प्रभाष कुमार वर्मा का जन्म 30 जून 1975 को हरदोई जिले के एक प्रतिष्ठित दलित (पासी) परिवार में हुआ था। इनके पिता स्वर्गीय कुबेर लाल एक सम्मानित किसान थे। प्रभाष कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूलों से प्राप्त की और इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी की। 8 मई 1998 को इनका विवाह निरमा देवी से हुआ, जिनसे इन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई। परिवार का मुख्य व्यवसाय कृषि रहा है, जिससे प्रभाष कुमार को ग्रामीण जनता की समस्याओं को करीब से समझने का अवसर मिला।
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प्रभाष कुमार वर्मा : राजनीतिक परिवार और प्रारंभिक राजनीतिक सफर
प्रभाष कुमार का परिवार हरदोई की राजनीति में काफी प्रभावशाली रहा है। इनके चाचा रामपाल वर्मा बालामऊ विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक रह चुके हैं और बेनीगंज सीट से भी कई बार चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं, इनके चचेरे भाई अशोक रावत मिश्रिख लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद रहे हैं। इस तरह, राजनीति प्रभाष कुमार के खून में ही थी।
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प्रभाष कुमार ने अपना राजनीतिक सफर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) से शुरू किया। वे अहिरोरी विधानसभा सीट से दोनों दलों के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने हरदोई लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ा, लेकिन वहां भी सफलता नहीं मिली।
प्रभाष कुमार वर्मा का भाजपा में प्रवेश और राजनीतिक सफलता
2017 से पहले प्रभाष कुमार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए। उन्हें सांडी (सुरक्षित) विधानसभा सीट से टिकट मिला, जहां उन्होंने अपनी राजनीतिक किस्मत बदल दी। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के ओमेंद्र वर्मा को 21,000 वोटों के अंतर से हराया। प्रभाष कुमार को 72,244 वोट मिले, जबकि ओमेंद्र वर्मा को 51,419 वोट प्राप्त हुए। यह जीत उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि इससे पहले वे कई बार चुनाव हार चुके थे।
2022 में दूसरी बार विधायक बनना
2022 के विधानसभा चुनाव में प्रभाष कुमार ने एक बार फिर सांडी सीट से भाजपा का प्रतिनिधित्व किया। इस बार उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) की उषा वर्मा को 9,233 वोटों के अंतर से हराया। प्रभाष कुमार को 81,519 वोट (41.70%) मिले, जबकि उषा वर्मा को 72,286 वोट (36.97%) प्राप्त हुए। इस जीत ने उन्हें लगातार दूसरी बार विधायक बना दिया और हरदोई की राजनीति में उनकी पकड़ और मजबूत हुई।
राजनीतिक योगदान और भविष्य की योजनाएं
प्रभाष कुमार ने अपने कार्यकाल में सांडी क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने ग्रामीण सड़कों, शिक्षा, स्वास्थ्य और किसानों के हितों पर विशेष ध्यान दिया है। वे अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए भी सक्रिय रूप से काम करते हैं और अपने समुदाय के लोगों को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास करते हैं।
एक मजबूत दलित नेता का उदय
प्रभाष कुमार वर्मा का राजनीतिक सफर संघर्षों से भरा रहा है, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और भाजपा में शामिल होकर अपनी राजनीतिक पहचान बनाई। आज वे हरदोई की राजनीति में एक प्रभावशाली दलित नेता के रूप में उभरे हैं।
हरदोई जिले के विजेता (विधानसभा चुनाव 2022) Hardoi Assembly Election Results 2022
विधानसभा सीट | विजेता प्रत्याशी | पार्टी (दल) |
---|---|---|
हरदोई सदर | नितिन अग्रवाल | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
सवायजपुर | माधवेंद्र प्रताप सिंह | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
शाहाबाद | रजनी तिवारी | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
गोपामऊ (सुरक्षित) | श्याम प्रकाश | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
सांडी (सुरक्षित) | प्रभाष कुमार वर्मा | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
बिलग्राम मल्लावां | आशीष कुमार सिंह ‘आशू’ | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
बालामऊ (सुरक्षित) | रामपाल वर्मा | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
संडीला | अलका सिंह | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |