अयोध्या जिले के विधायकों का राजनीतिक स्टैंड: कौन हैं विचारधारा के प्रति समर्पित, कौन हैं ‘आया राम गया राम’?
अयोध्या जिले की पांच विधानसभा सीटों—अयोध्या, रुदौली, बीकापुर, गोसाईगंज और मिल्कीपुर—के वर्तमान विधायकों का राजनीतिक सफर विविधतापूर्ण रहा है। इनमें से कुछ नेताओं ने अपनी राजनीतिक विचारधारा के प्रति स्थिरता दिखाई है, जबकि कुछ ने समय-समय पर दल बदल कर ‘आया राम गया राम’ / बदलू की परंपरा को आगे बढ़ाया है। अभय सिंह को छोड़कर अन्य सभी विधायक ‘आया राम गया राम’ की परंपरा से दूर रहे हैं और अपनी मूल विचारधारा के प्रति समर्पित हैं। 2012 में विधायक बनने के बाद उन्हें समाजवादी पार्टी नहीं छोड़ी। इसलिए विधायक के तौर पर उन्हें आया राम गया राम नहीं माना जा सकता है।
अयोध्या के विधायकों का राजनीतिक स्टैंड: कौन है अडिग, कौन है डगमग
अभय सिंह (गोसाईगंज, सपा) – ‘आया राम गया राम’ की मिसाल
अभय सिंह ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से की, लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गए। 2012 में सपा के टिकट पर पहली बार विधायक बने, लेकिन 2017 में हार का सामना करना पड़ा। 2022 में उन्होंने सपा से फिर चुनाव लड़ा और भाजपा की आरती तिवारी को हराकर दूसरी बार विधायक बने। उनका राजनीतिक सफर दल-बदल और विवादों से भरा रहा है, जिससे वे दलबदलू की श्रेणी में आते हैं।
2012 में विधायक बनने के बाद उन्हें समाजवादी पार्टी नहीं छोड़ी। इसलिए विधायक के तौर पर उन्हें आया राम गया राम नहीं माना जा सकता है।
गौरतलब है कि 7 विधायकों ने एनडीए के राज्यसभा प्रत्याशी के समर्थन में वोट डाला था, उनमें से एक अभय सिंह भी थे। माना जा रहा है कि वे बीजेपी का रुख कर सकते हैं, इसीलिए उनके फिर से बीजेपी में जाने की संभावना है। लोकसभा चुनाव के बीच गोसाईंगंज से सपा विधायक अभय सिंह के पिता भगवानबख्श सिंह व पत्नी सरिता सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया।अभय सिंह के पिता व पत्नी के साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक सपा नेता भी भाजपा में सम्मिलित हो गए। भूमि विकास बैंक के पूर्व चेयरमैन संजय सिंह, पूराबाजार के पूर्व ब्लाक प्रमुख धर्मराज, जिला पंचायत सदस्य राजमणि यादव, पूर्व जिला पंचायत सदस्य शंभूनाथ सिंह दीपू व पूर्व ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख रमाकांत यादव ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
अभय सिंह मूल रूप से जौनपुर से हैं और वे पूर्व पीएम वीपी सिंह के दूर के रिश्तेदार भी बताए जाते हैं।
डॉ. अमित सिंह चौहान (बीकापुर, भाजपा) – विचारधारा के प्रति समर्पित
डॉ. अमित सिंह चौहान ने 2022 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर बीकापुर विधानसभा सीट से जीत हासिल की। उनकी माता शोभा सिंह चौहान भी भाजपा से विधायक रह चुकी हैं। डॉ. चौहान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा से की और अब तक किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। उनका यह सफर उनकी विचारधारा के प्रति स्थिरता और भाजपा में उनकी निष्ठा को दर्शाता है।
उनके पिता राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष तथा प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री मुन्ना सिंह चौहान 2012 में राष्ट्रीय लोकदल के साथ जुड़े थे। 2014 से राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष थे। इससे पहले मुन्ना सिंह चौहान 2005-06 में मुलायम सरकार में सिचाई मंत्री भी रहे। मुन्ना सिंह चौहान पहली बार वर्ष 2002 से 2004 तक एमएलसी रहे। वर्ष 2006 से 2011 तक दूसरी बार एमएलसी रहे । 2006 से 2007 तक सूबे के सिंचाई मंत्री रहे। 2016 में उनका लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में निधन हो गया था ।
