हरिओम वर्मा का जन्म 1 जनवरी 1983 को मुनीर नगर (उत्तर प्रदेश) में रामचंद्र वर्मा के घर हुआ था। वे एक पिछड़ी जाति (लोधी राजपूत) परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल से पूरी की और इंटरमीडिएट (12वीं) तक की पढ़ाई की। हालाँकि, उनकी औपचारिक शिक्षा सीमित रही, लेकिन उन्होंने समाज सेवा और राजनीति के माध्यम से खुद को स्थापित किया।
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वैवाहिक जीवन और परिवार
हरिओम वर्मा ने 27 अक्टूबर 2001 को श्रीमती साधना वर्मा (जन्म: 11 जून 1985) से विवाह किया। इस दंपति के दो पुत्र और दो पुत्रियाँ हैं। हरिओम वर्मा ने हमेशा अपने परिवार को निजी जीवन में रखा है, लेकिन उनके राजनीतिक कार्यों में परिवार का पूरा सहयोग मिलता रहा है।
व्यावसायिक जीवन: कृषि, व्यापार और उद्योग
हरिओम ने अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत कृषि और छोटे व्यापार से की। वे एक सफल किसान और व्यवसायी हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्र में कई उद्योगों को बढ़ावा दिया। उनके व्यापारिक अनुभव ने उन्हें जनता की आर्थिक समस्याओं को समझने में मदद की, जिससे उनका राजनीतिक करियर और मजबूत हुआ।
हरिओम वर्मा : राजनीतिक सफर: संघ से भाजपा तक
हरिओम वर्मा का राजनीतिक सफर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से शुरू हुआ। उन्होंने 2007 से अब तक संघ के स्वयंसेवक के रूप में कार्य किया और समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय रहे।
2013-2020: सामाजिक संगठनों में योगदान
- आवंती बाई लोधी महासभा के ऑडिटर के रूप में कार्य किया।
- लोक कल्याण सेवा समिति के माध्यम से समाज सेवा की गतिविधियों में भाग लिया।
2017-2021: भाजपा में सक्रियता
- 2017-2021: उन्हें भाजपा के ओबीसी मोर्चा का जिला महामंत्री बनाया गया।
- बूथ अध्यक्ष के रूप में उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हरिओम वर्मा : 2022 का चुनाव: पहली बार विधायक बनना
2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में, हरिओम वर्मा को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अमांपुर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया। यह उनका पहला विधानसभा चुनाव था, लेकिन उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सत्यभान शाक्य को हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की। इस जीत ने उन्हें पहली बार विधायक बना दिया।
हरिओम वर्मा : प्रमुख राजनीतिक योगदान
- ओबीसी समुदाय के हक में आवाज: हरिओम ने ओबीसी समुदाय के उत्थान के लिए लगातार काम किया है।
- किसानों के लिए कार्य: कृषि पृष्ठभूमि से होने के कारण, वे किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता देते हैं।
- युवाओं के लिए नेतृत्व: उनका राजनीतिक सफर युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो ग्रामीण पृष्ठभूमि से आकर राजनीति में सफलता हासिल करना चाहते हैं।
हरिओम वर्मा का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर संघर्ष, मेहनत और जनसेवा की मिसाल है। उन्होंने एक सामान्य परिवार से शुरुआत करके भाजपा के माध्यम से राजनीति में सफलता हासिल की है।
कासगंज जिले की विधानसभा सीटों का चुनावी प्रदर्शन [ Kasganj Assembly Election Results 2022 ]
विधानसभा सीट | 2022 विजेता (पार्टी) |
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कासगंज | देवेंद्र सिंह राजपूत (भाजपा) |
अमांपुर | हरिओम वर्मा (भाजपा) |
पटियाली | नादिरा सुल्तान (सपा) |