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बुलंदशहर जिले के विधायक : देखें कौन है वफादार, कौन पलटा मौका देखकर!

बुलंदशहर जिले के विधायक Aaya Ram Gaya Ram MLAs of Bulandshahr 2022

बुलंदशहर जिले के विधायक Aaya Ram Gaya Ram MLAs of Bulandshahr 2022

बुलंदशहर जिले के विधायक : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की सातों विधानसभा सीटों पर 2022 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एकतरफा जीत दर्ज की। सभी सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को भारी मतों से पराजित किया।

बुलंदशहर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रदीप चौधरी ने सपा-रालोद गठबंधन के मोहम्मद यूनुस को 25,830 वोटों के अंतर से हराया।

स्याना सीट पर देवेंद्र सिंह लोधी ने राष्ट्रीय लोक दल के दिलनवाज खान को 89,657 मतों के भारी अंतर से पराजित किया, जो जिले की सबसे बड़ी जीतों में शामिल रही।

अनूपशहर सीट से भाजपा के संजय कुमार शर्मा ने बसपा के रामेश्वर लोधी को 73,048 वोटों के अंतर से हराकर शानदार जीत दर्ज की।

डिबाई विधानसभा सीट से चंद्रपाल सिंह ने सपा-रालोद गठबंधन के हरीश लोधी को 68,025 वोटों से शिकस्त दी।

खुर्जा सीट पर मीनाक्षी सिंह ने सपा-रालोद के बंशी पहाड़िया को 67,084 मतों से हराकर भाजपा की सीट बचाए रखी।

सिकंदराबाद सीट से लक्ष्मीराज सिंह ने सपा-रालोद गठबंधन के राहुल यादव को 29,343 वोटों से पराजित किया।

शिकारपुर सीट पर भाजपा के अनिल शर्मा ने किरनपाल सिंह को 55,683 वोटों के अंतर से हराया।

बुलंदशहर जिले के विधायक : कौन है मूल विचारधारा का सच्चा सिपाही और कौन दलबदलू

1. बुलंदशहर : प्रदीप चौधरी ( भाजपा )

प्रदीप चौधरी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत वर्ष 2016 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतकर की थी। यह उनका पहला निर्वाचित पद था, जिसने स्थानीय राजनीति में उनकी पहचान बनाई। इसके बाद 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के गठन के दौरान, प्रदीप चौधरी ने तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष हरेंद्र यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में एक प्रमुख भूमिका निभाई। इस रणनीतिक चाल के बाद हुए चुनाव में वह स्वयं जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए और दो वर्षों तक इस पद पर कार्य किया।

हालाँकि, वर्ष 2019 में उनके खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, जिसमें 48 सदस्यों ने विरोध में मतदान किया और उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस झटके के बावजूद उन्होंने राजनीति से हार नहीं मानी और पार्टी में सक्रिय बने रहे।

आखिरकार, 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने बुलंदशहर सदर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और बड़ी जीत दर्ज की।

विचारधारा में स्थिरता

2. स्याना : देवेंद्र सिंह लोधी ( भाजपा )

देवेंद्र सिंह लोधी ने 2017 में पहली बार स्याना विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतकर अपने विधानसभा राजनीतिक सफर की शुरुआत की। यह जीत उन्हें जनता से मिले व्यापक समर्थन का परिणाम थी।

इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने लगभग 89,657 मतों के भारी अंतर से पुनः जीत दर्ज की, जिससे स्पष्ट हुआ कि क्षेत्र की जनता में उनकी लोकप्रियता और कार्यशैली को लेकर गहरी स्वीकार्यता है। इस जीत ने उन्हें दो बार लगातार विधायक बनने का गौरव दिलाया।

2024 में, उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा की “सार्वजनिक उपक्रम एवं नियम समिति” का सदस्य नियुक्त किया गया।

विचारधारा में स्थिरता

3. अनूपशहर : संजय कुमार शर्मा ( भाजपा )

संजय शर्मा लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। उनका राजनीतिक सफर पार्टी के संगठनात्मक ढांचे के साथ कदम से कदम मिलाकर चला है। उन्होंने निकाय कोटे से विधान परिषद सदस्य (MLC) का चुनाव भी लड़ा, हालांकि उस समय उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा।

