उत्तर प्रदेश की राजनीति में बेदी राम का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर एक ऐसे राजनेता की कहानी है, जिसकी पृष्ठभूमि संघर्षों और विवादों से भरी हुई है। रेलवे विभाग की नौकरी से राजनीति में प्रवेश करने वाले बेदी राम ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उनका राजनीतिक हौसला कम नहीं हुआ। जौनपुर से जन्म लेकर गाजीपुर की राजनीति में स्थापित होना, और फिर 2022 में विधायक बनना – यह सफर अनेक कहानियों को समेटे हुए है।
आज विधान सभा लखनऊ में सर्वदलीय बैठक के बाद आयोजित भोज में माननीय बृजेश पाठक जी (उप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ) के साथ उपस्थित हुए। pic.twitter.com/badD5ucmOx
— Bedi Ram M.L.A (@BediRam5) February 17, 2025
बेदी राम : जौनपुर में जन्म, लखनऊ में निवास और गाजीपुर में राजनीतिक कार्यक्षेत्र
बेदी राम का जीवन परिचय बताता है कि उनका जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ था। हालांकि वर्तमान में वे लखनऊ में रहते हैं, लेकिन उनका सक्रिय राजनीतिक कार्यक्षेत्र गाजीपुर है। उनका पारिवारिक जीवन भी राजनीति से जुड़ा है – उनकी पत्नी जलालाबाद ब्लॉक (जौनपुर) से ब्लॉक प्रमुख हैं, जो स्थानीय राजनीति में उनकी मौजूदगी को और भी मजबूत बनाती है।
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा में 403 सीटों पर विभिन्न जातियों और धर्मों के विधायकों का प्रतिनिधित्व
बेदी राम : राजनीति में शुरुआती प्रयास और चुनावी असफलताएं
बेदी राम का राजनीतिक सफर 2007 में शुरू होता है, जब उन्होंने वाराणसी के पिंडरा विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव लड़ा। यह उनका पहला विधानसभा चुनाव था, लेकिन वह चुनाव हार गए। हार के बावजूद उन्होंने राजनीति से दूरी नहीं बनाई और 2012 में गाजीपुर नगर पालिका चेयरमैन चुनाव में भी किस्मत आजमाई, हालांकि इस बार भी सफलता नहीं मिली।
उनके अनुसार, उन्होंने चेयरमैन का चुनाव गाजीपुर की किसी नगर पालिका या नगर पंचायत से लड़ा था, लेकिन स्थान का स्पष्ट विवरण उन्होंने नहीं दिया। इस दौर को बेदी राम के जीवन परिचय और राजनीतिक सफर के संघर्षपूर्ण चरण के रूप में देखा जा सकता है।
बेदी राम : रेलवे की नौकरी से बर्खास्तगी और विवाद
राजनीति में आने से पहले बेदी रेलवे विभाग में कार्यरत थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वह टिकट परीक्षक (टीटी) के पद पर थे, जबकि कुछ सूत्रों का दावा है कि वह एडीआरएम के समकक्ष पद पर कार्यरत थे।
रेलवे सेवा के दौरान उन पर नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगा। शशि प्रताप सिंह, जो कभी सुभासपा के प्रवक्ता और अब नेशनल इक्वल पार्टी के अध्यक्ष हैं, के अनुसार बेदी राम ने दर्जनों लोगों को फर्जी तरीके से रेलवे में नियुक्त करवा दिया। जांच के बाद आरोप सिद्ध हुए और उन्हें बर्खास्त कर जेल भी भेजा गया। यह विवाद बेदी राम के जीवन परिचय में एक महत्वपूर्ण और नकारात्मक अध्याय है, जिसे उन्होंने पीछे छोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की।
आपराधिक मामलों का साया
इलेक्शन वॉच के आंकड़ों के अनुसार, बेदी राम के ऊपर कुल 8–9 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से कुछ उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में विचाराधीन हैं। 2014 में एसटीएफ द्वारा दर्ज मामला भी इन मामलों में शामिल है। भोपाल, लखनऊ और जौनपुर की अदालतों में उनके खिलाफ केस चल रहे हैं।
यह तथ्य बेदी राम के राजनीतिक जीवन परिचय को विवादास्पद बनाता है, लेकिन साथ ही यह दर्शाता है कि भारतीय राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं की मौजूदगी एक सामाजिक यथार्थ है।
2022 का चुनाव और राजनीतिक पुनर्जन्म
2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव बेदी के लिए राजनीतिक पुनर्जन्म के समान रहे। उन्होंने सुभासपा-सपा गठबंधन के टिकट पर गाजीपुर की जखनिया विधानसभा सीट, जो कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, से चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की।
उन्होंने भाजपा के रामराज वनवासी को 36,865 वोटों के भारी अंतर से हराया, जहां बेदी राम को 1,13,378 और रामराज को 76,513 वोट मिले। यह जीत बेदी राम के राजनीतिक सफर का सबसे उज्जवल और निर्णायक मोड़ थी, जिसने उन्हें एक प्रभावशाली विधायक के रूप में स्थापित कर दिया।
विरोधाभासों से भरा लेकिन प्रासंगिक राजनीतिक चेहरा
बेदी राम का जीवन परिचय और राजनीतिक सफर विरोधाभासों से भरा है – एक ओर जहां उनके ऊपर गंभीर आपराधिक आरोप और बर्खास्तगी का दाग है, वहीं दूसरी ओर वे एक लोकप्रिय विधायक के रूप में अपनी जगह बना चुके हैं। उनका सफर यह भी दर्शाता है कि भारतीय राजनीति में पुनर्वापसी की कितनी गुंजाइश होती है, अगर जनाधार मजबूत हो और सामाजिक समीकरणों की समझ हो।
उनकी राजनीतिक यात्रा से यह भी स्पष्ट होता है कि किस तरह एक व्यक्ति सरकारी नौकरी से राजनीति में प्रवेश कर, विवादों और असफलताओं को पार करके जनप्रतिनिधि बन सकता है। आज बेदी राम का राजनीतिक जीवन परिचय उन नेताओं की सूची में है, जिनकी गिनती सामाजिक समीकरणों और जातीय राजनीति को साधने में माहिर नेताओं में होती है।
UP Election Results 2022: यूपी के वोटों के अंतर से जीत का Margin Meter
गाज़ीपुर ज़िले की विधानसभा सीटों का चुनाव परिणाम (2022) Ghazipur Assembly Election Results 2022
सीट का नाम | विजेता (पार्टी) | कुल वोट |
---|---|---|
जहूराबाद | ओमप्रकाश राजभर (सुभासपा) | 1,14,151 |
जखनियां | बेदी राम (सुभासपा-सपा गठबंधन) | 1,13,378 |
मुहम्मदाबाद | सुहैब अंसारी (सपा) | 1,10,683 |
जंगीपुर | वीरेंद्र यादव (सपा) | 1,02,091 |
सैदपुर | अंकित भारती (सपा) | 1,08,523 |
जमानियां | ओमप्रकाश सिंह (सपा) | 93,926 |
गाज़ीपुर सदर | जयकिशन साहू (सपा) | 92,472 |