अमरोहा जिले के विधायकों का राजनीतिक सफर: मूल विचारधारा बनाम दलबदल
अमरोहा जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों—अमरोहा, नौगांव सादात, धनौरा और हसनपुर—के वर्तमान विधायकों का राजनीतिक सफर विचारधारा की स्थिरता और दलगत निष्ठा के संदर्भ में विविध रहा है।
समरपाल सिंह (नौगांव सादात): जनता दल से शुरूआत की और बाद में समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए।
राजीव तरारा (धनौरा): हमेशा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ रहे। मूल विचारधारा वाला।
मेहबूब अली (अमरोहा): जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय परिवर्तन दल, और फिर 2007 से समाजवादी पार्टी के साथ।
महेंद्र सिंह खड़गवंशी (हसनपुर): हमेशा भाजपा के साथ। मूल विचारधारा वाला।
महबूब अली (अमरोहा विधानसभा)
महबूब अली ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1985 में कोऑपरेटिव डेयरी के चेयरमैन पद से की। 1993 में उन्होंने जनता पार्टी के टिकट पर कांठ विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने। बाद में उन्होंने राष्ट्रीय परिवर्तन दल से 2002 में जेल में रहते हुए चुनाव जीता और मायावती सरकार में वक्फ राज्य मंत्री बने। इसके बाद वे समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गए और 2007, 2012, 2017, और 2022 में लगातार सपा के टिकट पर चुनाव जीतते रहे। उनकी राजनीतिक यात्रा में पार्टी परिवर्तन देखा गया है, लेकिन पिछले कई वर्षों से वे सपा के साथ स्थिर रूप से जुड़े हुए हैं।
वर्ष | राजनीतिक दल | पद/स्थिति | विशेष टिप्पणी |
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1985 | — | कोऑपरेटिव डेयरी चेयरमैन | राजनीतिक करियर की शुरुआत |
1993 | जनता पार्टी | विधायक, कांठ विधानसभा | पहली बार विधायक निर्वाचित |
2002 | राष्ट्रीय परिवर्तन दल | विधायक (जेल में रहते हुए) वक्फ राज्य मंत्री | मायावती सरकार में मंत्री बने |
2007 | समाजवादी पार्टी (सपा) | विधायक | सपा से पहली बार चुनाव जीता |
2012 | समाजवादी पार्टी (सपा) | विधायक | लगातार दूसरी बार सपा से चुनाव जीता |
2017 | समाजवादी पार्टी (सपा) | विधायक | तीसरी बार सपा से निर्वाचित |
2022 | समाजवादी पार्टी (सपा) | विधायक | चौथी बार सपा से चुनाव जीतकर विधायक बने |
महबूब अली ने अपने राजनीतिक जीवन में शुरू में दल बदले लेकिन वर्ष 2007 से वे समाजवादी पार्टी के साथ स्थायी रूप से जुड़े हुए हैं।
मूल विचारधारा: समाजवादी सिद्धांतों के प्रति निष्ठावान, लेकिन व्यावहारिक राजनीति में समुदाय-आधारित समीकरणों पर जोर।
समरपाल सिंह (नौगांव सादात विधानसभा)
समरपाल सिंह ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1993 में जनता दल के टिकट पर मुरादाबाद पश्चिम सीट से चुनाव जीतकर की। बाद में वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और 2022 में नौगांव सादात सीट से सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने। उनकी राजनीतिक यात्रा में एक बार पार्टी परिवर्तन देखा गया है, लेकिन वर्तमान में वे सपा के साथ जुड़े हुए हैं।
राजीव तरारा (धनौरा विधानसभा)
राजीव तरारा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2015 में जिला पंचायत सदस्य के रूप में की। 2017 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर धनौरा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने और 2022 में पुनः भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। उनकी राजनीतिक यात्रा में कोई पार्टी परिवर्तन नहीं देखा गया है, जिससे उनकी विचारधारा की स्थिरता स्पष्ट होती है।
महेंद्र सिंह खड़गवंशी (हसनपुर विधानसभा)
महेंद्र सिंह खड़गवंशी ने 2017 में भाजपा के टिकट पर हसनपुर सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने और 2022 में पुनः भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। उनकी राजनीतिक यात्रा में कोई पार्टी परिवर्तन नहीं देखा गया है, जिससे उनकी विचारधारा की स्थिरता स्पष्ट होती है।UP News
कौन हैं मूल विचारधारा वाले, कौन दलबदलू?
विधायक का नाम | विधानसभा क्षेत्र | वर्तमान पार्टी | पार्टी परिवर्तन | विचारधारा की स्थिरता |
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महबूब अली | अमरोहा | सपा | हाँ | मध्यम |
समरपाल सिंह | नौगांव सादात | सपा | हाँ | मध्यम |
राजीव तरारा | धनौरा | भाजपा | नहीं | उच्च |
महेंद्र सिंह खड़गवंशी | हसनपुर | भाजपा | नहीं | उच्च |
राजीव तरारा और महेंद्र सिंह खड़गवंशी ने अपने राजनीतिक करियर में किसी पार्टी परिवर्तन के बिना स्थिर विचारधारा का पालन किया है, जबकि महबूब अली और समरपाल सिंह ने अपने करियर में पार्टी परिवर्तन किया है, जिससे उनकी विचारधारा की स्थिरता मध्यम स्तर की मानी जा सकती है।