मोहम्मद हसन रूमी का जन्म 15 नवंबर 1965 को कानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम स्वर्गीय एस० एम० इरफान था। रूमी का परिवार एक सम्मानित सैय्यद मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखता है, जिसने हमेशा सामाजिक और शैक्षणिक मूल्यों को प्राथमिकता दी। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कानपुर में हुई, जिसके बाद उन्होंने स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) की डिग्री हासिल की। इसके अलावा, उन्होंने एलएलबी (कानून की डिग्री) भी पूरी की और वकालत के पेशे में आ गए।
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वैवाहिक जीवन और परिवार
मोहम्मद हसन रूमी ने 15 मार्च 1994 को श्रीमती फरजाना हसन से विवाह किया, जिनका जन्म 1974 में हुआ था। इस दंपति के एक पुत्र और एक पुत्री हैं। रूमी ने अपने पारिवारिक जीवन को निजी रखा है, लेकिन सार्वजनिक मंचों पर वे अपने परिवार का समर्थन प्राप्त करते रहे हैं।
मोहम्मद हसन रूमी : पेशेवर करियर: वकालत से राजनीति तक
मोहम्मद हसन रूमी ने अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत वकालत के रूप में की। उन्होंने कानपुर की अदालतों में कानूनी सेवाएं प्रदान कीं और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के बीच अपनी पहचान बनाई। उनकी न्यायिक समझ और सामाजिक प्रतिबद्धता ने उन्हें राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया।
आज विधानसभा में मा.राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @yadavakhilesh जी के साथ। pic.twitter.com/Rbnx7dSN8A
— Mohd Hassan Roomi MLA (@HasanRoomiSP) May 23, 2022
मोहम्मद हसन रूमी : राजनीतिक सफर: समाजवादी पार्टी के साथ योगदान
मोहम्मद हसन रूमी का राजनीतिक सफर समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने 2009 से 2012 तक पार्टी के महासचिव के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2012 का विधानसभा चुनाव: पहली बार उम्मीदवारी
2012 में, समाजवादी पार्टी ने रूमी को कानपुर की कैंट विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया। हालांकि, इस चुनाव में वे भाजपा के रघुनंदन सिंह से हार गए, लेकिन उनके संघर्ष और जनसंपर्क ने उन्हें पार्टी में एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया।
2017 का चुनाव: गठबंधन के कारण मैदान छोड़ना
2017 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर सपा ने रूमी को कैंट सीट से उम्मीदवार बनाया। हालांकि, कांग्रेस के साथ गठबंधन होने के कारण उन्हें चुनाव नहीं लड़ने दिया गया। उन्होंने नामांकन तो कर लिया था, लेकिन पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर उन्होंने गठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में मैदान छोड़ दिया।
मोहम्मद हसन रूमी : 2022 का चुनाव: ऐतिहासिक जीत
2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मोहम्मद हसन रूमी को एक बार फिर कैंट सीट से समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी बनाया गया। इस बार उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की और पहली बार विधानसभा सदस्य (MLA) बने। यह जीत न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष का परिणाम थी, बल्कि यह समाजवादी पार्टी के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि रही।
सामाजिक योगदान और संगठनात्मक भूमिकाएँ
राजनीति के अलावा, मोहम्मद हसन रूमी ने रोटरी इंटरनेशनल जैसी संस्थाओं के साथ भी काम किया है। 1994 से 1999 तक वे रोटरी क्लब ऑफ कानपुर और रोट्रेक्ट क्लब ऑफ कानपुर स्टार के अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास से जुड़े कई कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया।
मोहम्मद हसन रूमी का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर संघर्ष, समर्पण और जनसेवा की मिसाल है। वकालत से लेकर विधायक बनने तक का उनका सफर यह दर्शाता है कि मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी राजनीतिक यात्रा में कैंट विधानसभा सीट से जुड़े उतार-चढ़ाव और अंततः 2022 में मिली जीत उनके दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करती है। भविष्य में भी उनसे समाजवादी पार्टी और उत्तर प्रदेश की जनता को बड़ी उम्मीदें हैं।
कानपुर जिले की 10 विधानसभा सीटों के विजेताओं की सूची [ Kanpur Assembly Election Results 2022 ]
विधानसभा क्षेत्र | विजेता का नाम | पार्टी |
---|---|---|
बिठूर | अभिजीत सिंह सांगा | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) |
बिल्हौर | मोहित सोनकर | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) |
घाटमपुर | सरोज कुरील | अपना दल (भा.ज.पा. गठबंधन) |
महाराजपुर | सतीश महाना | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) |
किदवई नगर | महेश त्रिवेदी | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) |
गोविंद नगर | सुरेंद्र मैथानी | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) |
कल्याणपुर | नीलीमा कटियार | भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) |
कानपुर कैंट | मोहम्मद हसन रूमी | समाजवादी पार्टी (सपा) |
आर्यनगर | अमिताभ बाजपेयी | समाजवादी पार्टी (सपा) |
सीसामऊ | इरफान सोलंकी | समाजवादी पार्टी (सपा) |