जानिए कौन हैं डॉ. नीलकंठ तिवारी ?
डॉ. नीलकंठ तिवारी उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत और प्रभावशाली चेहरा हैं, जिन्होंने अपने सामाजिक मूल्यों, शिक्षा, और संगठनात्मक कुशलता के बल पर एक अलग पहचान बनाई है। जीवन परिचय के रूप में उनकी यात्रा एक सामान्य ग्रामीण परिवेश से शुरू होकर प्रदेश सरकार में मंत्री पद तक पहुंची। वह मूल रूप से देवरिया जिले के निवासी हैं और ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता श्री ओंकार नाथ तिवारी उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में कार्यरत रहे हैं।
काशी । निर्वाचन क्षेत्र दक्षिणी विधानसभा के गोला दीनानाथ वार्ड के हीरापुरा मुहल्ले में एक नए मिनी नलकूप के कार्यों का लोकार्पण किया ।@PMOIndia @BJP4India @blsanthosh @idharampalsingh pic.twitter.com/FIqWNopenP
— Dr. Neelkanth Tiwari (@NeelkanthAd) May 3, 2025
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
डॉ. नीलकंठ तिवारी ने प्राथमिक शिक्षा देवरिया के ग्रामीण क्षेत्र में पूरी की और उच्च शिक्षा के लिए वाराणसी आ गए। हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय से उन्होंने बीएससी, बीएड, एलएलबी और दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर किया। इसके बाद संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से उन्होंने एकात्म मानववाद एवं सामाजिक अभियांत्रिकी विषय पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। छात्र जीवन में ही वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए और 1989 में हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज के छात्र संघ महामंत्री चुने गए।
डॉ. नीलकंठ तिवारी का राजनीतिक सफर
राजनीतिक सफर की शुरुआत और युवावस्था की भूमिका
डॉ. नीलकंठ तिवारी का राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से प्रारंभ हुआ और वह भाजपा युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष से लेकर भाजपा काशी क्षेत्र के उपाध्यक्ष जैसे कई अहम पदों पर कार्य कर चुके हैं। 2014 में उन्हें सेन्ट्रल बार एसोसिएशन वाराणसी का अध्यक्ष चुना गया, जो उनके संगठनात्मक कौशल का प्रमाण है। वकालत के क्षेत्र में भी उन्होंने नगर निगम वाराणसी के मुख्य अधिवक्ता के रूप में कार्य किया।
विधानसभा में पदार्पण और मंत्री पद तक की यात्रा
डॉ. नीलकंठ तिवारी का राजनीतिक सफर वर्ष 2017 में एक बड़ा मोड़ लेकर आया, जब भाजपा ने उन्हें वाराणसी दक्षिणी विधानसभा सीट से टिकट दिया। यह वही सीट थी, जिसे सात बार विधायक रहे वरिष्ठ नेता श्यामदेव राय चौधरी संभालते थे। ऐसे में नीलकंठ तिवारी को टिकट मिलना आश्चर्यजनक था, लेकिन उनके कार्य और समर्पण के चलते उन्होंने चुनाव में जीत हासिल की और योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री (विधि, न्याय, सूचना, खेल एवं युवा कल्याण) बनाए गए।
2022 विधानसभा चुनाव और जनाधार में वृद्धि
2022 में पुनः वाराणसी दक्षिणी सीट से भाजपा ने डॉ. नीलकंठ तिवारी को उम्मीदवार बनाया और उन्होंने सपा प्रत्याशी किशन दीक्षित को 10,722 वोटों से हराया। उन्हें कुल 99,416 वोट प्राप्त हुए। इस जीत ने उनके जनाधार और लोकप्रियता को और भी अधिक मजबूत किया।
राजनीतिक योगदान और सम्मान
- सत्रहवीं विधानसभा (2017) में पहली बार विधायक निर्वाचित
- योगी सरकार में राज्य मंत्री (विधि न्याय सूचना, खेल एवं युवा कल्याण)
- अट्ठारहवीं विधानसभा (2022) में दोबारा विधायक निर्वाचित
- सेन्ट्रल बार एसोसिएशन अध्यक्ष (2014-15)
- भाजपा युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष (1998-2003)
- भाजपा काशी क्षेत्र के उपाध्यक्ष (2016-2017)
डॉ. नीलकंठ तिवारी का सामाजिक योगदान
डॉ. नीलकंठ तिवारी का जीवन परिचय सिर्फ राजनीतिक सीमाओं में नहीं बंधता। वह सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के पक्षधर हैं। उन्होंने वाराणसी में खेल, सूचना और युवा कल्याण से जुड़ी योजनाओं को गति दी है। साथ ही वह अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सदैव सक्रिय रहते हैं।
उनका राजनीतिक जीवन एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे एक शिक्षित, विचारशील और जमीन से जुड़ा व्यक्ति समाज और राजनीति में सार्थक बदलाव ला सकता है.
Varanasi Assembly Election Results 2022
विधानसभा सीट | विजेता प्रत्याशी | पार्टी | पड़ोसी प्रत्याशी को मतों का अंतर |
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पिंडरा | डॉ. अवधेश सिंह | भाजपा | राजेश पटेल (अपना दल-क) को हराया |
अजगरा (SC) | त्रिभुवन राम | भाजपा | सुनील सोनकर (सपा) को 9,245 वोटों से हराया |
शिवपुर | अनिल राजभर | भाजपा | अरविंद राजभर (सपा) को 27,831 वोटों से हराया |
रोहनिया | सुनील पटेल | अपना दल (सोनेलाल) | अभय पटेल (अपना दल-क) को 46,601 वोटों से हराया |
वाराणसी उत्तर | रवींद्र जायसवाल | भाजपा | अशफाक अहमद (सपा) को 42,549 वोटों से हराया |
वाराणसी दक्षिण | डॉ. नीलकंठ तिवारी | भाजपा | किशन दीक्षित (सपा) को 10,722 वोटों से हराया |
वाराणसी कैंट | सौरभ श्रीवास्तव | भाजपा | पूजा यादव (सपा) को 86,677 वोटों से हराया |
सेवापुरी | नीलरतन पटेल ‘नीलू’ | भाजपा | सुरेंद्र सिंह पटेल (सपा) को 22,679 वोटों से हराया |