मनोहरलाल पंथ का जन्म उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के महरौनी क्षेत्र में हुआ। वह अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं और एक साधारण परिवार में पले-बढ़े। उनके पिता, हरजू प्रसाद पंथ, ललितपुर के धौर्रा गांव में मूर्तियां बनाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे।
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मनोहरलाल पंथ का जीवन परिचय यह भी दर्शाता है कि आर्थिक परिस्थितियां कठिन होने के कारण वे केवल 10वीं कक्षा तक ही औपचारिक शिक्षा प्राप्त कर सके। इसके बाद उन्होंने मजदूरी कर परिवार की मदद करना शुरू किया।
अपने प्रारंभिक जीवन में मनोहरलाल पंथ मूर्तिकला के कार्य में पिता का हाथ बंटाते थे और समय-समय पर मजदूरी भी करते थे। जीवन की कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने अपने सामाजिक और राजनीतिक जीवन को आगे बढ़ाया।
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मनोहरलाल पंथ का राजनीतिक सफर
राजनीति में प्रवेश और प्रारंभिक सक्रियता
मनोहरलाल पंथ का राजनीतिक सफर ललितपुर के एक प्रतिष्ठित बुंदेला राजनीतिक परिवार के संपर्क में आने के बाद शुरू हुआ। शुरुआत में वे जिला पंचायत के चुनावों तक ही सीमित रहे।
1995 में, उन्होंने बांसी सीट से जिला पंचायत सदस्य के रूप में पहली बार निर्वाचित होकर राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में प्रारंभ से ही सक्रिय रहे मनोहरलाल पंथ को अनुसूचित जाति मोर्चा का जिलाध्यक्ष बनाया गया।
जिला पंचायत राजनीति का अनुभव
मनोहरलाल पंथ ने जिला पंचायत चुनावों में कई बार भाग लिया। एक बार उनकी पत्नी कस्तूरी देवी भी जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुईं। हालांकि बाद के चुनावों में दोनों को हार का सामना करना पड़ा।
2010 में, उन्होंने अपने बेटे चंद्रशेखर पंथ को भी जाखलौन सीट से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़वाया, जिसमें पहली बार जीत मिली लेकिन बाद में हार का भी सामना करना पड़ा।
यह दौर मनोहरलाल पंथ के जीवन परिचय और राजनीतिक सफर में निरंतर संघर्ष और जमीनी स्तर पर काम का प्रतीक रहा।
सामाजिक संगठनों में भूमिका
मनोहरलाल पंथ ने सामाजिक संगठनों में भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। वे:
- 1985 से जिला अध्यक्ष, कबीर पंथ कोरी समाज
- 1995-2005 तक जिला अध्यक्ष, अनुसूचित मोर्चा भाजपा
- 2005 से प्रांतीय सदस्य, भारतीय जनता पार्टी, लखनऊ
- 2000 से जिलाध्यक्ष, कबीर पथ सेवा समिति
- 2008 से अध्यक्ष, रणछोर सेवा समिति
रहे हैं। इन भूमिकाओं से उन्होंने सामाजिक सुधार और समरसता के लिए कार्य किया।
विधानसभा चुनावों में भागीदारी
पहली विधानसभा चुनौती
2012 में मनोहरलाल ने महरौनी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्हें बसपा प्रत्याशी फेरनलाल अहिरवार से मात्र 1700 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
2017 में ऐतिहासिक जीत
2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर मनोहरलाल पंथ पर भरोसा जताया और उन्हें महरौनी से टिकट दिया। इस बार उन्होंने बसपा के फेरनलाल अहिरवार को 99,545 मतों के बड़े अंतर से हराया।
उनकी जीत उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जीत के अंतर में से एक मानी गई। इसके साथ ही वे योगी आदित्यनाथ सरकार में श्रम सेवा योजन मंत्री बनाए गए।
मनोहरलाल पंथ : 2022 का विधानसभा चुनाव और मंत्री पद
पुनः जीत और सम्मान
2022 के विधानसभा चुनाव में भी मनोहरलाल पंथ का राजनीतिक सफर लगातार आगे बढ़ा। उन्होंने महरौनी सीट से बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी किरन रमेश खटीक को 1 लाख 10 हजार 451 वोटों के बड़े अंतर से पराजित किया।
उनकी इस जीत के बाद उन्हें फिर से योगी सरकार में श्रम सेवा योजन मंत्री नियुक्त किया गया। लगातार दो बार मंत्री पद पर आसीन रहना उनकी राजनीतिक स्थिरता और संगठन में विश्वास का प्रतीक है।
मनोहरलाल पंथ का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर कठिन संघर्षों से लेकर बड़ी जीतों तक का प्रेरणादायक उदाहरण है। एक साधारण परिवार से निकलकर जिला पंचायत से लेकर राज्य मंत्री बनने तक का सफर, उनकी मेहनत और जनता के बीच गहरी पकड़ को दर्शाता है।
Lalitpur Election Result 2022
विधानसभा सीट | विजेता प्रत्याशी | पार्टी | हारने वाले प्रत्याशी | पार्टी | जीत का अंतर (वोटों में) |
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ललितपुर | रामरतन कुशवाहा | भारतीय जनता पार्टी (BJP) | चंद्रभूषण सिंह बुंदेला ‘गुड्डू राजा’ | बहुजन समाज पार्टी (BSP) | 1,07,215 |
महरौनी | मनोहरलाल पंथ | भारतीय जनता पार्टी (BJP) | किरण रमेश खटीक | बहुजन समाज पार्टी (BSP) | 1,10,451 |