नंदकिशोर गुर्जर का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर: एक संघर्षशील नेता की प्रेरणादायक कहानी
उत्तर प्रदेश की राजनीति में नंदकिशोर गुर्जर एक ऐसा नाम है, जो समाज सेवा, ग्रामीण विकास और स्पष्टवादिता के लिए पहचाना जाता है। उनके जीवन का हर अध्याय संघर्ष, सेवा और समर्पण की मिसाल है। यह लेख न केवल नंदकिशोर गुर्जर के विस्तृत जीवन परिचय को प्रस्तुत करता है, बल्कि उनके राजनीतिक सफर की गहराई में जाकर उनकी विचारधारा और योगदान को रेखांकित करता है।
न अली,न बाहुबली लोनी में आ गए है बजरंगबली✌️🚩
— Nand Kishor Gurjar (@nkgurjar4bjp) March 10, 2022
यह जीत लोनी की देवतुल्य जनता की जीत
है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की जीत है। सभी पदाधिकारियों,कार्यकर्ताओं के बिना यह संभव नहीं था।
पुनः विश्वास जताने के लिए लोनी की जनता का आजीवन ऋणी रहूंगा।#NaAliNaBahubaliLoniMeAaGayeHeBajrangbali
नंदकिशोर गुर्जर : प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: एक सामान्य परिवार से खास नेता तक
नंदकिशोर गुर्जर का जीवन परिचय 2 मार्च 1975 से शुरू होता है, जब उनका जन्म उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के गनौली गांव में हुआ। वे गुर्जर समुदाय से आते हैं, जो राज्य की पिछड़ी जातियों में गिना जाता है। उनके पिता श्री बालेश्वर एक किसान थे, जिनसे उन्होंने मेहनत, ईमानदारी और आत्मनिर्भरता की सीख पाई।
गांव की मिट्टी में पले-बढ़े नंदकिशोर की प्रारंभिक शिक्षा उनके ही गांव में हुई। पढ़ाई के प्रति गहरी रुचि रखने के चलते उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत एसटी कॉलेज, गाजियाबाद से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। इसके पश्चात मेरठ कॉलेज से एलएलबी (कानून) की डिग्री प्राप्त की। साथ ही, उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में भी दक्षता प्राप्त की, जिससे उनकी तकनीकी समझ भी मजबूत रही।
व्यक्तिगत जीवन: परिवार और सामाजिक जड़ें
1 मई 1996 को उनका विवाह श्रीमती विने से हुआ। उनके दो पुत्र – हितेश गुर्जर और नागेश गुर्जर – हैं। पारिवारिक पृष्ठभूमि में वे कृषि और वकालत से जुड़े रहे हैं, जिससे उनका जनता से सीधा संवाद और जुड़ाव बना रहा है। आज भी उनका स्थायी निवास गनौली गांव में ही है, जबकि लखनऊ में विधायक निवास में उनका सरकारी आवास है।
नंदकिशोर गुर्जर के राजनीतिक जीवन की शुरुआत
नंदकिशोर गुर्जर का राजनीतिक सफर 2017 में उस समय शुरू हुआ, जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर लोनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के जाकिर अली को भारी मतों से पराजित कर अपनी पहली विजय प्राप्त की।
2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पुनः इसी सीट से जीत दर्ज की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि जनता के बीच उनकी पकड़ और विश्वास मजबूत है। उनके लिए यह राजनीतिक जीवन परिचय में दूसरा महत्वपूर्ण पड़ाव था, जिसने उन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक स्थायी और प्रभावशाली चेहरा बना दिया।
समाज सेवा और नेतृत्व की भूमिका
राजनीति में आने से पहले नंदकिशोर गुर्जर वर्ष 2005 से 2014 तक अजगर सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने पिछड़े वर्गों, गरीबों और ग्रामीणों के हक के लिए कई आंदोलन चलाए। साथ ही वे डासना स्थित हरिओम पब्लिक स्कूल के अध्यक्ष भी रहे, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा।
विवाद और संघर्ष: निर्भीकता की पहचान
नंदकिशोर गुर्जर का जीवन परिचय उनके संघर्षों से भी भरा है। कई बार उनकी स्पष्टवादिता और बेबाक शैली उन्हें विवादों के घेरे में ले आई। वर्ष 2004, 2005 और 2007 में उनके ऊपर विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज हुए, जिनमें वे लगभग आठ महीने जेल में रहे।
हाल ही में वे पुलिस उत्पीड़न के विरोध में विधानसभा में धरने पर बैठे, जिसमें सैकड़ों विधायकों ने उनका समर्थन किया। यह प्रकरण उनके जुझारूपन और न्याय के लिए अडिग रहने के स्वभाव को दर्शाता है।
जनता के मुद्दों पर सक्रियता
नंदकिशोर गुर्जर का राजनीतिक सफर विकास और राष्ट्रवाद पर आधारित है। वे लोनी क्षेत्र की बुनियादी समस्याओं – सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा – पर लगातार काम करते आ रहे हैं। उनके अनुसार, “जनता की समस्याओं का समाधान सर्वोपरि है, चाहे इसके लिए कितना भी संघर्ष क्यों न करना पड़े।”
उनका मानना है कि राजनीति का असली उद्देश्य जनता की सेवा और समाज का उत्थान है, न कि केवल सत्ता प्राप्ति।
भविष्य की योजनाएं और विचारधारा
नंदकिशोर गुर्जर भाजपा की राष्ट्रवादी विचारधारा में विश्वास रखते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों के समर्थक हैं। वे लोनी विधानसभा को एक आदर्श क्षेत्र बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उनका सपना है – गरीब, किसान और पिछड़े वर्गों का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण।
नंदकिशोर गुर्जर का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर दोनों ही युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने संघर्षों से न केवल सीखा, बल्कि हर चुनौती को अवसर में बदलकर जनता की सेवा को अपना लक्ष्य बनाया। लोनी जैसे संवेदनशील और विविध जनसंख्या वाले क्षेत्र में बार-बार जीत हासिल करना इस बात का प्रमाण है कि वे एक जनप्रिय और जमीनी नेता हैं।
UP Election Results 2022: यूपी के वोटों के अंतर से जीत का Margin Meter
गाजियाबाद जिले की विधानसभा सीटों का चुनाव परिणाम (2022) [ Ghaziabad Assembly Election Results 2022 ]
सीट का नाम | विजेता (पार्टी) |
---|---|
गाजियाबाद सदर | अतुल गर्ग (भाजपा) |
साहिबाबाद | सुनील शर्मा (भाजपा) |
मोदीनगर | मंजू शिवाच (भाजपा) |
मुरादनगर | अजीत पाल त्यागी (भाजपा) |
लोनी | नंदकिशोर गुर्जर (भाजपा) |