ने जिले की 3 में से 2 सीटें बड़े अंतर से जीतकर अपनी पकड़ मजबूत की, विशेषकर जसवंतनगर में ऐतिहासिक जीत के साथ।
- शिवपाल यादव की विजय से यह भी साफ होता है कि उनके प्रभाव और संगठन क्षमता में अब भी दम है।