चंद्रभानु पासवान (मिल्कीपुर, भाजपा) – विचारधारा के प्रति समर्पित
चंद्रभानु पासवान ने 2025 में मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा से की और अब तक किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। उनका यह सफर उनकी विचारधारा के प्रति स्थिरता और भाजपा में उनकी निष्ठा को दर्शाता है।
रामचंद्र यादव (रुदौली, भाजपा) – विचारधारा के प्रति समर्पित
रामचंद्र यादव ने 2022 में भाजपा के टिकट पर रुदौली विधानसभा सीट से जीत हासिल की। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा से की और अब तक किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। उनका यह सफर उनकी विचारधारा के प्रति स्थिरता और भाजपा में उनकी निष्ठा को दर्शाता है।
वेद प्रकाश गुप्ता (अयोध्या, भाजपा) – विचारधारा के प्रति समर्पित
वेद प्रकाश गुप्ता ने 2022 में भाजपा के टिकट पर अयोध्या विधानसभा सीट से जीत हासिल की। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा से की और अब तक किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। उनका यह सफर उनकी विचारधारा के प्रति स्थिरता और भाजपा में उनकी निष्ठा को दर्शाता है।
अयोध्या जिले में विचारधारा के प्रति समर्पण
अयोध्या जिले के पांचों वर्तमान विधायक—अभय सिंह (सपा), डॉ. अमित सिंह चौहान (भाजपा), चंद्रभानु पासवान (भाजपा), रामचंद्र यादव (भाजपा) और वेद प्रकाश गुप्ता (भाजपा)—में से अधिकांश ने अपने-अपने राजनीतिक दलों के प्रति स्थिरता और निष्ठा दिखाई है। अभय सिंह को छोड़कर अन्य सभी विधायक ‘आया राम गया राम’ की परंपरा से दूर रहे हैं और अपनी मूल विचारधारा के प्रति समर्पित हैं।
विधायकों का राजनीतिक स्टैंड : कौन है अडिग, कौन है डगमग
क्रम | विधायक का नाम (विधानसभा) | वर्तमान पार्टी | राजनीतिक यात्रा की शुरुआत | प्रमुख दल परिवर्तन | विचारधारा की स्थिति | टिप्पणी |
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1 | अभय सिंह (गोसाईगंज) | समाजवादी पार्टी | बहुजन समाज पार्टी (पूर्व) | बसपा → सपा | डगमग / दलबदलू | पिता और पत्नी भाजपा में शामिल, स्वयं भी रुख बदलने की संभावना |
2 | डॉ. अमित सिंह चौहान (बीकापुर) | भारतीय जनता पार्टी | भाजपा | कोई नहीं | स्थिर विचारधारा | प्रारंभ से भाजपा में, निष्ठावान |
3 | चंद्रभानु पासवान (मिल्कीपुर) | भारतीय जनता पार्टी | भाजपा | कोई नहीं | स्थिर विचारधारा | 2025 उपचुनाव में भाजपा से विजयी |
4 | रामचंद्र यादव (रुदौली) | भारतीय जनता पार्टी | भाजपा | कोई नहीं | स्थिर विचारधारा | प्रारंभ से भाजपा में सक्रिय |
5 | वेद प्रकाश गुप्ता (अयोध्या) | भारतीय जनता पार्टी | भाजपा | कोई नहीं | स्थिर विचारधारा | भाजपा में निरंतर सक्रियता |
- अभय सिंह: भले ही विधायक के रूप में दल न बदला हो, परंतु उनके राजनीतिक परिवेश (परिवार और समर्थकों का भाजपा में जाना) और एनडीए को राज्यसभा चुनाव में दिया समर्थन उन्हें एक संभावित दलबदलू नेता की श्रेणी में ला देता है।
- शेष चार विधायक – डॉ. अमित सिंह चौहान, चंद्रभानु पासवान, रामचंद्र यादव और वेद प्रकाश गुप्ता – अयोध्या जिले के 3 विधायकों का राजनीतिक स्टैंड / जीवन की शुरुआत भाजपा से की और आज भी उसी दल में सक्रिय हैं।