धर्मेश सिंह तोमर, जो आज उत्तर प्रदेश की धौलाना विधानसभा सीट से विधायक हैं, एक किसान परिवार से संबंध रखते हैं। धर्मेश सिंह तोमर का जीवन परिचय न केवल शिक्षा और परंपरागत मूल्यों से जुड़ा है, बल्कि एक जनसेवक के रूप में उनकी सोच और जमीनी जुड़ाव को भी दर्शाता है। उनका जन्म 24 दिसंबर 1966 को गाजियाबाद जिले के पिलखुवा नगर के लुहारान मोहल्ले में हुआ था। उनके पिता का नाम चंद्रमुखुत तोमर है।
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धर्मेश तोमर ने अपनी शिक्षा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (पूर्व में मेरठ विश्वविद्यालय) से पूरी की। उन्होंने वर्ष 1986 में बी.एड. और वर्ष 1989 में अर्थशास्त्र विषय में एम.ए. की डिग्री मेरठ कॉलेज से प्राप्त की। इस शैक्षणिक पृष्ठभूमि ने उन्हें समाज की समझ और शासन की आवश्यकता को गहराई से समझने में सहायता की।
वे पारिवारिक रूप से भी एक आदर्श जीवन जीते हैं। उनकी पत्नी का नाम अल्का तोमर है और उनके एक बेटा एवं एक बेटी हैं। उनके जीवन में शिक्षा, सामाजिक उत्तरदायित्व और जनसेवा का समन्वय स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
धर्मेश सिंह तोमर : राजनीति में प्रवेश: पंचायत से विधानसभा तक का सफर
धर्मेश सिंह तोमर का राजनीतिक सफर एक लम्बी और स्थायी प्रक्रिया का परिणाम है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2000 में गाजियाबाद के जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में हुई थी। उस समय उन्होंने प्रशासनिक कार्यों में उल्लेखनीय निर्णय लिए, जिनमें गढ़ मेला में चुंगी समाप्त कराना एक साहसी पहल मानी गई।
इसके बाद वर्ष 2012 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर धौलाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की। विशेष बात यह रही कि उस चुनाव में एनसीआर क्षेत्र में वे सपा के एकमात्र प्रत्याशी थे जो सबसे अधिक वोटों से विजयी हुए थे। यह जीत उनके जनसंपर्क, नीति और संगठन क्षमता को दर्शाती है।
हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन तब भी उन्हें 72,000 से अधिक मत मिले, जो उनकी लोकप्रियता को दर्शाते हैं। इसके बाद वर्ष 2019 में उन्होंने समाजवादी पार्टी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया, जो उनके राजनीतिक रुख में बड़ा परिवर्तन था।
2022: भाजपा से जीत और दोबारा विधानसभा में वापसी
वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में धर्मेश सिंह तोमर ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में धौलाना सीट से चुनाव लड़ा और समाजवादी पार्टी के असलम अली को 12,628 वोटों के भारी अंतर से पराजित किया। उन्हें कुल 95,672 वोट प्राप्त हुए, जबकि सपा प्रत्याशी को 83,044 वोट मिले। बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशी क्रमशः बाशिद और अरविंद शर्मा इस मुकाबले में पिछड़ गए।
इस जीत के साथ धौलाना विधायक का राजनीतिक सफर फिर से सक्रिय हो गया और वे 18वीं उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य बने। उनका यह विजय क्रम यह संकेत देता है कि जनता में उनका विश्वास अभी भी अडिग है।
धर्मेश सिंह तोमर का कार्यशैली और दृष्टिकोण
गाजियाबाद के नेता का चुनावी जीवन न केवल चुनाव जीतने तक सीमित रहा है, बल्कि प्रशासनिक कार्यों में उनकी सक्रियता और विकास के प्रति समर्पण को भी दर्शाता है। धर्मेश सिंह तोमर ने अपने कार्यकाल में स्थानीय समस्याओं, शिक्षा, सड़क निर्माण, और व्यापारिक हितों से जुड़े मुद्दों पर काम किया है। उनकी एक स्पष्ट छवि है—एक ऐसे नेता की जो जमीन से जुड़ा है और जिसने जनता की भाषा और भावना को समझकर राजनीति को सेवा का माध्यम बनाया।
धर्मेश सिंह तोमर का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर दोनों यह दिखाते हैं कि राजनीति में सफलता केवल पार्टी से नहीं, बल्कि लोगों के साथ संवाद, सेवा और संघर्ष से मिलती है। एक किसान परिवार से निकलकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले और दो प्रमुख राजनीतिक दलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले धर्मेश सिंह तोमर आज धौलाना क्षेत्र के एक भरोसेमंद नेता बन चुके हैं।
हापुड़ जिले के विजेता प्रत्याशी (विधानसभा चुनाव 2022) Hapur Assembly Election Results 2022
विधानसभा सीट | विजेता प्रत्याशी | पार्टी (दल) | प्राप्त वोट | जीत का अंतर |
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हापुड़ | विजयपाल आढ़ती | भारतीय जनता पार्टी (BJP) | 1,10,432 | 7,034 |
धौलाना | धर्मेश सिंह तोमर | भारतीय जनता पार्टी (BJP) | 95,672 | 12,628 |
गढ़मुक्तेश्वर | हरेंद्र सिंह | भारतीय जनता पार्टी (BJP) | 1,25,389 | 26,306 |