लक्ष्मी नारायण चौधरी का जन्म 22 जुलाई 1951 को उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में हुआ था। उनके पिता का नाम स्व. रतीराम था, जो एक प्रतिष्ठित सामाजिक व्यक्ति थे। वे हिन्दू धर्म के अनुयायी और जाति से जाट समुदाय से आते हैं।
लक्ष्मी नारायण चौधरी की प्रारंभिक शिक्षा मथुरा में हुई और आगे की शिक्षा उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से प्राप्त की। उन्होंने स्नातकोत्तर के बाद विधि (एलएलबी) की डिग्री हासिल की। विवाह 26 जून 1979 को श्रीमती ममता चौधरी से हुआ, जिनसे उन्हें एक पुत्र है। उनका व्यवसाय कृषि आधारित है, जिससे वे लंबे समय से जुड़े रहे हैं।
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व
उत्तर प्रदेश सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, महामहिम राज्यपाल मा० आनंदीबेन पटेल जी सीएम माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी एवं केंद्रीय शीर्ष व प्रदेश नेतृत्व की गरिमामयी उपस्थिति में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ग्रहण की। pic.twitter.com/o3C61T7iuc
— Laxmi N Chaudhary (@ncbjp_laxmi) March 25, 2022
प्रारंभिक सामाजिक भूमिका
राजनीतिक जीवन में आने से पूर्व लक्ष्मी नारायण चौधरी ने सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाई। वे 1977 से 1980 तक आईटीआई वृंदावन, मथुरा के संचालक रहे। इसके अतिरिक्त वे जिला सहकारी बैंक और कृषि उत्पादन मंडी समिति, मथुरा में भी प्रमुख पदों पर रहे। 1982 में एक जन आंदोलन के दौरान उन्हें जिला कारागार, मथुरा में पांच दिन की हिरासत में भी रहना पड़ा था।
लक्ष्मी नारायण चौधरी का राजनीतिक सफर
राजनीतिक जीवन की शुरुआत
लक्ष्मी नारायण चौधरी का राजनीतिक सफर 1985 में लोकदल के टिकट से शुरू हुआ। इस चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी किशोरी श्याम को हराकर पहली बार उत्तर प्रदेश विधान सभा में प्रवेश किया।
दलों का परिवर्तन और पुनः सफलता
1996 में वे कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़कर दूसरी बार विधायक बने। 2007 में बसपा के टिकट पर तीसरी बार जीत दर्ज कर मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए। उन्होंने कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया। हालांकि, 2012 में बसपा से चुनाव हारने के बाद उन्होंने 2015 में भाजपा की सदस्यता ले ली।
भाजपा के साथ मजबूती
2017 के विधानसभा चुनाव में लक्ष्मी नारायण चौधरी ने चौथी बार जीत हासिल की। इस बार उन्होंने भाजपा के टिकट पर 63,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की और योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री बनाए गए। उन्हें दुग्ध विकास, धर्मार्थ कार्य, संस्कृति एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की जिम्मेदारी मिली।
मार्च 2022 में वे छाता विधानसभा क्षेत्र से पांचवी बार विधायक निर्वाचित हुए और उन्हें गन्ना विकास एवं चीनी मिल विभाग का मंत्री नियुक्त किया गया।
विधायी कार्यकाल का सारांश
- 1985-1990: नवीं विधान सभा सदस्य (लोकदल)
- 1996-2002: तेरहवीं विधान सभा सदस्य (कांग्रेस), मंत्री – उद्यान विभाग
- 2007-2012: पन्द्रहवीं विधान सभा सदस्य (बसपा), मंत्री – कृषि विभाग
- 2017-2022: सत्रहवीं विधान सभा सदस्य (भाजपा), मंत्री – संस्कृति, अल्पसंख्यक कल्याण
- 2022-वर्तमान: अट्ठारहवीं विधान सभा सदस्य (भाजपा), मंत्री – गन्ना विकास
लक्ष्मी नारायण चौधरी का राजनीतिक सफर उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक लंबा और अनुभव से भरा हुआ मार्ग रहा है। उन्होंने कई राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन उनकी पहचान एक स्थायी जननेता के रूप में बनी रही। लक्ष्मी नारायण चौधरी का जीवन परिचय यह दर्शाता है कि उन्होंने शिक्षा, सामाजिक सेवा और राजनीतिक जिम्मेदारियों का सामंजस्य बनाते हुए सार्वजनिक जीवन में योगदान दिया है।
मथुरा जिले की विधानसभा सीटों पर 2022 चुनाव परिणाम
विधानसभा सीट | विजेता उम्मीदवार | पार्टी | वोट प्रतिशत | प्रमुख प्रतिद्वंद्वी |
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मथुरा | श्रीकांत शर्मा | भाजपा | 57.33% | प्रदीप माथुर (कांग्रेस) |
बलदेव | पूरन प्रकाश | भाजपा | 62.66% | अशोक कुमार सुमन (बसपा) |
मांट | राजेश चौधरी | भाजपा | 65.10% | श्याम सुंदर शर्मा (बसपा) |
गोवर्धन | मेघश्याम सिंह | भाजपा | 66.75% | राजकुमार रावत (बसपा) |
छाता | लक्ष्मी नारायण चौधरी | भाजपा | 64.55% | तेजपाल सिंह (आरएलडी) |