रेखा वर्मा का जीवन परिचय
रेखा वर्मा का जन्म 26 जून 1961 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के इकदिल कस्बे में हुआ था। उनके पिता का नाम स्व. उमाशंकर था। वे लोधी (राजपूत) जाति से ताल्लुक रखती हैं, जो कि उत्तर प्रदेश में पिछड़ी जातियों के अंतर्गत आती है। उन्होंने स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्राप्त की है और बी.एड. करने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया।
रेखा वर्मा का विवाह 11 मार्च 1978 को स्वर्गीय डॉ. महेन्द्र चंद्र वर्मा से हुआ। उनके पति 2009 में बसपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। इस दंपति के दो पुत्र और एक पुत्री हैं। रेखा वर्मा पेशे से अध्यापक रहीं और औरैया जनपद के पूर्वा सुजान स्थित आदर्श कन्या इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्या के रूप में सेवा दे चुकी हैं। उनका प्रमुख व्यवसाय कृषि और अध्यापन रहा है।
रेखा वर्मा का राजनीतिक सफर
राजनीतिक सफर का आरंभ : परिवार से मिली विरासत
रेखा वर्मा का राजनीतिक सफर किसी सामान्य यात्रा की तरह नहीं रहा, बल्कि उनके ससुर स्व. धनीराम वर्मा की छवि और अनुभव ने उन्हें एक राजनीतिक दृष्टिकोण दिया। स्व. धनीराम वर्मा छह बार विधायक रह चुके थे। वे 1993 से 1995 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे और 1997 से 2001 तक नेता विपक्ष के रूप में कार्यरत रहे।
ससुर और पति दोनों रहे विधायक
रेखा वर्मा के पति डॉ. महेश चंद्र वर्मा ने वर्ष 2009 में बिधूना विधानसभा उपचुनाव में बसपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। इससे पहले उनके ससुर ने भी 1980 से लेकर 2007 तक कई बार इसी क्षेत्र से जीत दर्ज कर एक मजबूत राजनीतिक विरासत स्थापित की थी।
2022 विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक बनीं
मार्च 2022 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रेखा वर्मा ने समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी के रूप में बिधूना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और 92,757 मत प्राप्त कर भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी रिया शाक्य को 3,265 मतों से पराजित किया। इस ऐतिहासिक जीत के साथ वे अठारहवीं विधानसभा की सदस्य बनीं।
परिवारिक और सामाजिक योगदान
रेखा वर्मा का जीवन परिचय केवल राजनीति तक सीमित नहीं है। उन्होंने समाज के गरीब और ग्रामीण तबके के बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके नेतृत्व में कई छात्राओं को शिक्षा का नया मार्ग मिला।
राजनीति में भविष्य की संभावनाएं
रेखा वर्मा का राजनीतिक सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि, अनुभव और जनता के बीच लोकप्रियता को देखते हुए यह स्पष्ट है कि वे आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं
रेखा वर्मा, एक शिक्षिका से विधायक तक की यात्रा, न केवल उनकी मेहनत का परिणाम है बल्कि यह उनके परिवार की राजनीतिक विरासत का जीवंत उदाहरण भी है। रेखा वर्मा की जीत ने बिधूना की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। 70 साल बाद पहली बार महिला विधायक बनकर उन्होंने इतिहास रचा है। उनका राजनीतिक अनुभव और पारिवारिक विरासत उन्हें इस क्षेत्र में एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित करता है। अब देखना होगा कि वह अपने कार्यकाल में बिधूना के विकास के लिए क्या नई पहल करती हैं।
किस किस यूपी विधायक ने बदली कई पार्टियाँ – जानिए कौन है ये ‘आया राम, गया राम’
औरैया जिले ( Auraiya ) की विधानसभा सीटों के नतीजे (2024 चुनाव)
क्रम संख्या | विधानसभा सीट | विजेता उम्मीदवार | पार्टी | पराजित उम्मीदवार | पार्टी |
---|---|---|---|---|---|
1️⃣ | औरैया | गुड़िया कठेरिया | भारतीय जनता पार्टी (BJP) | जितेंद्र कुमार दोहरे | समाजवादी पार्टी (SP) |
2️⃣ | दिबियापुर | प्रदीप कुमार यादव | समाजवादी पार्टी (SP) | लखन सिंह राजपूत | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
3️⃣ | बिधुना | रेखा वर्मा | समाजवादी पार्टी (SP) | रिया शाक्य | भारतीय जनता पार्टी (BJP) |
समाजवादी पार्टी (SP) ने 3 में से 2 सीटें (दिबियापुर और बिधुना) जीतीं।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सिर्फ औरैया सीट पर जीत दर्ज की।