जानिए कौन हैं सत्यपाल सिंह राठौर ?

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत और जनसंपर्क आधारित पहचान बनाने वाले सत्यपाल सिंह राठौर का सफर ग्राम पंचायत से लेकर विधानसभा तक का रहा है। वे न केवल एक लोकप्रिय जनप्रतिनिधि हैं, बल्कि अपने कार्यों से उन्होंने जनसेवा की नई मिसाल कायम की है।

सत्यपाल सिंह राठौर का जीवन परिचय

सत्यपाल सिंह राठौर का जन्म 1 जनवरी, 1958 को उत्तर प्रदेश के एटा जिले के नगला मई गांव में हुआ। इनके पिता का नाम श्री कुंवर बहादुर सिंह राठौर था। वे ठाकुर जाति से संबंध रखते हैं और धर्म से हिन्दू हैं। उन्होंने हाईस्कूल तक की शिक्षा प्राप्त की और बचपन से ही सामाजिक गतिविधियों में रुचि लेने लगे।

4 मई 1978 को इनका विवाह अनीता सिंह राठौर से हुआ। उनके परिवार में तीन पुत्र और एक पुत्री हैं। उनका प्रमुख व्यवसाय कृषि और उद्योग है, जिससे उन्हें ग्रामीण जनता के साथ सीधे जुड़ाव का लाभ भी मिला।

सत्यपाल सिंह राठौर का राजनीतिक सफर

ग्राम पंचायत से राजनीति की शुरुआत

सत्यपाल सिंह राठौर ने अपना राजनीतिक सफर वर्ष 1980 में शुरू किया, जब वे सहकारी समिति उभई असद नगर के अध्यक्ष बने। वर्ष 1982 और 1989 में वे क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए। 1988 में उन्होंने क्रय-विक्रय समिति अलीगंज के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली। इसके पश्चात, वर्ष 1989 से 1998 तक वे ग्राम पंचायत उभई असद नगर के प्रधान भी रहे।

विधानसभा में प्रवेश

सत्यपाल राठौर का राजनीतिक सफर वर्ष 2017 में एक निर्णायक मोड़ पर पहुंचा, जब उन्होंने पहली बार सत्रहवीं विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा और विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद, 2022 के चुनाव में उन्होंने पुनः जीत दर्ज कर अट्ठारहवीं विधानसभा में सदस्य के रूप में शपथ ली।

जनसेवा और लोकप्रियता

सत्यपाल सिंह राठौर के जीवन परिचय और उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता, सेवा भावना और क्षेत्रीय विकास की प्रतिबद्धता प्रमुख रही है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण और किसानों की समस्याओं को लेकर विधानसभा में बार-बार अपनी आवाज बुलंद की है।

निजी और सामाजिक योगदान

सत्यपाल सिंह राठौर ने राजनीति के साथ-साथ सामाजिक सेवा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे विभिन्न सहकारी समितियों में भी अध्यक्ष रहे हैं, जहाँ उन्होंने किसानों और ग्रामीणों के हित में कई कल्याणकारी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया।

वर्ष 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने एटा की सभी चारों सीटों पर जीत दर्ज की थी और 2022 में भी यह प्रदर्शन दोहराया। नीचे देखें दोनों वर्षों की तुलना:

विधानसभा2017 के विजेता2022 के विजेता
एटाविपिन डेविड (BJP)विपिन डेविड (BJP)
अलीगंजसत्यपाल राठौर (BJP)सत्यपाल राठौर (BJP)
मारहरावीरेंद्र वर्मा (BJP)वीरेंद्र वर्मा (BJP)
जलेसरसंजीव दिवाकर (BJP)संजीव दिवाकर (BJP)

एटा जिले के विधानसभा चुनाव परिणाम 2022 यह स्पष्ट करते हैं कि यहां भाजपा की जमीनी पकड़ बेहद मजबूत है। मतदाताओं ने विकास, नेतृत्व और स्थायित्व के नाम पर भाजपा प्रत्याशियों को फिर से मौका दिया। सपा, बसपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों को यहां अपेक्षित समर्थन नहीं मिल पाया।

उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व

2022 के चुनाव नतीजे यह संकेत देते हैं कि आने वाले वर्षों में भी एटा जैसे क्षेत्रों में भाजपा का दबदबा कायम रह सकता है, यदि वह जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरती है।

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