डॉ. नीरज बोरा का जन्म 31 मार्च, 1967 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ। उनके पिता श्री डी.पी. बोरा दो बार लखनऊ पश्चिम विधानसभा (अब लखनऊ उत्तर) से विधायक रहे। नीरज बोरा ने 26 जनवरी, 1992 को श्रीमती बिंदू बोरा से विवाह किया, जिनका जन्म 4 मार्च, 1971 को हुआ। उनके परिवार में एक पुत्र और दो पुत्रियाँ हैं।
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व
शैक्षिक योग्यता
डॉ. बोरा ने एमबीबीएस (चिकित्सा स्नातक) और एमबीए (प्रबंधन में स्नातकोत्तर) की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने अपना व्यावसायिक जीवन अध्यापन और चिकित्सा के क्षेत्र में शुरू किया।
सामाजिक सेवा और प्रारंभिक राजनीतिक प्रभाव
बचपन से ही जनसेवा का भाव
बचपन से ही नीरज बोरा के मन में जनसेवा की भावना थी। वह अपने पिता के साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होते थे और समाज कल्याण के कार्यों में रुचि लेते थे। इसी प्रेरणा से 1993 में उन्होंने सीतापुर रोड, लखनऊ पर “सेवा अस्पताल” की स्थापना की, जहाँ गरीबों को सस्ती या निःशुल्क चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
सामाजिक संगठनों में योगदान
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), लखनऊ के अध्यक्ष रहे।
- लायन्स क्लब इंटरनेशनल के गवर्नर और काउंसिल चेयरमैन के पद पर कार्य किया।
- 25,000 से अधिक निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन करवाए।
- विकलांगों को कृत्रिम अंग, व्हीलचेयर और ट्राइसाइकिल वितरित कीं।
डॉ. नीरज बोरा : राजनीतिक सफर
डॉ. नीरज बोरा : प्रारंभिक राजनीतिक संघर्ष
नीरज बोरा ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) से राजनीति शुरू की और 2007 में लखनऊ पश्चिम से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम का उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री स्तर) नियुक्त किया गया।
डॉ. नीरज बोरा :कांग्रेस से जुड़ाव और विवाद
- 2009 में BSP छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए।
- 2012 में लखनऊ उत्तर से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन 2000 वोटों से हार गए।
- 2014 में कांग्रेस के लखनऊ अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए।
भाजपा में उल्लेखनीय सफलता
- 2017 में लखनऊ उत्तर से भाजपा के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गए।
- 2022 में दोबारा 40,000 से अधिक वोटों से जीतकर विधायक बने।
- वर्तमान में भाजपा विधानमंडल दल के सचेतक, सचिव और कोषाध्यक्ष हैं।
डॉ. नीरज बोरा : प्रमुख राजनीतिक उपलब्धियाँ
विधानसभा में योगदान
- सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम संयुक्त समिति के सदस्य।
- दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, उत्तर प्रदेश के राज्य सलाहकार बोर्ड के सदस्य।
- संजय गांधी पीजीआई, लखनऊ के शासन द्वारा नामित सदस्य।
जनकल्याण के कार्य
- लखनऊ में पीने के पानी की समस्या को विधानसभा में उठाया।
- दलित बस्तियों में बिजली, पानी और सड़क की सुविधाएँ दिलवाईं।
- गोमती नदी की नीलामी रोककर मछुआरों के हक़ की लड़ाई लड़ी।
डॉ. नीरज बोरा का जीवन सामाजिक सेवा और राजनीतिक संघर्ष की मिसाल है। वह ईमानदारी, मेहनत और जनसेवा के बल पर लखनऊ उत्तर की जनता का विश्वास हासिल कर चुके हैं। उनका राजनीतिक सफर यह साबित करता है कि जनता की सेवा ही सच्ची राजनीति है।