अमेठी जिले के वर्तमान विधायकों का राजनीतिक सफर: विचारधारा और दलबदल का विश्लेषण
अमेठी जिले में चार विधानसभा क्षेत्र हैं—तिलोई, जगदीशपुर (एससी), गौरीगंज, और अमेठी। अमेठी जिले के विधायकों का राजनीतिक सफर विचारधारा की स्थिरता और दलगत निष्ठा के संदर्भ में काफी विविध रहा है। जगदीशपुर से विधायक सुरेश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और अब तक उसी पार्टी में बने हुए हैं, जिससे उनकी विचारधारात्मक स्थिरता स्पष्ट होती है। वहीं, तिलोई से विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह ने 1993 में भाजपा से शुरुआत की, पर 2007 में समाजवादी पार्टी (सपा) में चले गए और 2012 तक वहीं रहे। इसके बाद उन्होंने पुनः भाजपा में वापसी की और 2017 व 2022 में इसी पार्टी से चुनाव जीता, जिससे उनके दल बदलने की प्रवृत्ति सामने आती है। अमेठी सीट से विधायक महाराजी प्रजापति ने सपा से जुड़कर लगातार अपनी राजनीतिक पहचान बनाई और अब तक किसी अन्य दल में नहीं गईं, जिससे उनकी मूल विचारधारा में निरंतरता दिखाई देती है। वहीं गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह ने सपा से चुनाव जीतने के बाद पार्टी छोड़ दी थी, हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने फिर से सपा का दामन थाम लिया। इस प्रकार अमेठी के विधायकों में कुछ विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध रहे हैं तो कुछ ने समय-समय पर राजनीतिक समीकरणों के आधार पर दल बदले हैं।

अमेठी : विधायकों के विचारधारा और दलबदल का विश्लेषण

गौरीगंज विधानसभा: राकेश प्रताप सिंह (सपा)

राकेश प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी (सपा) से तीन बार विधायक चुने गए हैं। हालाँकि, फरवरी 2024 के राज्यसभा चुनाव में उन्होंने क्रॉस वोटिंग कर बगावत का रुख अपनाया था। इसके बाद उनके परिवार के सदस्य भाजपा में शामिल हो गए, लेकिन स्वयं राकेश प्रताप सिंह ने अभी तक पार्टी छोड़ने की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। उनकी भूमिका अभी अस्पष्ट है, लेकिन उनके राजनीतिक रुख में बदलाव के संकेत मिले हैं5।

मूल विचारधारा: समाजवादी आंदोलन से जुड़ाव, लेकिन हाल के दिनों में भाजपा के साथ नजदीकी देखी गई है।

अमेठी विधानसभा: महाराजी प्रजापति (सपा)

महाराजी प्रजापति ने 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के संजय सिंह को हराकर जीत दर्ज की थी। वे सपा के वफादार नेता माने जाते हैं, लेकिन राज्यसभा चुनाव के दौरान उन्होंने “बीमारी” का हवाला देकर वोटिंग से दूरी बनाई और पार्टी कार्यक्रमों में शामिल होने से परहेज किया। इससे उनके दलबदल के संदेह पैदा हुए, हालाँकि अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

मूल विचारधारा: समाजवादी विचारधारा के प्रति निष्ठावान, लेकिन हाल के व्यवहार से पार्टी के भीतर असहमति के संकेत मिलते हैं।

तिलोई विधानसभा: मयंकेश्वर शरण सिंह

मयंकेश्वर शरण सिंह ने अपना राजनीतिक सफर 1993 में भारतीय जनता पार्टी से शुरू किया। 2007 में उन्होंने पार्टी बदलकर समाजवादी पार्टी जॉइन की और 2012 तक सपा से जुड़े रहे। इसके बाद 2017 में वह दोबारा भाजपा में लौटे और 2022 का चुनाव भी भाजपा के टिकट पर जीता।

मूल विचारधारा : भारतीय जनता पार्टी से समाजवादी पार्टी , दोबारा भाजपा में लौटे

जगदीशपुर विधानसभा : सुरेश कुमार

सुरेश कुमार ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से की और 2017 में पहली बार भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने। उन्होंने 2022 में भी भाजपा से चुनाव जीतकर लगातार दूसरी बार विधानसभा में प्रवेश किया। वे अब तक किसी अन्य राजनीतिक दल में नहीं गए हैं।

मूल विचारधारा : भारतीय जनता पार्टी से शुरू,

विचारधारा और दलबदल ~ कौन “मूल विचारधारा वाले”, कौन “दलबदलू”?

विधायक का नामविधानसभा क्षेत्रवर्तमान पार्टीराजनीतिक सफर और दल-बदल की जानकारी
सुरेश कुमारजगदीशपुरभाजपासुरेश कुमार ने 2017 में भाजपा के टिकट पर पहली बार विधानसभा चुनाव जीता और 2022 में पुनः जीत हासिल की। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा से की और अब तक किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं।
मयंकेश्वर शरण सिंहतिलोईभाजपामयंकेश्वर शरण सिंह ने 1993 में भाजपा से राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 2007 में उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) का दामन थामा और 2012 तक सपा में रहे। 2017 में उन्होंने पुनः भाजपा में वापसी की और 2022 में भी भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता।
महराजी प्रजापतिअमेठीसपामहराजी प्रजापति, पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी हैं। उन्होंने 2022 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर अमेठी विधानसभा सीट से चुनाव जीता। उनका राजनीतिक करियर सपा के साथ शुरू हुआ और अब तक उन्होंने किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हुई हैं।
राकेश प्रताप सिंहगौरीगंजसपाराकेश प्रताप सिंह ने 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर पहली बार विधानसभा चुनाव जीता और 2017 तथा 2022 में भी सपा के टिकट पर विजयी रहे। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत सपा से की और अब तक किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं।
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