जानिए कौन हैं बृजेश सिंह ?
बृजेश सिंह उत्तर प्रदेश की देवबंद विधानसभा सीट से दो बार के निर्वाचित विधायक हैं। उनका जन्म 22 फरवरी 1972 को सहारनपुर जनपद के गांव जड़ौदाजट में हुआ। उनके पिता राजकुमार रावत गुरुकुल कांगड़ी फार्मेसी, हरिद्वार में मैनेजिंग डायरेक्टर पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। बृजेश सिंह के दादा स्व. ठाकुर मुकुंद सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं, जिससे उनका पारिवारिक परिवेश राष्ट्रभक्ति और सामाजिक सक्रियता से प्रभावित रहा है।
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व
उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा देवबंद से प्राप्त की, जबकि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट ज्वालापुर (हरिद्वार) से किया। इसके बाद आयुर्वेद भास्कर में डिग्री लेकर आयुर्वेदाचार्य बने। शिक्षा पूर्ण करने के बाद वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और वहीं से उनका सामाजिक और राजनीतिक जीवन प्रारंभ हुआ।
बृजेश सिंह का जीवन परिचय : पारिवारिक और सामाजिक पृष्ठभूमि
बृजेश सिंह का जीवन परिचय उनके विविध कार्यों और पृष्ठभूमि से स्पष्ट होता है। आयुर्वेदाचार्य की शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद उन्होंने राजनीति को अपने जीवन का मार्ग बनाया। वह कृषि, उद्योग और व्यापार जैसे क्षेत्रों से भी जुड़े हुए हैं, जिससे उन्हें जमीनी स्तर की समस्याओं की अच्छी समझ है।
संघ की पृष्ठभूमि और भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा से जुड़ाव ने उनके राजनीतिक भविष्य की नींव रखी। वह युवा मोर्चा की जिला और प्रदेश कार्यकारिणी में सक्रिय रहे। बाद में भाजपा की पश्चिम उत्तर प्रदेश कमेटी में क्षेत्रीय मंत्री बनाए गए।
बृजेश सिंह का राजनीतिक सफर : युवा मोर्चा से मंत्री पद तक
बृजेश सिंह का राजनीतिक सफर वर्ष 2017 से शुरू हुआ, जब उन्होंने देवबंद विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ा। 21 वर्षों बाद भाजपा को इस सीट पर जीत दिलाकर उन्होंने ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को लगभग 16,000 वोटों से हराया।
वर्ष 2022 में पार्टी ने एक बार फिर बृजेश सिंह को देवबंद सीट से उम्मीदवार बनाया। इस बार भी उन्होंने लगभग 7,100 वोटों से जीत दर्ज की और दूसरी बार विधायक बने। इसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में लोक निर्माण विभाग में राज्य मंत्री का दायित्व सौंपा गया।
देवबंद विधानसभा सीट पर ऐतिहासिक योगदान
देवबंद विधानसभा सीट, जो दारुल उलूम और त्रिपुर मां बाला सुंदरी मंदिर के कारण प्रसिद्ध है, लंबे समय तक भाजपा के लिए कठिन रही। वर्ष 1996 के बाद पहली बार 2017 में बृजेश सिंह ने यहां भाजपा को जीत दिलाई। इससे पहले भाजपा ने 1993 और 1996 में इस सीट पर जीत हासिल की थी।
इस प्रकार, बृजेश सिंह ने 21 वर्षों के अंतराल को समाप्त कर भाजपा का परचम दोबारा लहराया। यह जीत उनके संगठनात्मक अनुभव और जनसंपर्क की रणनीति का परिणाम थी।
संगठन में भूमिका और केंद्रीय नेतृत्व से संबंध
बृजेश सिंह न केवल विधायक के रूप में सक्रिय रहे हैं, बल्कि संगठनात्मक स्तर पर भी उनका योगदान रहा है। उन्होंने भाजपा के केंद्रीय नेताओं के साथ निकट संबंध बनाए रखे। संघ के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें पार्टी के भीतर एक विश्वसनीय नेता के रूप में स्थापित किया।
वे दिव्य प्रेम सेवा मिशन और संघ की विचारधारा से प्रभावित होकर सामाजिक कार्यों में भी भाग लेते रहे हैं। यही कारण है कि पार्टी ने उन्हें मंत्री पद जैसे अहम दायित्व सौंपे।
बृजेश सिंह का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक सशक्त क्षत्रिय नेता की स्थायी छवि प्रस्तुत करता है। देवबंद सीट पर भाजपा की वापसी और दो बार की जीत उनके नेतृत्व कौशल को सिद्ध करती है।
उनकी संघ पृष्ठभूमि, संगठन के प्रति प्रतिबद्धता, और प्रशासनिक अनुभव उन्हें भविष्य में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की दिशा में अग्रसर कर सकते हैं।
Saharanpur Assembly Election Results 2022
सहारनपुर जिले की सभी सात विधानसभा सीटों के विजेता
क्रम संख्या | विधानसभा सीट | विजेता उम्मीदवार | पार्टी |
---|---|---|---|
1 | गंगोह | किरत सिंह | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
2 | देवबंद | बृजेश सिंह | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
3 | नकुड़ | मुकेश चौधरी | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
4 | बेहट | उमर अली खान | समाजवादी पार्टी (सपा) |
5 | रामपुर मनिहारन | देवेंद्र कुमार निम | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
6 | सहारनपुर | आशु मलिक | समाजवादी पार्टी (सपा) |
7 | सहारनपुर नगर | राजीव गुंबर | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |