बस्ती जनपद के विधायकों की राजनीतिक यात्रा: निष्ठा बनाम दलबदल
निष्ठा बनाम दलबदल : बस्ती जिले की राजनीति में विभिन्न विचारधाराओं और राजनीतिक रुझानों का मिश्रण देखने को मिलता है। कुछ नेता वर्षों से अपनी पार्टी के प्रति निष्ठावान विधायक के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए हैं, तो कुछ के राजनीतिक सफर में दलबदल स्पष्ट रूप से झलकता है। बस्ती जिले में पांच विधान सभा सीटें हैं। इनमें हर्रैया, कप्तानगंज, रूधौली, बस्ती सदर, महादेवा विधान सभा शामिल हैं। नीचे बस्ती जनपद के प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों की राजनीतिक यात्रा का सारांश प्रस्तुत है:
बस्ती सदर – महेंद्र नाथ यादव (समाजवादी पार्टी)
महेंद्र नाथ यादव की राजनीतिक यात्रा एक समर्पित समाजवादी कार्यकर्ता की मिसाल है। वर्ष 2000 में उन्होंने सपा से जुड़ाव बनाया। 2003 में वे लोहिया वाहिनी के जिलाध्यक्ष बने और 2005 से 2015 तक जिला पंचायत सदस्य के रूप में सक्रिय रहे। 2019 में उन्हें सपा का जिलाध्यक्ष बनाया गया और 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी के रूप में भारी मतों से जीत दर्ज कर विधायक बने।
श्रेणी: निष्ठावान विधायक
महादेवा – दूधराम (सुभासपा, सपा गठबंधन)
दूधराम का राजनीतिक सफर दलबदल की मिसाल है। उन्होंने 2002 में बसपा से चुनाव लड़ा और 2007 में बसपा विधायक बने। इसके बाद राजनीतिक रुझान बदलते हुए, 2020 में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए और 2022 के चुनाव में सुभासपा (सपा गठबंधन) से चुनाव लड़कर विधायक निर्वाचित हुए।
श्रेणी: आया राम गया राम
कप्तानगंज – कविंद्र चौधरी उर्फ अतुल चौधरी (समाजवादी पार्टी)
कविंद्र चौधरी, जिन्हें अतुल चौधरी के नाम से भी जाना जाता है, का राजनीतिक सफर उनके पिता राम प्रसाद चौधरी की विरासत से प्रभावित है। राम प्रसाद चौधरी बसपा में सक्रिय थे, बाद में सपा में शामिल हो गए। इसी कड़ी में अतुल चौधरी ने 2022 में सपा से विधायक बनकर जीत हासिल की।
श्रेणी: निष्ठावान विधायक
हर्रैया – अजय सिंह (भारतीय जनता पार्टी)
अजय सिंह ने युवावस्था से ही भाजपा से जुड़ाव बनाए रखा। वर्षों की निष्ठा और पार्टी के प्रति समर्पण के परिणामस्वरूप 2022 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज कर विधायक बने। उनके राजनीतिक सफर में कोई दल-बदल नहीं हुआ।
श्रेणी: निष्ठावान विधायक
रुधौली – राजेन्द्र प्रसाद चौधरी (समाजवादी पार्टी)
राजेन्द्र प्रसाद चौधरी हमेशा से सपा के प्रति समर्पित रहे हैं। उन्होंने अपनी राजनीतिक पहचान एक स्थिर और ईमानदार कार्यकर्ता के रूप में बनाई। 2022 में वे सपा से विधायक निर्वाचित हुए।
श्रेणी: निष्ठावान विधायक
बस्ती जनपद के विधायकों की राजनीतिक यात्रा: निष्ठा बनाम दलबदल
बस्ती जिले के राजनीतिक परिदृश्य में महेंद्र नाथ यादव, अजय सिंह, और राजेन्द्र प्रसाद चौधरी जैसे नेता राजनीतिक निष्ठा के प्रतीक हैं, जबकि दूधराम और अतुल चौधरी का सफर दल-बदल और अवसरवादिता की ओर संकेत करता है।
विधानसभा क्षेत्र | विधायक का नाम | वर्तमान पार्टी | राजनीतिक यात्रा का सारांश | श्रेणी |
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बस्ती सदर | महेंद्र नाथ यादव | समाजवादी पार्टी | 2000 में सपा से जुड़ाव, 2003 में लोहिया वाहिनी के जिलाध्यक्ष, 2005-2015 तक जिला पंचायत सदस्य, 2019 में सपा जिलाध्यक्ष, 2022 में विधायक निर्वाचित | निष्ठावान विधायक |
महादेवा | दूधराम | सुभासपा (सपा गठबंधन) | 2002 में बसपा से चुनाव लड़ा, 2007 में बसपा विधायक, 2020 में सपा में शामिल, 2022 में सुभासपा से विधायक निर्वाचित | आया राम गया राम |
कप्तानगंज | कविंद्र चौधरी (अतुल चौधरी) | समाजवादी पार्टी | पिता राम प्रसाद चौधरी ने बसपा से सपा में प्रवेश किया, अतुल चौधरी ने सपा से 2022 में चुनाव जीतकर विधायक बने | आया राम गया राम |
हर्रैया | अजय सिंह | भारतीय जनता पार्टी | युवावस्था से ही भाजपा से जुड़ाव, 2022 में भाजपा से विधायक निर्वाचित | निष्ठावान विधायक |
रुधौली | राजेन्द्र प्रसाद चौधरी | समाजवादी पार्टी | सपा से जुड़े रहे, 2022 में विधायक निर्वाचित | निष्ठावान विधायक |