जानिए कौन हैं देवेंद्र प्रताप सिंह ?
देवेंद्र प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक अनुभवी और सक्रिय नेता के रूप में जाने जाते हैं। उनका जन्म 2 मई 1958 को खजूरगांव में हुआ। वे ठाकुर समुदाय से हैं और हिन्दू धर्म में आस्था रखते हैं। उनकी शिक्षा स्नातकोत्तर स्तर तक हुई है। विवाह 5 मार्च 1985 को श्रीमती कृष्णा सिंह से हुआ, जिनका जन्म 14 जुलाई 1959 को हुआ था। उनके एक पुत्र और एक पुत्री हैं। व्यवसाय के रूप में उन्होंने कृषि और व्यापार को अपनाया।
राजनीति में उनकी सक्रियता बहुत पहले से रही है। ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख, एमएलसी और विधायक जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर वे रह चुके हैं। उनके परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि भी अत्यंत प्रभावशाली रही है।
देवेंद्र प्रताप सिंह का जीवन परिचय : पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा
राजनीति में उतरने से पहले की यात्रा
देवेंद्र प्रताप सिंह का जीवन परिचय एक समृद्ध राजनीतिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि से जुड़ा है। उनके पिता स्वर्गीय राना शिव अम्बर सिंह विधान परिषद के सदस्य रहे। इसके अतिरिक्त, उनके परिवार में अन्य सदस्य भी विभिन्न राजनीतिक पदों पर रहे, जैसे उनके परनाना और चाचा। इस प्रभावशाली पारिवारिक परिवेश में पले-बढ़े ने प्रारंभ से ही समाजसेवा और जनकल्याण की भावना को आत्मसात किया।
उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा 1981 में साक्षात्कार तक उत्तीर्ण की, लेकिन बाद में राजनीतिक सेवा को प्राथमिकता दी। वे विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से भी जुड़कर प्रबंधकीय भूमिका निभा चुके हैं।
देवेंद्र प्रताप सिंह का राजनीतिक सफर
राजनीतिक शुरुआत से विधान सभा तक का सफर
देवेंद्र प्रताप सिंह का राजनीतिक सफर 1990 में विधान परिषद सदस्य बनने से शुरू हुआ। 1996 तक वे इस पद पर बने रहे। 2002 में समाजवादी पार्टी से पहली बार विधायक निर्वाचित हुए, तब उन्हें 32,837 वोट मिले।
इसके बाद 2007 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार से सबक लेते हुए 2012 में फिर से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की और इस बार 61,666 वोट प्राप्त किए। 2017 में राजनीतिक परिस्थिति उनके पक्ष में नहीं रही और वे चौथे स्थान पर रहे। वर्ष 2022 में सरेनी विधानसभा सीट से उन्होंने तीसरी बार जीत दर्ज कर अट्ठारहवीं विधान सभा में प्रवेश किया।
विधान परिषद से विधान सभा तक : अनुभव और भूमिकाएं
देवेंद्र प्रताप सिंह सिर्फ विधायक ही नहीं रहे, बल्कि वे अधिष्ठाता मंडल, लोक लेखा समिति और विभिन्न शैक्षणिक प्रबंधन संस्थाओं से भी जुड़े रहे। 2004 से 2006 तक वे अधिष्ठाता मंडल के सदस्य रहे और 2012-2013 के दौरान लोक लेखा समिति में अपनी भूमिका निभाई।
देवेंद्र प्रताप सिंह का जीवन परिचय उनके व्यापक अनुभव को दर्शाता है जो उन्होंने शैक्षणिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में अर्जित किया है।
क्षेत्रीय राजनीति और सामाजिक योगदान
ब्लाक स्तर पर पकड़ और परिवार की भागीदारी
देवेंद्र प्रताप सिंह का ब्लाक स्तर पर प्रभाव भी उल्लेखनीय रहा है। लालगंज ब्लाक में लगातार तीन बार उनके परिवार के सदस्य ब्लाक प्रमुख रहे हैं। पहले उनकी पत्नी कृष्णा सिंह, फिर छोटे भाई अनंतेश सिंह और अब बहू शिवानी सिंह इस पद पर हैं। यह दर्शाता है कि क्षेत्रीय राजनीति में उनका परिवार सक्रिय और प्रभावशाली बना हुआ है।
इसके अतिरिक्त, वे शांतिराज ग्रामोद्योग सेवा समिति से भी जुड़े रहे हैं और कई स्कूलों और कॉलेजों के प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
राजनीतिक प्रतिबद्धता और संगठनात्मक योगदान
देवेंद्र प्रताप सिंह का राजनीतिक सफर संगठनात्मक कार्यों से भी जुड़ा रहा है। समाजवादी पार्टी के आवाह्न पर उन्होंने “जेल भरो आंदोलन” में भाग लिया और रायबरेली तथा लखनऊ की अस्थायी जेलों में बंदी भी रहे। इससे उनके राजनीतिक दृष्टिकोण में प्रतिबद्धता और संघर्ष की भावना स्पष्ट होती है।
अनुभव से समर्पण तक की राजनीतिक छवि
देवेंद्र प्रताप सिंह का राजनीति में योगदान बहुआयामी रहा है। विधायक, एमएलसी, संगठन कार्यकर्ता और सामाजिक नेतृत्वकर्ता के रूप में उन्होंने विविध भूमिकाएं निभाई हैं।
रायबरेली जिले के 6 विधानसभा क्षेत्रों में 2022 के विजेता Rae Bareli Assembly Election Results 2022
रायबरेली जिले की 6 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की—रायबरेली और सलोन। वहीं समाजवादी पार्टी ने बछरावां, हरचंदपुर, सरैनी और ऊंचाहार में जीत के साथ जिले में अपनी पकड़ मजबूत की है।
विधानसभा क्षेत्र | विजेता प्रत्याशी | पार्टी |
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बछरावां | श्याम सुंदर | समाजवादी पार्टी (सपा) |
हरचंदपुर | राहुल राजपूत | समाजवादी पार्टी (सपा) |
रायबरेली | अदिति सिंह | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) |
सलोन | अशोक कुमार | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) |
सरेनी | देवेंद्र प्रताप सिंह | समाजवादी पार्टी (सपा) |
ऊंचाहार | मनोज कुमार पांडे | समाजवादी पार्टी (सपा) |