राजनीति में विचारधारा और सिद्धांतों का महत्व क्या है? क्या जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि वास्तव में अपने दल के मूल आदर्शों पर टिके रहते हैं, या फिर सत्ता और सुविधा के लिए वे आसानी से अपनी निष्ठा बदल लेते हैं? बलरामपुर जिले के विधायकों का राजनीतिक सफर में कुछ नेता ऐसे हैं जो दशकों से एक ही विचारधारा से जुड़े हैं, जबकि कुछ ऐसे भी हैं जिनका रंग बदलना उनकी पहचान बन चुका है।

बलरामपुर जिले के विधायकों का राजनीतिक सफर

पलटू राम (बलरामपुर सदर, भाजपा)

पलटू राम ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2000 में जिला पंचायत सदस्य के रूप में की थी। 2007 में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामा और 2017 में बलरामपुर सदर सुरक्षित सीट से विधायक चुने गए। 2022 में उन्होंने पुनः जीत हासिल की। उनकी यह यात्रा दर्शाती है कि उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए दल बदल किया, जिससे वे ‘आया राम गया राम’ की श्रेणी में आते हैं।

कैलाश नाथ शुक्ल (तुलसीपुर, भाजपा)

कैलाश नाथ शुक्ल ने 2017 में भाजपा के टिकट पर बलरामपुर जिले के तुलसीपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने। 2022 में उन्होंने पुनः जीत हासिल की। उनकी राजनीतिक यात्रा में किसी अन्य पार्टी में जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है, जिससे वे निष्ठावान विधायक माने जाते हैं।

राम प्रताप वर्मा (उतरौला, भाजपा)

राम प्रताप वर्मा, जिन्हें शशिकांत वर्मा के नाम से भी जाना जाता है, ने 2017 में भाजपा के टिकट पर उतरौला विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने। 2022 में उन्होंने पुनः जीत हासिल की। उनकी राजनीतिक यात्रा में किसी अन्य पार्टी में जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है, जिससे वे निष्ठावान विधायक माने जाते हैं।

राकेश कुमार यादव (गैंसड़ी, सपा)

राकेश कुमार यादव ने 2024 के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर गैंसड़ी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने। उनके पिता, स्वर्गीय शिव प्रताप यादव, भी सपा से चार बार विधायक रह चुके हैं। राकेश कुमार यादव की राजनीतिक यात्रा में किसी अन्य पार्टी में जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है, जिससे वे निष्ठावान विधायक माने जाते हैं।

बलरामपुर जिले के वर्तमान विधायकों में से अधिकांश ने अपनी राजनीतिक यात्रा में एक ही पार्टी के प्रति निष्ठा बनाए रखी है, जिससे वे निष्ठावान विधायक माने जाते हैं। हालांकि, पलटू राम ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए दल बदल किया, जिससे वे ‘आया राम गया राम’ की श्रेणी में आते हैं।

बलरामपुर जिले के विधायकों की राजनीतिक निष्ठा: मूल विचारधारा बनाम दलबदलू

विधायक का नामनिर्वाचन क्षेत्रवर्तमान दलराजनीतिक यात्रानिष्ठा की श्रेणी
पलटू रामबलरामपुर सदर (सुरक्षित)भाजपा2000 में जिला पंचायत सदस्य बने। 2007 में बसपा से चुनाव हारे, बाद में भाजपा में शामिल होकर 2017 और 2022 में जीते।दलबदलू (आया राम-गया राम)
कैलाश नाथ शुक्लतुलसीपुरभाजपा2017 से भाजपा के टिकट पर लगातार दो बार विधायक। कभी दल नहीं बदला।निष्ठावान
राम प्रताप वर्मा (शशिकांत वर्मा)उतरौलाभाजपा2017 से भाजपा के टिकट पर लगातार दो बार विधायक। किसी अन्य दल में जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं।निष्ठावान
राकेश कुमार यादवगैंसड़ीसपा2024 में सपा से पहली बार विधायक बने। उनके पिता भी सपा से चार बार विधायक रहे। कभी दल नहीं बदला।निष्ठावान
  • निष्ठावान विधायक: कैलाश नाथ शुक्ल, राम प्रताप वर्मा और राकेश कुमार यादव ने कभी दल नहीं बदला, जो उन्हें मूल विचारधारा के प्रति वफादार साबित करता है।
  • दलबदलू विधायक: पलटू राम ने बसपा छोड़कर भाजपा का दामन थामा, जिससे उनकी राजनीतिक निष्ठा पर सवाल उठते हैं।

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