उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में 10 मार्च 1968 को जन्मे विपिन सिंह का जीवन परिचय इस बात की मिसाल है कि जब राजनीति विरासत में मिलती है, तो उससे जुड़ी जिम्मेदारियां और भी अधिक होती हैं। उनके पिता अंबिका सिंह दो बार कौड़ीराम विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं, जिससे विपिन सिंह की राजनीतिक समझ और सामाजिक जुड़ाव प्रारंभ से ही मजबूत रहा।

विपिन सिंह ने 1988 में गोरखपुर विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ आर्ट्स (B.A.) की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 12 जुलाई 1992 को नीता सिंह से विवाह किया, जिनसे उन्हें एक पुत्र और एक पुत्री प्राप्त हैं। उनका पारिवारिक जीवन भी जनसेवा से जुड़ा रहा है, क्योंकि उनकी पत्नी नीता सिंह स्वयं भी ब्लॉक प्रमुख रही हैं। इस तरह विपिन सिंह का जीवन परिचय सामाजिक और राजनीतिक जिम्मेदारियों से समृद्ध रहा है।

स्थानीय राजनीति से राज्य विधानसभा तक: विपिन सिंह का राजनीतिक सफर

विपिन सिंह का राजनीतिक सफर वर्ष 1995 से आरंभ होता है, जब वे पहली बार कौड़ीराम ब्लॉक के प्रमुख चुने गए। उन्होंने 2005 तक लगातार दस वर्षों तक ब्लॉक प्रमुख के रूप में कार्य किया। इसके बाद 2005 से 2010 तक उनकी पत्नी नीता सिंह ने भी उसी ब्लॉक की प्रमुख के रूप में सेवा दी। वर्ष 2021 के ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी नीता सिंह ने जीत दर्ज की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह परिवार क्षेत्रीय राजनीति में विश्वास और सेवा का प्रतीक रहा है।

2012 में हुए परिसीमन के बाद कौड़ीराम विधानसभा सीट समाप्त हो गई और गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र का गठन हुआ। इसी क्षेत्र से 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने विपिन सिंह को मैदान में उतारा। उन्होंने 4410 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की और 17वीं उत्तर प्रदेश विधानसभा में सदस्य बने। उनका यह राजनीतिक सफर पारिवारिक विरासत के साथ-साथ उनके व्यक्तिगत प्रयासों का भी परिणाम था।

विपिन सिंह : 2022 में ऐतिहासिक विजय और मजबूत जनसमर्थन

2022 के विधानसभा चुनावों में विपिन सिंह ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी विजय बहादुर यादव को एक बार फिर पराजित कर लगातार दूसरी बार विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया। यह सीट गोरखनाथ मंदिर क्षेत्र से भी जुड़ी हुई है, जो इस क्षेत्र को धार्मिक और राजनीतिक दृष्टि से विशेष बनाता है।

इस बार निषाद पार्टी, जो पहले भाजपा की विरोधी थी, भाजपा के साथ गठबंधन में रही। उल्लेखनीय है कि 2017 में निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने भी इसी सीट से चुनाव लड़ा था और उन्हें लगभग 35 हजार मत प्राप्त हुए थे। 2022 में इस गठबंधन ने भाजपा की स्थिति और अधिक सुदृढ़ कर दी।

विपिन सिंह : विरासत और सेवा का समन्वय

विपिन सिंह का जीवन परिचय यह भी दर्शाता है कि उन्होंने केवल विरासत की राजनीति नहीं की, बल्कि लगातार सेवा, समर्पण और जनविश्वास से अपने राजनीतिक सफर को ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनका परिवार दशकों से क्षेत्रीय राजनीति में सक्रिय रहा है — उनके चाचा विजय प्रताप सिंह भी खोराबार ब्लॉक के दस वर्षों तक प्रमुख रहे।

2017 से 2022 तक विपिन सिंह ने 17वीं विधानसभा में सक्रिय भूमिका निभाई और अब 18वीं विधानसभा (2022–वर्तमान) में भी वे बतौर विधायक कार्यरत हैं। उनके कार्यकाल में क्षेत्रीय विकास, सड़क निर्माण, शिक्षा सुविधाओं का विस्तार और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी गई।

नेतृत्व, समर्पण और स्थायित्व की पहचान

विपिन सिंह का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर यह बताता है कि कैसे विरासत में मिली राजनीति को कर्तव्य और सेवा से सफलतापूर्वक निभाया जा सकता है। गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र के लिए वे केवल एक विधायक नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक और जनसेवक हैं, जिन्होंने परिवारिक राजनीतिक विरासत को आधुनिक नेतृत्व में परिवर्तित कर दिया है।

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गोरखपुर ज़िले की विधानसभा सीटों का 2022 चुनाव परिणाम [ Gorakhpur Assembly Election Results 2022 ]

विधानसभाविजेता (पार्टी)दूसरे स्थान पर (पार्टी)जीत का अंतर
कैम्पियरगंजफतेह बहादुर (BJP)काजल निषाद (SP)41,482
पिपराइचमहेन्द्र पाल सिंह (BJP)अमरेन्द्र निषाद (SP)65,357
गोरखपुर शहरयोगी आदित्यनाथ (BJP)सुभावती शुक्ला (SP)1,02,399
गोरखपुर ग्रामीणबिपिन सिंह (BJP)विजय बहादुर यादव (SP)24,070
सहजनवांप्रदीप शुक्ला (BJP)यशपाल रावत (SP)39,710
खजनीश्रीराम चौहान (BJP)रूपवती बेलदार (SP)37,271
चौरीचौरासरवन कुमार निषाद (BJP)बृजेश चंद (SP)41,127
बांसगांवडॉ. विमलेश पासवान (BJP)डॉ. संजय कुमार (SP)26,591
चिल्लूपारराजेश त्रिपाठी (BJP)विनय शंकर तिवारी (SP)21,645

उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व

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