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गौशाला Gaushala

उत्तर प्रदेश : 15,000 से 20,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ

उत्तर प्रदेश : 15,000 से 20,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ Upto 20000 Cows Capacity Gaushala

उत्तर प्रदेश : 15,000 से 20,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ Upto 20000 Cows Capacity Gaushala

Upto 20000 Cows Capacity Gaushala : उत्तर प्रदेश में गौसंरक्षण और गौसेवा की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। वर्तमान समय में सरकार और समाजसेवी संस्थाएँ मिलकर गौशालाओं के संचालन पर विशेष ध्यान दे रही हैं। विशेष रूप से कुछ जनपदों में ऐसी बड़ी गौशालाएँ संचालित की जा रही हैं, जहाँ हजारों की संख्या में गौवंश का संरक्षण किया जा रहा है।

इस लेख में हम उन जनपदों की प्रमुख गौशालाओं [ Upto 20000 Cows Capacity Gaushala ] का विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं, जहाँ गौवंश की संख्या 15,000 से 20,000 के बीच है। ये जिले हैं: श्रावस्ती, हाथरस, बुलंदशहर, प्रतापगढ़, अलीगढ़, फतेहपुर और गोंडा। इन जिलों में संचालित गौशालाएँ न केवल बेसहारा गौवंश को सुरक्षित आश्रय प्रदान कर रही हैं, बल्कि जैविक कृषि, दुग्ध उत्पादन, तथा पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।


1. श्रावस्ती: 15,140 गौवंश क्षमता [ Upto 20000 Cows Capacity Gaushala ]

श्रावस्ती में स्थित गौशालाएँ गौसंरक्षण के लिए अपने उत्कृष्ट प्रयासों के लिए जानी जाती हैं। जिले में संचालित बड़ी गौशालाओं में से कुछ में 15,000 से अधिक गौवंश का पालन-पोषण किया जा रहा है।

विशेषताएँ:


2. हाथरस: 15,271 गौवंश क्षमता

हाथरस में गौशालाओं की परंपरा ऐतिहासिक रूप से रही है। यहाँ की प्रमुख गौशालाएँ न केवल स्थानीय गौवंश को संरक्षण देती हैं, बल्कि इनके माध्यम से गौ-उत्पादों का व्यवसायिक उत्पादन भी किया जाता है।

मुख्य पहलू:


3. बुलंदशहर: 16,137 गौवंश क्षमता

बुलंदशहर की गौशालाएँ संरक्षित गौवंश के पालन-पोषण के लिए समर्पित हैं। यहाँ की कुछ प्रमुख गौशालाओं में हजारों बेसहारा गायों को सुरक्षित रखा गया है।

मुख्य विशेषताएँ:


4. प्रतापगढ़: 18,329 गौवंश क्षमता

प्रतापगढ़ में गौशालाओं का विस्तार तेजी से हुआ है। यहाँ की कुछ प्रमुख गौशालाएँ सरकार और निजी संगठनों के सहयोग से संचालित हो रही हैं।

मुख्य बातें:


5. अलीगढ़: 18,549 गौवंश क्षमता

अलीगढ़ जिले की गौशालाएँ न केवल स्थानीय बल्कि अन्य जिलों से भी बेसहारा गौवंश को संरक्षण देती हैं।

मुख्य विशेषताएँ:


6. फतेहपुर: 19,449 गौवंश क्षमता

फतेहपुर की गौशालाएँ अपने बड़े स्तर पर संचालन के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ पर संरक्षित गायों के लिए उन्नत चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं।

मुख्य विशेषताएँ:


7. गोंडा: 19,667 गौवंश क्षमता [ Upto 20000 Cows Capacity Gaushala ]

गोंडा जिले की गौशालाएँ उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी और संगठित संरक्षित गौशालाओं में से एक हैं।

मुख्य पहलू:


[ Upto 20000 Cows Capacity Gaushala ]

उत्तर प्रदेश में 15,000 से 20,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ न केवल बेसहारा गायों को संरक्षण प्रदान कर रही हैं, बल्कि पर्यावरण संतुलन, जैविक कृषि, ऊर्जा उत्पादन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना रही हैं।

सरकार और सामाजिक संगठनों के सहयोग से इन गौशालाओं का भविष्य उज्ज्वल है। यदि इन्हें और अधिक तकनीकी सहायता, वित्तीय सहयोग और जनभागीदारी मिलती है, तो ये न केवल गौवंश संरक्षण में बल्कि सतत कृषि और पर्यावरण सुधार में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

उत्तर प्रदेश में गौशाला
गौशाला: उत्तर प्रदेश की सभी गौशालाओं (UP Gaushala) का विवरण
गौशाला: उत्तर प्रदेश के जिलों में 5000 से कम गौवंश
उत्तर प्रदेश में 5000-10,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ
उत्तर प्रदेश में 10,000-15,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ
उत्तर प्रदेश : 15,000 से 20,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ
उत्तर प्रदेश की गौशाला : 20,000 से 25,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ
उत्तर प्रदेश : 25,000 से 30,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाओं का अध्ययन
उत्तर प्रदेश : 30,000 से 40,000 क्षमता वाली गौशालाएं: उन्नाव, लखीमपुर खीरी, ललितपुर और महोबा
40,000 से अधिक क्षमता वाली गौशालाएं: हमीरपुर, जालौन (ओरई), झांसी, चित्रकूट, हरदोई, सीतापुर और बांदा

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