प्रभु नारायण सिंह यादव का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर: सकलडीहा के सशक्त समाजवादी नेता की कहानी

प्रभु नारायण सिंह यादव का जीवन परिचय सकलडीहा विधानसभा क्षेत्र के एक मजबूत, जमीनी और जनप्रिय नेता के रूप में पहचाना जाता है। इनका जन्म 10 अगस्त 1959 को उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के कैलावर गांव में हुआ था। पेशे से कृषक और समाजसेवी रहे प्रभु नारायण यादव ने सकलडीहा पीजी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। राजनीति में उनकी गहरी दिलचस्पी शुरू से रही, जिसका प्रमाण यह है कि उन्होंने 1986 में अपने गांव के प्रधान के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। इसके बाद दो बार जिला पंचायत सदस्य के रूप में भी जनता की सेवा की।

वर्तमान में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर सकलडीहा विधानसभा सीट से विधायक हैं। यह इनका तीसरा कार्यकाल है। उनकी पत्नी गुलवासा देवी एक गृहणी हैं, और उनके पिता का नाम स्वर्गीय राममूर्ति सिंह यादव था। उनकी स्थायी निवास लखनऊ के बटलर कॉलोनी स्थित बहुखंडी मंत्री आवास में है।

प्रभु नारायण सिंह यादव का राजनीतिक सफर

प्रभु नारायण सिंह यादव का राजनीतिक सफर समाजवादी विचारधारा और जनसेवा के मूल सिद्धांतों पर आधारित रहा है। उन्होंने पहली बार 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और बसपा के ज्ञानेंद्र कुमार को 13,828 वोटों से हराकर विधायक बने। इसके बाद 2002 में उन्होंने फिर से जीत दर्ज की, जहां बसपा के ही सुशील सिंह को सिर्फ 26 वोटों के अंतर से हराया। यह मुकाबला काफी करीबी रहा और क्षेत्र में उनकी रणनीतिक क्षमता और जनसंपर्क की ताकत को साबित करता है।

हालांकि, 2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों में उन्हें सुशील सिंह से पराजय का सामना करना पड़ा—पहले 17,239 वोटों से और फिर 6,848 वोटों से। लेकिन 2017 में जब सुशील सिंह ने सैयदराजा सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, तब प्रभु नारायण यादव ने सकलडीहा सीट पर फिर से वापसी की और भाजपा के सूर्यमुनि तिवारी को 14,969 वोटों के अंतर से हराया

2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने एक बार फिर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में बीजेपी के सूर्यमुनि तिवारी को 16,661 वोटों के बड़े अंतर से पराजित कर जीत दर्ज की। यह दर्शाता है कि सकलडीहा क्षेत्र में प्रभु नारायण सिंह यादव का जनाधार कितना मजबूत है और जनता के बीच उनकी पकड़ कितनी गहरी है।

प्रभु नारायण सिंह यादव का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर दोनों ही समाजवादी विचारधारा, संघर्ष, और जनसेवा की मिसाल हैं। 1986 में ग्राम प्रधान से लेकर 2022 में तीसरी बार विधायक बनने तक की उनकी यात्रा यह दर्शाती है कि राजनीति में धैर्य, सेवा भावना और जनता से जुड़ाव ही सफलता की कुंजी हैं। सकलडीहा विधानसभा में उनका नेतृत्व स्थानीय जनता के लिए प्रेरणा का स्रोत है, और समाजवादी पार्टी के लिए वे एक मजबूत स्तंभ के रूप में कार्य कर रहे हैं।

UP Election Results 2022: यूपी की 15 सीटों पर 1000 से भी कम वोटों के अंतर से जीत

2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव – चंदौली जिले की चारों सीटों का विस्तृत परिणाम [ Chandauli Assembly Election Results 2022 ]

विधानसभा सीटविजेता प्रत्याशीपार्टीकुल वोटउपविजेतापार्टीवोटजीत का अंतर
सैयदराजासुशील सिंहबीजेपी87,891मनोज सिंहसपा76,97410,917
मुगलसरायरमेश जायसवालबीजेपी1,02,216चंद्रशेखर यादवसपा87,29514,921
सकलडीहाप्रभु नारायण सिंह यादवसपा86,328सूर्यमुनि तिवारीबीजेपी69,66716,661
चकियाकैलाश खरवारबीजेपी97,812जितेंद्रसपा88,5619,251
  • बीजेपी ने 4 में से 3 सीटों (सैयदराजा, मुगलसराय, चकिया) पर जीत दर्ज की।
  • सपा ने 1 सीट (सकलडीहा) पर जीत हासिल की।
  • सभी सीटों पर बसपा तीसरे और कांग्रेस चौथे स्थान पर रही।

उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व

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