पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले को मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक गढ़ के रूप में जाना जाता है। वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी यह बात फिर से सिद्ध हो गई, जब जिले की तीन में से दो सीटों पर समाजवादी पार्टी ने भारी मतों से जीत दर्ज की। हालांकि, इटावा सदर सीट से भारतीय जनता पार्टी की नेत्री सरिता भदौरिया ने जीत दर्ज कर पार्टी की उपस्थिति को मजबूत बनाए रखा।
UP Election Results 2022: यूपी के वोटों के अंतर से जीत का Margin Meter
इटावा सदर से सरिता भदौरिया ने समाजवादी पार्टी के सर्वेश कुमार शाक्या को 4,277 वोटों के अंतर से हराया। भरथना सीट पर समाजवादी पार्टी के राघवेंद्र कुमार सिंह ने बीजेपी के सिद्धार्थ शंकर को 8,864 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। वहीं, जसवंत नगर सीट से शिवपाल सिंह यादव ने रिकॉर्ड 84,088 वोटों के अंतर से बीजेपी के विवेक शाक्य को पराजित किया, जिससे इटावा में सपा की पकड़ और भी मजबूत हुई।
सरिता भदौरिया का जीवन परिचय: संघर्षों से नेतृत्व तक का सफर
सरिता भदौरिया का जीवन परिचय प्रेरणा का स्रोत है। उनका जन्म 4 जनवरी 1963 को एक साधारण परिवार में हुआ था। शिक्षा के क्षेत्र में स्नातक स्तर तक पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने समाज सेवा की ओर रुख किया। महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण की दिशा में उन्होंने अपने कार्यों की शुरुआत की और जल्द ही एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पहचान बनाई।
उनकी निजी ज़िंदगी तब बदल गई जब 17 जून 1978 को शादी के बाद उनके पति अभयवीर सिंह भदौरिया (मुन्ना) की गांव की रंजिश में हत्या कर दी गई। अभयवीर सिंह उस समय जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव थे और राजनीतिक रूप से सक्रिय थे। पति की हत्या ने सरिता के जीवन को गहरा झटका दिया, लेकिन उन्होंने इस दर्द को ताकत में बदला और अपने संघर्ष को सामाजिक परिवर्तन की दिशा में मोड़ा।
सरिता भदौरिया का राजनीतिक सफर: कांग्रेस से बीजेपी तक
सरिता भदौरिया का राजनीतिक सफर वर्ष 1999 में कांग्रेस पार्टी से शुरू हुआ, जब उन्होंने इटावा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और 51,868 वोट हासिल किए। हालांकि वह चुनाव नहीं जीत सकीं, लेकिन उनके प्रदर्शन ने कांग्रेस में नई ऊर्जा का संचार किया। बाद में वह कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं।
वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर समाजवादी पार्टी के रघुराज शाक्य के खिलाफ चुनाव लड़ा। वर्ष 2009 में उपचुनाव में भी किस्मत आजमाई, लेकिन बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बावजूद, भाजपा में उनका कद लगातार बढ़ता रहा।
भाजपा में नेतृत्व की पहचान और महिला मोर्चा में भूमिका
भाजपा में सक्रिय होने के बाद सरिता भदौरिया ने संगठनात्मक कौशल से पार्टी का विश्वास जीता। उन्हें 2007 में उत्तर प्रदेश भाजपा की सचिव बनाया गया। 2010 में वे भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनीं और स्मृति ईरानी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण से जुड़े कई राष्ट्रीय अभियानों का हिस्सा रहीं।
2013 में उन्हें उत्तर प्रदेश भाजपा की उपाध्यक्ष बनाया गया और बाद में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की प्रदेश अध्यक्ष बनाकर उन्हें महिलाओं की शिक्षा और अधिकारों से जुड़े मुद्दों की जिम्मेदारी दी गई।
विधायक के रूप में सफलता और वर्तमान स्थिति
वर्ष 2017 में सरिता भदौरिया को इटावा सदर विधानसभा सीट से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया, जहां उन्होंने बड़ी जीत हासिल की। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत की परंपरा को जारी रखते हुए 4,277 वोटों के अंतर से समाजवादी उम्मीदवार को हराया।
आज सरिता भदौरिया भारतीय जनता पार्टी की इटावा जिले में एक सशक्त और प्रभावशाली नेत्री के रूप में पहचानी जाती हैं। उनका राजनीतिक सफर संघर्षों से शुरू होकर महिला नेतृत्व के एक मजबूत स्तंभ के रूप में सामने आया है।
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व
इटावा जिला – 2022 विधानसभा चुनाव परिणाम [ Etawah Assembly Election Results 2022 ]
सीट का नाम | विजेता उम्मीदवार | पार्टी |
---|---|---|
इटावा सदर | सरिता भदौरिया | भाजपा |
भरथना | राघवेंद्र कुमार सिंह | सपा |
जसवंतनगर | शिवपाल सिंह यादव | सपा |