उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक ऐसा नाम जो सात बार विधायक बनकर जनसेवा की मिसाल कायम कर चुका है – वह नाम है ओमप्रकाश सिंह पूर्वांचल के गाजीपुर जिले की जमानिया विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश सिंह ने राजनीति में न केवल लंबा सफर तय किया है, बल्कि कई उतार-चढ़ाव के बावजूद जनता के बीच अपनी गहरी पैठ बनाए रखी है।
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव जी के निर्देशानसार संविधान निर्माता बाबासाहब डाॅ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती से पूर्व आयोजित " स्वाभिमान-स्वमान समारोह " कार्यक्रम का आयोजन आज अपने आवासीय कार्यालय सेवराई किया, जिसमें समाजवादी बाबासाहेब अंबेडकर वाहिनी व… pic.twitter.com/V7zrZfhR5T
— Om Prakash (@opsinghofficial) April 10, 2025
ओमप्रकाश सिंह का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: साधारण से असाधारण तक का सफर
ओमप्रकाश सिंह का जीवन परिचय 13 मई 1959 को उत्तर प्रदेश के सेवराई गांव में शुरू हुआ। एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में जन्मे ओमप्रकाश सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से एम.ए. और बी.पी.एड की डिग्रियाँ प्राप्त कीं। छात्र जीवन से ही वह नेतृत्व क्षमता से परिपूर्ण थे और 1985 में BHU छात्रसंघ के महामंत्री चुने गए।
वर्ष 1980 में उनकी शादी श्रीमती चंद्रकांति सिंह से हुई और उनके पांच बच्चे हैं। शिक्षा और पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ उन्होंने समाजसेवा को भी समान रूप से महत्व दिया, जिसका प्रतिबिंब उनके राजनीतिक जीवन परिचय में स्पष्ट दिखता है।
ओमप्रकाश सिंह का राजनीतिक सफर की शुरुआत: जनता दल से समाजवादी पार्टी तक
ओमप्रकाश सिंह का राजनीतिक सफर 1989 में शुरू हुआ जब उन्होंने जनता दल पार्टी से चुनाव लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी अवधेश राय शास्त्री को 450 मतों से हराकर पहली बार विधायक बने। यह जीत उनके आत्मविश्वास और जनता के बीच उनकी स्वीकार्यता की पहली झलक थी।
1991 में उन्होंने समाजवादी जनता पार्टी से भाजपा के सच्चिदानंद राय को पराजित किया और 1993 में सपा-बसपा गठबंधन से पुनः भाजपा के सच्चिदानंद राय को 36,000 से अधिक मतों से हराकर अपनी पकड़ को और मजबूत किया।
समाजवादी पार्टी में मजबूती और मंत्री पद तक का सफर
1996 और 2002 में भाजपा प्रत्याशियों को हराकर वह लगातार जीत दर्ज करते रहे। 2002 में जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी, तो ओमप्रकाश सिंह को पहली बार कैबिनेट मंत्री बनाया गया। यह उनके राजनीतिक जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था।
हालाँकि, 2007 के चुनाव में उन्हें बसपा के पशुपतिनाथ राय से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन यह हार उन्हें हतोत्साहित नहीं कर सकी। ओमप्रकाश सिंह का राजनीतिक जीवन परिचय संघर्ष और पुनः उठ खड़े होने का उदाहरण बन गया।
जमानियां से नई शुरुआत और मंत्री पद की पुनः वापसी
2007 के परिसीमन के बाद उनकी परंपरागत सीट दिलदारनगर समाप्त होकर जमानियां विधानसभा में विलीन हो गई। 2012 में उन्होंने बसपा के उमाशंकर सिंह कुशवाहा को हराकर जमानियां से जीत दर्ज की और अखिलेश यादव सरकार में उन्हें पर्यटन मंत्री बनाया गया। एक बार फिर उनका राजनीतिक कद बढ़ा और उन्होंने मंत्री रहते हुए कई विकास योजनाओं को गति दी।
हालाँकि, राजनीति में यह देखा गया कि जब भी ओमप्रकाश सिंह मंत्री बने, अगला चुनाव हार गए। ऐसा 2007 और फिर 2017 में हुआ जब उन्हें तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।
2022 की वापसी और सातवीं जीत
वर्ष 2022 में ओमप्रकाश सिंह ने पुनः धमाकेदार वापसी की और भाजपा विधायक को हराकर जमानियां सीट अपने नाम की। यह उनकी सातवीं विधायकी जीत थी, जिससे वह गाजीपुर जिले में रिकॉर्ड बनाने वाले नेता बन गए। उनकी यह जीत न केवल उनके अनुभव का प्रतीक थी, बल्कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने वाली भी थी।
एक जुझारू नेता का प्रेरणादायक जीवन परिचय और राजनीतिक सफर
ओमप्रकाश सिंह का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर उत्तर प्रदेश की राजनीति में अद्वितीय स्थान रखता है। शिक्षा, संघर्ष, जनसेवा, और संगठनात्मक क्षमता—इन चारों आधारों पर वह खरे उतरे हैं। उनका सफर यह दर्शाता है कि राजनीति में हार-जीत तो आती-जाती रहती है, लेकिन जनता से जुड़ाव और सेवा की भावना अगर सच्ची हो तो एक नेता बार-बार वापसी कर सकता है।
पूर्व मंत्री और सात बार विधायक रहे ओमप्रकाश सिंह आज भी पूर्वांचल की राजनीति में एक मजबूत स्तंभ के रूप में देखे जाते हैं।
UP Election Results 2022: यूपी के वोटों के अंतर से जीत का Margin Meter
गाज़ीपुर ज़िले की विधानसभा सीटों का चुनाव परिणाम (2022) Ghazipur Assembly Election Results 2022
सीट का नाम | विजेता (पार्टी) | कुल वोट |
---|---|---|
जहूराबाद | ओमप्रकाश राजभर (सुभासपा) | 1,14,151 |
जखनियां | बेदी राम (सुभासपा-सपा गठबंधन) | 1,13,378 |
मुहम्मदाबाद | सुहैब अंसारी (सपा) | 1,10,683 |
जंगीपुर | वीरेंद्र यादव (सपा) | 1,02,091 |
सैदपुर | अंकित भारती (सपा) | 1,08,523 |
जमानियां | ओमप्रकाश सिंह (सपा) | 93,926 |
गाज़ीपुर सदर | जयकिशन साहू (सपा) | 92,472 |