डॉ. मंजू शिवाच का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर न केवल एक महिला की दृढ़ इच्छाशक्ति की कहानी है, बल्कि यह समाज सेवा और नेतृत्व क्षमता की भी मिसाल है। एक प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में दो दशकों से भी अधिक समय तक मरीजों की सेवा करने के बाद, उन्होंने राजनीति में कदम रखा और उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपना विशिष्ट स्थान बनाया।
मंजू शिवाच – प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: एक सरल परिवार से सशक्त शुरुआत
डॉ. मंजू शिवाच का जन्म उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता उत्तर प्रदेश रोडवेज में अकाउंट्स ऑफिसर थे और माता एक स्कूल शिक्षिका थीं। उनके जीवन परिचय में इस पारिवारिक पृष्ठभूमि ने अनुशासन और सेवा भावना की नींव रखी। पढ़ाई में बचपन से ही होशियार मंजू ने मेडिकल की पढ़ाई की और वहीं उनके सहपाठी डॉ. देवेंद्र शिवाच से उनकी मुलाकात हुई, जो आगे चलकर उनके जीवन साथी बने।
1996 में यह दंपति मोदीनगर आकर बस गया, जहां उन्होंने एक छोटा सा अस्पताल शुरू किया। डॉक्टर के रूप में उन्होंने महिलाओं और गरीब वर्ग के लिए समर्पण के साथ काम किया, जिससे वे समाज में एक भरोसेमंद नाम बन गईं।
मंजू शिवाच – राजनीति में पदार्पण: एक नई जिम्मेदारी का आरंभ
डॉ. मंजू शिवाच का राजनीतिक सफर 2012 में शुरू हुआ, जब उन्होंने मोदीनगर नगर पालिका के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा। यह चुनाव उनके पति लड़ना चाहते थे, लेकिन सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाने के कारण मंजू शिवाच ने मोर्चा संभाला। हालांकि वे यह चुनाव हार गईं, लेकिन यह हार उनके हौसले को तोड़ नहीं सकी।
2013 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने पार्टी के लिए गांव-गांव प्रचार किया, कार्यक्रमों में भाग लिया और महिलाओं को संगठित किया। उनके जीवनी में यह चरण बेहद अहम रहा क्योंकि यहीं से उन्होंने जमीनी राजनीति की बारीकियों को समझा।
विधानसभा चुनाव 2017: ऐतिहासिक जीत की शुरुआत
2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मंजू शिवाच को भाजपा ने मोदीनगर सीट से टिकट दिया। यह सीट पिछले 32 वर्षों से किसी महिला के पास नहीं गई थी। लेकिन मंजू शिवाच ने इतिहास रचते हुए दो बार के विधायक और बसपा प्रत्याशी वहाब चौधरी को 66,582 वोटों से पराजित कर विधानसभा में प्रवेश किया।
यह जीत न केवल एक महिला उम्मीदवार की जीत थी, बल्कि यह उनके निरंतर संघर्ष और जनसेवा की स्वीकृति थी। उनके राजनीतिक जीवन की यह पहली बड़ी सफलता थी, जिसने उन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीति में मजबूती से स्थापित किया।
मंजू शिवाच – 2022 में फिर से जीत: जनता का भरोसा और सेवा का संकल्प
2022 के विधानसभा चुनाव में डॉ. मंजू शिवाच ने एक बार फिर से भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरते हुए सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी सुदेश शर्मा को 34,593 मतों से हराया। उन्हें कुल 1,12,859 वोट प्राप्त हुए, जो इस बात का प्रमाण था कि जनता ने उनके कार्यों और सेवाभाव पर दोबारा भरोसा जताया।
राजनीति और सेवा साथ-साथ
डॉ. मंजू शिवाच के जीवन परिचय में एक अनोखी बात यह है कि वे राजनीति में सक्रिय रहने के बावजूद अपने चिकित्सकीय कर्तव्यों से दूर नहीं हुईं। आज भी वे हर सुबह अस्पताल में मरीजों को देखने के लिए उपस्थित रहती हैं। दूर-दराज से आने वाले लोग उन्हें एक समर्पित चिकित्सक और जनप्रतिनिधि के रूप में जानते हैं।
विचारधारा और सामाजिक प्रतिबद्धता
डॉ. मंजू शिवाच की राजनीति समाज सेवा, महिला सशक्तिकरण और विकास आधारित मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमती है। वे भाजपा की राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रभावित हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों को समर्थन देती हैं।
उनके अनुसार, पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे पुरुष प्रधान क्षेत्र में एक महिला के लिए राजनीति करना आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने निडरता और परिश्रम से यह बाधा पार की और महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बनीं।
UP Election Results 2022: यूपी के वोटों के अंतर से जीत का Margin Meter
गाजियाबाद जिले की विधानसभा सीटों का चुनाव परिणाम (2022) [ Ghaziabad Assembly Election Results 2022 ]
सीट का नाम | विजेता (पार्टी) |
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गाजियाबाद सदर | संजीव शर्मा (2024 ByPoll ) / अतुल गर्ग (भाजपा) |
साहिबाबाद | सुनील शर्मा (भाजपा) |
मोदीनगर | मंजू शिवाच (भाजपा) |
मुरादनगर | अजीत पाल त्यागी (भाजपा) |
लोनी | नंदकिशोर गुर्जर (भाजपा) |