2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी के रूप में अनूपशहर सीट से चुनाव लड़ा और 73,048 वोटों के बड़े अंतर से विजय हासिल की।

विचारधारा में स्थिरता

4. डिबाई : चंद्रपाल सिंह  ( भाजपा )

चंद्रपाल सिंह लोधी का राजनीतिक सफर समाज सेवा से शुरू हुआ। उनकी राजनीतिक दिशा को बाबूजी कल्याण सिंह और राजू भैया जैसे वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, जिससे उनके विचारों में परिपक्वता और नेतृत्व में दृढ़ता आई।

2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने डिबाई विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। उन्होंने चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी हरीश लोधी को 68,025 वोटों के बड़े अंतर से हराकर न केवल सीट पर कब्जा जमाया, बल्कि अपनी राजनीतिक क्षमता और जनसमर्थन का भी परिचय दिया।

विचारधारा में स्थिरता

5. खुर्जा : मीनाक्षी सिंह ( भाजपा )

मीनाक्षी सिंह का राजनीतिक सफर वर्ष 2017 में शुरू हुआ, जब उन्होंने पहली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से टिकट के लिए दावेदारी की। उस समय पार्टी ने वरिष्ठ नेता विजेंद्र सिंह को प्राथमिकता दी.

2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव मीनाक्षी सिंह के लिए एक मील का पत्थर साबित हुए। इस बार भाजपा ने उन्हें खुर्जा विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया। उन्होंने सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी बंशी पहाड़िया को 67,084 वोटों के भारी अंतर से हराया।

विचारधारा में स्थिरता

6. सिकंदराबाद : लक्ष्मीराज सिंह ( भाजपा )

लक्ष्मीराज सिंह का राजनीतिक सफर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष के रूप में शुरू हुआ। बुलंदशहर के आई.पी. महाविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया और युवाओं के बीच लोकप्रियता हासिल की।

2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में लक्ष्मीराज सिंह को सिकंदराबाद विधानसभा सीट से भाजपा का टिकट मिला। इस चुनाव में उन्होंने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद और पूर्व एमएलसी जितेंद्र यादव के पुत्र राहुल यादव को कड़े मुकाबले में 29,343 वोटों के भारी अंतर से हराकर एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

विचारधारा में स्थिरता

7. शिकारपुर : अनिल शर्मा ( भाजपा )

अनिल शर्मा का राजनीतिक सफर वर्ष 1989 में शुरू हुआ जब वे सुरजावली गाँव के प्रधान निर्विरोध चुने गए।

वर्ष 2002 में अनिल शर्मा को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने खुर्जा विधानसभा सीट से टिकट दिया, जहाँ से वे पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद 2007 में उन्होंने इसी सीट से पुनः जीत दर्ज की। हालांकि, परिसीमन के कारण जब खुर्जा सीट सुरक्षित हो गई, तो उन्होंने अपनी राजनीतिक दिशा शिकारपुर विधानसभा सीट की ओर मोड़ ली।

2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बसपा के टिकट पर शिकारपुर से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें समाजवादी पार्टी के मुकेश शर्मा से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद, 2017 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामा और उसी वर्ष शिकारपुर सीट से जीतकर तीसरी बार विधायक बने।

2022 में उन्होंने अपने राजनीतिक अनुभव और मजबूत जनाधार का प्रभाव दिखाया और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के उम्मीदवार किरणपाल सिंह को 55,683 वोटों के भारी अंतर से हराकर चौथी बार विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया।

अपने राजनीतिक जीवन में अनिल शर्मा ने एक ओर मायावती जैसे मजबूत नेतृत्व का साथ दिया, वहीं दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री के रूप में कार्य कर अपने को विश्वासपात्र नेताओं की सूची में शामिल किया।

विचारधारा में अंतर

अनिल शर्मा, शिकारपुर से बुलंदशहर जिले के एकमात्र विधायक हैं जिनकी राजनीतिक यात्रा बसपा से शुरू होकर भाजपा तक पहुँची है। जबकि बाकी 6 विधायक अपनी मूल विचारधारा में स्थिर रहे हैं।

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