मनीष जायसवाल का जीवन परिचय उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के पडरौना नगर से जुड़ा है, जहां उनका जन्म 13 फरवरी 1978 को हुआ। उनका पूरा नाम मनीष कुमार उर्फ मंटू है। उनके पिता स्वर्गीय रामनरायन प्रसाद उर्फ मुन्ना बाबू क्षेत्र के सम्मानित व्यक्ति थे। मनीष जायसवाल हिन्दू धर्म को मानने वाले पिछड़ी जाति (कलवार) से संबंध रखते हैं।

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शैक्षिक योग्यता की बात करें तो मनीष जायसवाल स्नातक हैं। उन्होंने व्यावसायिक जीवन की शुरुआत कृषि और व्यापार से की। उनका विवाह 24 मई 2003 को श्रीमती सीमा देवी से हुआ। दंपत्ति को एक पुत्र और एक पुत्री की संतान प्राप्त है। पारिवारिक रूप से भी वे राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े रहे हैं—उनकी माता श्रीमती शिवकुमारी देवी पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रह चुकी हैं।

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मनीष जायसवाल का राजनीतिक सफर

बहुजन समाज पार्टी से राजनीति की शुरुआत

मनीष जायसवाल का राजनीतिक सफर वर्ष 2012 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से शुरू हुआ। उस समय उन्होंने तमकुहीराज विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें इस चुनाव में सफलता नहीं मिली और वे चौथे स्थान पर रहे। इसके बावजूद उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों में सक्रियता बनाए रखी।

बसपा के प्रमुख नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी माने जाने वाले मनीष ने पार्टी के अंदर काफी समय तक सक्रिय भूमिका निभाई, लेकिन 2016 में उन्होंने बसपा को छोड़ने का निर्णय लिया और कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।


कांग्रेस में सक्रियता और परिवार की राजनीतिक भूमिका

2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने मनीष जायसवाल की मां, शिवकुमारी देवी को पडरौना विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। हालांकि इस चुनाव में उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। यह समय कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, फिर भी मनीष जायसवाल पार्टी से जुड़े रहे और स्थानीय स्तर पर संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय रहे।

2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने मनीष जायसवाल को पडरौना विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया। यह वही क्षेत्र था जहां से उनकी मां पूर्व में चुनाव लड़ चुकी थीं। लेकिन इस दौरान पार्टी में बड़े फेरबदल हुए। आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाद मनीष जायसवाल ने भी कांग्रेस छोड़ दी और फरवरी 2022 में लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।


मनीष जायसवाल : भाजपा में शामिल होने के बाद की राजनीतिक स्थिति

पडरौना विधानसभा सीट से मनीष जायसवाल का राजनीतिक सफर भाजपा के मंच से नई दिशा में आगे बढ़ा। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें 2022 के चुनाव में प्रत्याशी घोषित किया। इस बार जनता का समर्थन उन्हें प्राप्त हुआ और वे अट्ठारहवीं उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में पहली बार निर्वाचित हुए

यह उनकी राजनीतिक यात्रा का निर्णायक मोड़ था। पहले बसपा, फिर कांग्रेस और अंततः भाजपा में शामिल होकर उन्होंने क्षेत्रीय राजनीति में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई।


विधायक बनने के बाद की भूमिका

मनीष जायसवाल के जीवन परिचय से यह स्पष्ट होता है कि उनका झुकाव जनसेवा और क्षेत्रीय विकास की ओर रहा है। विधायक बनने के बाद उन्होंने पडरौना क्षेत्र में बुनियादी विकास कार्यों को गति दी है। विशेषकर ग्रामीण सड़कों, शिक्षा, स्वास्थ्य, और कृषि संबंधित योजनाओं पर वे ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

साथ ही, वे स्थानीय जनता से सीधा संवाद बनाए रखते हैं और डिजिटल माध्यमों के जरिये भी जनसंपर्क में सक्रिय रहते हैं। उनके कार्यालय द्वारा नागरिक शिकायतों पर प्राथमिकता के साथ कार्रवाई की जाती है।


मनीष जायसवाल का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर विभिन्न राजनीतिक दलों और अनुभवों से होते हुए एक स्थिर नेतृत्व की ओर बढ़ा है। उन्होंने असफलताओं से सीख लेकर अपना राजनीतिक आधार मजबूत किया और अंततः 2022 में पहली बार विधानसभा में प्रवेश किया।

उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व

Kushinagar Assembly Election Results 2022

विधानसभा सीटविजयी प्रत्याशीपार्टी
फाजिलनगरसुरेंद्र कुशवाहाभाजपा
खड्डाविवेकानंद पांडेयनिषाद पार्टी
रामकोलाविनय प्रकाश गौड़भाजपा
हाटामोहन वर्माभाजपा
कुशीनगरपंचानंद पाठकभाजपा
पडरौनामनीष जायसवालभाजपा
तमकुहीराजडॉ. असीम कुमारभाजपा
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